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ऑस्ट्रेलिया में जलवायु परिवर्तन का असर फसलों पर भी

१८ फ़रवरी २०२०

ऑस्ट्रेलिया के सबसे गर्म और सूखे साल की वजह से फसल उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर कम दर्ज हुआ है. आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक गर्मी की फसल में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट दर्ज की जा सकती है.

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तस्वीर: Getty Images/P. Parks

ऑस्ट्रेलिया के कृषि विभाग ने आशंका जताई है कि ज्वार, कपास और चावल जैसी फसलों का उत्पादन 66 फीसदी तक गिर सकता है. 1980-81 में रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था शुरू होने के बाद इस बार फसल उत्पादन सबसे निचले स्तर पर जा सकता है. सांख्यिकी विभाग के वरिष्ठ अर्थशास्त्री पीटर कॉलिन्स का कहना है, "इस अवधि में बड़े अंतर में सबसे कम गर्मी की फसल का उत्पादन हुआ है." फरवरी की शुरुआत में हुई बारिश किसानों की मदद उतनी नहीं कर पाई जितनी की उन्हें उम्मीद थी.

आग के कारण कई हजार एकड़ जमीन नष्ट हुई.तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Rycroft

ऑस्ट्रेलिया में कई खेत तीन या उससे अधिक साल से सूखे की चपेट में हैं. 2019 में बारिश 1902 के रिकॉर्ड स्तर से कम हुई और तापमान में भी 0.2 डिग्री की बढ़त दर्ज की गई. तापमान ने 2013 का रिकॉर्ड तोड़ दिया. ऑस्ट्रेलिया दुनिया के प्रमुख कृषि उत्पादकों में से एक है और जीडीपी में इसकी भागीदारी तीन फीसदी है.

जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा और उसके बाद जंगलों में लगी आग से एक करोड़ हेक्टेयर की भूमि बर्बाद हो चुकी है. इसी साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने आग से हुई तबाही से उबरने के लिए सरकार की ओर से एक अरब चालीस करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि की घोषणा की थी.
इस राशि का इस्तेमाल एक नई संस्था नेशनल बुशफायर रिकवरी एजेंसी के लिए होगी. घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा था कि, "यहां इंसानी जिंदगी की कीमत और लोगों की जिंदगियों को फिर से खड़ा करने करने पर हमारा ध्यान केंद्रित है." दूसरी ओर पिछले दिनों दुनिया के शीर्ष 250 वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार से जलवायु परिवर्तन को लेकर तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया था. वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन और जंगलों की आग को जोड़ते हुए वैज्ञानिक अध्ययन पेश किया था.

वैज्ञानिकों ने अपने हस्ताक्षर वाले बयान में ऑस्ट्रेलिया से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और नेट जीरो को लेकर वैश्विक संधि में रचनात्मक रूप से भाग लेने को कहा. आलोचकों का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जंगल की आग का मौसम लंबा खींच गया. ऑस्ट्रेलिया में जंगल में आग लगना सामान्य है लेकिन आग इस बार सामान्य से बहुत पहले शुरू हो गई. आग की वजहों से तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंच गया था. ऑस्ट्रेलिया में आग की वजह से 33 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 4,000 के करीब मवेशी भी मारे गए थे.

एए/एनआर (एएफपी)

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