रूस सरकार देशभक्ति की एक अलग ही परिभाषा पेश कर रही है. सरकार के खिलाफ कुछ कहना या लिखना तो दूर, सोशल मीडिया पर सरकार का मजाक उड़ाने वाली पोस्ट को लाइक या शेयर करना भी अपराध है.
विज्ञापन
आनास्तासिया बुबेयेवा अपने कंप्यूटर पर एक स्क्रीनशॉट दिखाती हैं. टूथपेस्ट की ट्यूब की तस्वीर है, जिस पर लिखा है, "स्क्वीज रशिया आउट ऑफ यॉरसेल्फ" यानी रूस को खुद से निकाल बाहर करें. इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर डालने के लिए उनके पति को दो साल कैद की सजा सुनाई गयी है. कमाल की बात यह है कि उन्होंने यह तस्वीर अपने कुल 12 दोस्तों के ही साथ शेयर की थी.
रूस के लिए यह अकेला मामला नहीं है. पिछले साल "आपत्तिजनक टिपण्णी" करने के आरोप में 54 लोगों को सजा हुई. इन सबने इंटरनेट के जरिये सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की कोशिश की थी. मॉस्को स्थित मानवाधिकार संगठन सोवा के अनुसार जहां 2010 में "हेट स्पीच" के लिए 92 लोगों को दोषी करार दिया गया था, वहीं 2015 में यह संख्या बढ़ कर 233 हो चुकी है.
कानून की दुहाई
दरअसल साल 2002 में रूस में चरमपंथ से निपटने के लिए एक नया कानून बनाया गया. कानून का मकसद तो देश और संविधान की रक्षा है लेकिन जिस तरह से इसे लिखा गया है, सरकार इसकी अपने मन मुताबिक व्याख्या करने लगी है. ऐसे में नाजी विचारधारा दिखाने वालों से लेकर सोशल मीडिया पर अपने विचार अभिव्यक्त करने वालों तक, सभी को देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वाला माना जा सकता है. इसके बाद फरवरी 2014 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक और विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसने देश के खिलाफ कुछ भी कहने को गुनाह बना दिया है. सोशल मीडिया में अपने पर्सनल अकाउंट पर लिखी हुई बात को भी अपराध माना जा सकता है. हालांकि अंतिम फैसला अदालत का ही होता है लेकिन रूस में अदालत और सरकार के फैसलों में खास फर्क देखने को नहीं मिलता.
इंटरनेट में चल रही अधिकतर बहस रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर होती है. आनास्तासिया बुबेयेवा के पति आंद्रेय भी उन्हीं लोगों में से हैं जो यूक्रेन को ले कर सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहे थे. अधिकारियों ने फोन के जरिये उनसे संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन वह काम के सिलसिले में शहर से बाहर थे और अधिकारी उन तक पहुंच नहीं पाए, इसलिए उन्हें चरमपंथियों की वॉन्टेड लिस्ट में डाल दिया गया. जब वह अपने परिवार से मिलने के लिए लौटे, तो खुफिया एजेंसी ने घर पर छापा मार कर उन्हें गिरफ्तार किया.
रेड के दौरान उनके चार साल के बेटे को आंख पर चोट भी आई. इसके कुछ महीनों बाद 40 वर्षीय आंद्रेय को एक साल की सजा सुनाई गयी. लेकिन फैसले के दो ही हफ्तों बाद उन पर एक और धारा लगा कर एक और साल की सजा दी गयी. अदालत के अनुसार उनका अपराध था कि उन्होंने यूक्रेन समर्थकों के आर्टिकल, फोटो और वीडियो "शेयर" किए. टूथपेस्ट वाली तस्वीर शेयर कर उन्होंने "रूस की सत्यनिष्ठा को आहत किया".
इंटरनेट में कैसे रहें सतर्क
आप इंटरनेट में इस वक्त इस वेबसाइट पर ये तस्वीरें देख रहे हैं, यह बात सिर्फ आप ही नहीं जानते. इंटरनेट में मौजूद हैकर भी आपको यह करते देख रहे हैं. जानिए कैसे रहें इंटरनेट में सतर्क.
तस्वीर: Fotolia/davidevison
अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए ने केवल अमेरिकी नागरिकों और नेताओं की ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोगों की जासूसी की. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के मोबाइल फोन की जासूसी पर काफी बवाल खड़ा हुआ.
तस्वीर: Reuters
फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के पास आपकी अलग अलग जानकारी होती है. पूरी जानकारी को कंपनी का हर सदस्य नहीं देख सकता है. उनके पास आपका नियमित डाटा होता है, वे आपके मेसेज नहीं खोल सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
लेकिन जब खुफिया एजेंसी के पास आपके कंप्यूटर पर चल रहे माइक्रोसॉफ्ट प्रोसेसर से लेकर आपके गूगल, फेसबुक और दूसरे अहम अकाउंट की जानकारी होती है तो उनके पास सब कुछ होता है.
तस्वीर: imago/mm images/peoplestock
इन एजेंसियों के पास ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं कि वे जब चाहें आपके कंप्यूटर से खुद अपने कंप्यूटर को जोड़ कर आपकी हर हरकत का पता कर सकते हैं.
तस्वीर: Fotolia/Nikolai Sorokin
हालांकि अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित कानून के अनुसार केवल जिस व्यक्ति पर शक है, उसके अकाउंट से जुड़ी जानकारी के लिए खुफिया एजेंसी को पहले अदालत से अनुमति लेनी होती है. इसके आधार पर उन्हें इंटरनेट कंपनियां सर्वर तक की पहुंच देती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
थोड़ी बहुत इंटरनेट जासूसी सभी देशों की सरकार करती है. यह देश की सुरक्षा के लिए अहम भी है. इसमें कंप्यूटर के डाटा के साथ साथ आपके फोन की सारी जानकारी भी मौजूद है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
बड़े कैमरे से कोई आप पर नजर रखे तो आप उस से बच भी सकते हैं, लेकिन जासूसी ऐसे स्तर पर हो रही है कि आईक्लाउड और एयर एंड्रॉयड जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी सुरक्षित नहीं है.
तस्वीर: Imago/Chromorange
ऐसा नहीं है कि ये मामले यहीं थम जाएंगे. ऐसे सिस्टम की कमी है जो निजता को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए आश्वस्त कर सके.
तस्वीर: picture alliance/ZB
8 तस्वीरें1 | 8
वीकॉन्टॅक्ट पर लाइक और शेयर
आंद्रेय की पत्नी आनास्तासिया का कहना है कि यह वैसा ही है जैसे लोग अखबारों के लेख जमा करते हैं और अपने पास रखते हैं. उनका सवाल है कि जिस व्यक्ति के पास सोशल मीडिया में महज 12 दोस्त हों, वह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा कैसे हो सकता है, खास कर जब वह खुद कुछ नहीं लिख रहा है.
आंद्रेय ने यह पोस्ट रूस की लोकप्रिय सोशल मीडिया वेबसाइट वीकॉन्टॅक्ट पर शेयर की थी. यह वेबसाइट फेसबुक की ही तरह काम करती है. आंद्रेय के वकील का कहना है कि उनके अकाउंट की सेटिंग भी कुछ इस प्रकार थी कि शेयर या लाइक की हुई पोस्ट केवल उन्हें और उनके 12 दोस्तों को ही दिख सकती थी। ऐसे में खुफिया एजेंसियों तक बात कैसे पहुंची?
पिछले महीनों में जिन लोगों को "हेट स्पीच" के मामलों में सजा सुनाई गयी है, उनमें से लगभग आधे वीकॉन्टैक्ट के ही कारण मुसीबत में फंसे हैं.
आईबी/वीके (आईपी)
DW का ऐप है न आपके फोन में? उसमें हिंदी सिलेक्ट किया है?
ऐसा होगा हमारा गूगल फ्यूचर
इंटरनेट का चेहरा बदलने के बाद अब गूगल हमारी आम जिंदगी भी बदलने जा रहा है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचई इसका एलान भी कर चुके हैं. कैसा होगा हमारा गूगल फ्यूचर.
तस्वीर: samhoud media
गूगल एसिस्टेंट
ये फोन में छुपा एक स्मार्ट सहायक होगा. शुरुआत में एप्पल से पिछड़ने के बावजूद गूगल का दावा है उसका एसिस्टेंट एप्पल के सिरी से ज्यादा स्मार्ट होगा. आपके एक निर्देश पर फोन खुद बात करके टैक्सी या एंबुलेंस को बुला लेगा. जटिल से जटिल सवालों का भी ये एसिस्टेंट आपको पढ़कर ऑडियो उत्तर देगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Roessler
हमसाया सा एसिस्टेंट?
आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की मदद से गूगल एसिस्टेंट आपके व्यवहार पर नजर रखेगा. यह आपकी भाषा और लिखने के तरीके को भी याद करेगा. धीरे धीरे एसिस्टेंट आपको इतना करीब से जानने लगेगा कि वह हर चीज में मदद करने लगेगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
दुनिया देखने का नया अंदाज
सुंदर पिचई के मुताबिक आप न्यूयॉर्क में कहीं खड़े हो जाइये, एक फोटो लीजिए और गूगल एसिस्टेंट से पूछिये कि यह ईमारत किसने डिजायन की. सहायक तुरंत आपको सटीक जानकारी मुहैया करा देगा. आप फोटो लेकर पेड़ पौधों या अथाह चीजों के नाम खोज सकते हैं और उनकी जानकारी भी पा सकते हैं.
तस्वीर: picture alliance/Arco Images
कम होगी टेंशन
फिलहाल गूगल मैप्स मंजिल तक तो पहुंचा देता है, लेकिन खाली पार्किंग की जानकारी नहीं दे पाता. भविष्य में गूगल एसिस्टेंट और मैप साथ में काम करेंगे और गाड़ी पार्क करने की जगह भी बताएंगे. साथ ही फ्लाइट, सिनेमा, स्टेडियम, ट्रेन या किसी इवेंट की बुकिंग का भी ख्याल फोन रखेगा.
एंड्रॉयड एन
स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम में फिलहाल गूगल के एंड्रॉयड और एप्पल के आईओएस का ही दबदबा है. इस कड़े मुकाबले में आगे निकलने के लिए गूगल ने एंड्रॉयड एन पेश किया है. इसमें मोबाइल स्क्रीन पर एक साथ दो ऐप चलाए जा सकते हैं. फिलहाल एक बार में एक ही ऐप इस्तेमाल किया जा सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Kerkmann
इनस्टेंट ऐप
अभी नया ऐप इनस्टॉल करने के लिए डाउनलोड पूरा होने का इंतजार किया जाता है. कभी कभार इसमें बहुत समय लगता है. इनस्टेंट ऐप इस झंझट से निजात दिलाएगा. डाउनलोड शुरू होते ही आप ऐप के कई फीचर्स इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/Google
डेड्रीम
गूगल ने अपनी आभासी दुनिया को डेड्रीम नाम दिया है. एप्पल, फेसबुक या सैमसंग के उलट गूगल की आभासी दुनिया में किसी भी स्मार्टफोन से दाखिल हुआ जा सकेगा.
तस्वीर: TU Bergakademie Freiberg/Wolfgang Thieme
ऑलओ
ऑलओ के जरिये गूगल फेसबुक की मैसेजिंग सर्विस व्हॉट्सऐप को टक्कर देना चाहता है. ऑलओ गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर होगा. जैसे किसी दोस्त ने मुस्कुराती हुई तस्वीर भेजी तो यह "बहुत सुंदर फोटो" जैसा संदेश तैयार कर लेगा. मैसेजिंग बॉक्स के अहम संदेश भी याद दिलाएगा.
तस्वीर: picture-alliance/HOCH ZWEI
ऑल इन वन
अलग अलग ब्रांड के टीवी, स्मार्टफोन या कंप्यूटर को फिलहाल एक दूसरे से कनेक्ट करना आसान नहीं होता. किसी में कुछ इनस्टॉल करना पड़ता है, किसी में कुछ. सुंदर पिचई ने एलान किया है कि गूगल इस दीवार को गिरा देगा. अलग अलग मशीनों को आपस में कनेक्ट करना आसान कर देगा. गूगल ने अपना होम थिएटर भी लाएगा.
तस्वीर: Fotolia/Matthias Buehner
कब होगा ऐसा
गूगल के मुताबिक 2016 के अंत से यह नई चीजें बाजार में आने लगेंगी. ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल एसिस्टेंस नेक्सस फोन के नए वर्जन के साथ आएंगे.