ईरान के विदेश मंत्रालय ने कई यूरोपीय संगठनों और लोगों प्रतिबंध लगाने का एलान किया है. इनमें डीडब्ल्यू की फारसी सेवा भी शामिल है.
विज्ञापन
ईरान ने बुधवार को डीडब्ल्यू की फारसी सेवा को भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया. ताजा प्रतिबंधों की सूची में जर्मनी की दो कंपनियां और जर्मन अखबार बिल्ड के दो संपादकों के नाम भी शामिल हैं.
डीडब्ल्यू जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय प्रसारण सेवा है. इसकी फारसी सेवा जर्मनी के बॉन शहर से काम करती है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर प्रतिबंधों का एलान किया और सूची में शामिल संगठनों पर "आतंकवाद का समर्थन" करने का आरोप लगाया है. जिन लोगों पर प्रतिबंध लगा है वो ईरान की यात्रा नहीं कर सकेंगे और ईरान में उनकी अगर कोई संपत्ति हुई, तो वह जब्त कर ली जाएगी.
ईरान प्रदर्शनकारियों को अकसर "आतंकवादी" कहता है. इसी साल 16 सितंबर को22 साल की कुर्दिश महिला महसा अमीनीकी हिरासत में मौत के बाद से देश में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चल रहा है. दुनिया के कई और देशों में भी लोगों ने प्रदर्शन कर हिजाब जलाया है और महिलाओं ने अपनी चोटियां काटी है. महसा अमीनी को हिजाब नहीं पहनने के कारण हिरासत में लिया गया था.
ईरान की महिलाओं के समर्थन में दुनिया भर में रैलियां और ग्राफीटी
ईरान में चल रहे महिलाओं के प्रदर्शनों के समर्थन में दुनिया भर में ग्राफीटी कलाकार कला का सृजन कर रहे हैं. साथ ही कई देशों में उनके समर्थन में रैलियों का आयोजन भी किया जा रहा है.
तस्वीर: Francois Mori/AP/picture alliance
ईरानी दूतावास, मेक्सिको सिटी
एक महिला मेक्सिको सिटी में ईरानी दूतावास की एक दीवार पर "माचो कंट्री" ईरान के खिलाफ सन्देश स्प्रे-पेंट कर रही हैं. ऐसा वो ईरानी महिलाओं के साथ एकजुटता में और ईरानी पुलिस की कार्रवाई में मारी गईं 22 साल की महसा अमीनी की याद में कर रही हैं. ईरान की नैतिकता पुलिस ने अमीनी को महिलाओं के लिए बने एक कड़े ड्रेस कोड के कथित उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया था.
तस्वीर: Gerardo Vieyra/NurPhoto/picture alliance
फ्रैंकफुर्ट में प्रदर्शन
सितंबर में अमीनी की मौत के बाद पूरे देश में प्रदर्शन भड़क उड़े जिनमें वहां के इस्लामिक शासन की बर्खास्तगी की मांग की गई. ईरानी अधिकारियों ने अमीनी की मौत की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है लेकिन कम ही लोगों को उन पर विश्वास है. कथित नैतिकता पुलिस की बर्बरता से कई महिलाएं वाकिफ हैं. यह तस्वीर जर्मनी के फ्रैंकफुर्ट में ईरानी महिलाओं के समर्थन में आयोजित किए गए प्रदर्शन की है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
मिलान में समर्थन में सिम्पसंस
ईरान में और ईरान से बाहर भी आंदोलन के समर्थन में कई महिलाओं ने अपने बाल काटे हैं. इटली के मिलान शहर में ईरानी कांसुलेट के ठीक सामने एक दीवार पर मशहूर टीवी शो सिम्पसंस की एक किरदार मार्ज सिम्पसन को भी अपने बाल काटते हुए दिखाया गया है. तस्वीर स्ट्रीट कलाकार अलेक्सांद्रो पलोम्बो ने ली थी.
तस्वीर: Andrea Fasani/ANSA/EPA-EFE
महसा अमीनी को पेरिस की ऑनररी नागरिकता
पेरिस में अमीनी और ईरान के आंदोलन को भित्ति-चित्रों में ही श्रद्धांजलि नहीं दी जा रही है. पेरिस की महापौर ऐन हिडाल्गो ने कहा है कि अमीनी को मरणोपरांत शहर का ऑनररी नागरिक बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि शहर में एक स्थान का अमीनी के नाम पर नाम भी रख दिया जाएगा "ताकि उन्हें कोई भूल ना सके." उन्होंने यह भी कहा, "पेरिस हमेशा उनकी तरफ रहेगा जो अपने अधिकारों और अपनी आजादी के लिए लड़ते हैं."
तस्वीर: Francois Mori/AP/picture alliance
फ्रैंकफुर्ट में "महिलाएं, जिंदगी, आजादी"
फ्रैंकफुर्ट में एक खाली इमारत में एक संगठन के लोगों ने अमीनी का एक चित्र बनाया है. चित्र के आगे अमीनी की जबान कुर्दिश में लिखा है, "जिन, जियान, आजादी" - "महिलाएं, जिंदगी, आजादी." तेहरान में आंदोलनकारियों का शासन के खिलाफ यही नारा है. इसे सीरिया के कुर्द महिलावादी आंदोलन से लिया गया है.
तस्वीर: Boris Roessler/dpa/picture alliance
पोलैंड में एकजुटता
दुनिया भर में कई महिलाओं का कहना है कि लड़कियों और महिलाओं का उनके आतताइयों के खिलाफ छिड़े विद्रोह के साथ एकजुटता दिखाने की जरूरत है. और दुनिया भर में महिलाएं सड़कों पर उतर भी रही हैं - जैसे की पोलैंड के क्राकोव में ली गई इस तस्वीर में दिख रहा है.
तस्वीर: Beata Zawrzel/NurPhoto/picture alliance
तेहरान के कला के छात्रों का विरोध
तेहरान में आजाद विश्वविद्यालय के कला के छात्रों द्वारा कला विभाग के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गे. उनके हाथों पर लगा लाल रंग सुरक्षाबलों द्वारा प्रदर्शनों के खूनी दमन का प्रतीक है.
तस्वीर: UGC/AFP
डोमिनो असर
ये प्रदर्शन महज लड़कियों और महिलाओं के कड़े ड्रेस कोड के खिलाफ नहीं हैं. पूरे देश में प्रदर्शनकारी इस्लामिक शासन की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं और "मुल्लाओं को भगाओ" और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई के खिलाफ "तानाशाह को मार दो" जैसे नारे लगा रहे हैं.
तस्वीर: NNSRoj
8 तस्वीरें1 | 8
यह अस्वीकार्य हैः डीडब्ल्यू
डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग का कहना है कि प्रतिबंधों से संस्था के ईरान में कवरेज पर कोई असर नहीं पड़ेगा, "यह सच्चाई है कि ऐसी सूची में हमारा नाम आने से ईरान में हमारे यूजरों को भरोसेमंद सूचना देने से हमें रोका नहीं जा सकेगा."
लिम्बुर्ग ने यह भी कहा, "ईरान का शासन हमारे फारसी संपादकों और उनके परिवारों को कुछ समय से धमकियां दे रहा है. यह स्वीकार्य नहीं है. शासन देश के भीतर और बाहर आतंकवाद को बढ़ावा देता है. मैं उम्मीद करता हूं कि जर्मनी और यूरोप के राजनेता इस शासन पर दबाव बढ़ाएंगे."
यूरोप की दूसरी जिन संस्थाओं पर ईरान में प्रतिबंध लगा है उनमें रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल की फारसी सेवा और इंटरनेशनल कमेटी इन सर्च ऑफ जस्टिस और ईरान में लोकतंत्र का समर्थन करने वाले यूरोपीय संघ के सांसदों का एक अनौपचारिक समूह शामिल है.
ईरान ने यह कदम यूरोपीय संघ की तरफ से ईरानी मंत्री, अधिकारियों और सरकारी एजेंसियों पर प्रतिबंधों की घोषणा के बाद उठाया है. यूरोपीय संघ ने "मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन करने वालों" के खिलाफ 17 अक्टूबर को प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
ईरान में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सरकार की कार्रवाई के बाद जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने कहा था कि तेहरान के साथ, "सामान्य रूप से कामकाज" नहीं चल सकता.