इक्वाडोर की सबसे कुख्यात जेलों में से एक में हुए दंगे में कम से कम 100 लोग मारे गए और 52 घायल हो गए. यह देश की अधिक आबादी वाली और कम कर्मचारी वाली जेल में घातक संघर्षों की कड़ी में ताजा घटना थी.
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इक्वाडोर के तटीय शहर ग्वायाक्विल में बुधवार को जेल में हुए दंगे में कम से कम 100 लोग मारे गए और 52 अन्य घायल हो गए. देश की जेलों में जानलेवा झड़प की यह ताजा घटना है. सेना ने जेल परिसर की घेराबंदी कर दी है.
इक्वाडोर की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हैं और भीड़भाड़ के कारण हुई श्रृंखलाबद्ध झड़पों में यह सबसे ताजा है. इस झड़प में कम से कम छह लोगों के सिर भी काट दिए गए.
जेल में गैंगवार
अधिकारियों का कहना है कि दो विपक्षी गैंग लॉस लोबोस और लॉस चनेरोस से संबंधित सशस्त्र बंदियों के बीच मंगलवार को झड़पें हुईं. झड़प के दौरान दोनों गुटों के लोगों ने बंदूकों, चाकुओं और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया.
कैदियों को कानूनी सहायता मुहैया कराने वाले राष्ट्रीय संगठन एसएनएआई के प्रमुख बोलिवर गार्जोन ने कहा कि वह आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या पर तुरंत टिप्पणी नहीं कर सकते.
स्थानीय समाचार एजेंसी नोटी मंडो ने गार्जोन के हवाले से कहा, "मुझे लगता है कि मरने वालों की संख्या 100 तक पहुंचने वाली है, मैं कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं दे सकता."
आप अपना पासवर्ड कहां रखते हैं?
एटीएम पिन, बैंक खाता नंबर, डेबिट कार्ड या फिर क्रेडिट कार्ड डिटेल्स हो या आधार और पैन कार्ड जैसी संवेदनशील निजी जानकारी, भारतीय बेहद लापरवाह तरीके से इन्हें रखते हैं. एक सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
तस्वीर: BR
33 प्रतिशत भारतीय रखते हैं असुरक्षित तरीके से डेटा
लोकल सर्किल के सर्वे में यह पता चला है कि करीब 33 प्रतिशत भारतीय संवेदनशील डेटा असुरक्षित तरीके से ईमेल या कंप्यूटर में रखते हैं.
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ईमेल और फोन में रखते हैं पासवर्ड
सर्वे में शामिल लोगों ने बताया कि वे संवेदनशील डेटा जैसे कि कंप्यूटर पासवर्ड, बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के साथ ही साथ आधार और पैन कार्ड जैसी निजी जानकारी भी ईमेल और फोन के कॉन्टैक्ट लिस्ट में रखते हैं. 11 फीसदी लोग फोन कॉन्टैक्ट लिस्ट में ऐसी जानकारी रखते हैं.
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याद भी करते हैं और लिखते भी हैं
लोकल सर्किल ने देश के 393 जिलों के 24,000 लोगों से प्रतिक्रिया ली, सर्वे में शामिल 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपनी जानकारियां कागज पर लिखते हैं, वहीं 21 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अहम जानकारियों को याद कर लेते हैं.
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डेबिट कार्ड पिन साझा करते हैं
लोकल सर्किल के सर्वे में शामिल 29 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपने डेबिट कार्ड पिन को अपने परिवार के सदस्यों के साथ साझा करते हैं. वहीं सर्वे में शामिल चार फीसदी लोगों ने कहा कि वे पिन को घरेलू कर्मचारी या दफ्तर के कर्मचारी के साथ साझा करते हैं.
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बड़ा वर्ग साझा नहीं करता एटीएम पिन
सर्वे में शामिल एक बड़ा वर्ग यानी 65 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्होंने एटीएम और डेबिट कार्ड पिन को किसी के साथ साझा नहीं किया. दो फीसदी लोगों ने ही अपने दोस्तों के साथ डेबिट कार्ड पिन साझा किया.
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फोन में अहम जानकारी
कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बैंक खातों से जुड़ी जानकारी, आधार या पैन कार्ड जैसी जानकारी फोन में रखते हैं. सर्वे में शामिल सात फीसदी लोगों ने इसको माना है. 15 प्रतिशत ने कहा कि उनकी संवेदनशील जानकारियां ईमेल या कंप्यूटर में है.
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डेटा के बारे में पता नहीं
इस सर्वे में शामिल सात फीसदी लोगों ने कहा है कि उन्हें नहीं मालूम है कि उनका डेटा कहां हो सकता है. मतलब उन्हें अपने डेटा के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है.
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बढ़ रहे साइबर अपराध
ओटीपी, सीवीवी, एटीएम, क्रेडिट या डेबिट कार्ड क्लोनिंग कर अपराधी वित्तीय अपराध को अंजाम दे रहे हैं. ईमेल के जरिए भी लोगों को निशाना बनाया जाता है और संवेदनशील जानकारियों चुराई जाती हैं.
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डेटा सुरक्षा में जागरूकता की कमी
लोकल सर्किल का कहना है कि देश के लोगों में अहम डेटा के संरक्षण को लेकर जागरूकता की कमी है. कई ऐप ऐसे हैं जो कॉन्टैक्ट लिस्ट की पहुंच की इजाजत मांगते हैं ऐसे में डेटा के लीक होने का खतरा अधिक है. लोकल सर्किल के मुताबिक वह इन नतीजों को सरकार और आरबीआई के साथ साझा करेगा ताकि वित्तीय साक्षरता की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके.
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हालांकि राष्ट्रीय अभियोजक कार्यालय ने बाद में ट्वीट किया कि 100 से अधिक लोग मारे गए और 52 घायल हुए.
टेलीविजन फुटेज में कैदियों को गोलियां चलाते और जेल की खिड़कियों से बम फेंकते हुए दिखाया गया.
ग्वायाक्विल शहर के पुलिस प्रमुख फाबियन बस्टोस ने कहा, "शुक्र है कि पुलिस (जेल में प्रवेश कर गई) और अधिक हत्याएं रोक दी गईं." उन्होंने कहा कि पुलिस पर भी बंदूकों से हमला किया गया था.
बस्टोस ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस और सैन्य अभियानों ने पांच घंटे बाद जेल पर कब्जा कर लिया. उन्होंने बताया कि कई हथियार भी बरामद किए गए हैं.
आपातकाल की घोषणा
इक्वाडोर की जेल व्यवस्था बेहद खराब है. वे संघर्ष के कारण युद्ध का मैदान बन गए हैं. मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के कैदियों के बीच जेलों में झड़प आम बात है.
इस साल अब तक जेल की झड़पों में 120 से ज्यादा कैदी मारे जा चुके हैं.
जेल अधिकारियों का कहना है कि इस महीने की शुरुआत में ग्वायाक्विल में जेल नंबर 4 पर एक ड्रोन हमला अंतरराष्ट्रीय समूहों के बीच लड़ाई से हुआ था. हमले में कोई भी नहीं मारा गया था.
इसके अलावा फरवरी में ग्वायाक्विल समेत तीन जेलों में दंगे हुए, जिसमें कम से कम 79 कैदी मारे गए. उनमें से कई का सिर कलम कर दिया गया था.
देश की जेलों में झड़पों और दंगों के मद्देनजर, राष्ट्रपति गुयलेरमो लासो ने जुलाई में जेल व्यवस्था में आपातकाल की स्थिति का आदेश दिया.
इक्वाडोर में 29,000 कैदियों की क्षमता वाली लगभग 60 जेल हैं, लेकिन कैदियों की संख्या जेल कर्मचारियों की तुलना में बहुत अधिक है.
एए/वीके (एएफपी, एपी)
भारत के सबसे हिंसक शहर
भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 2020 में देश के 19 मेट्रो शहरों में 31,325 हिंसक वारदात हुईं. इनमें सबसे ज्यादा हिंसक अपराध जिन शहरों में हुए, यह रही उनकी सूची.
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नंबर 1: दिल्ली
भारत की राजधानी दिल्ली हिंसक अपराधों की भी सरताज बनी हुई है. 2019 में वहां 11,313 हिंसक वारदात दर्ज हुई थीं जिनकी संख्या 2020 में 9861 रही.
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नंबर 2: मुंबई
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 2019 में 5,995 अपराध हुए थे जो 2020 में घटकर 4151 हो गए.
तस्वीर: Rafiq Maqbool/AP Photo/picture alliance
नंबर 3: बेंगलुरु
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 2020 में 2545 हिंसक अपराध रिपोर्ट किए गए जो 2019 के आंकड़े (3330) से कम है.
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नंबर 4: पटना
बिहार की राजधानी पटना में अपराध की स्थिति कमोबेश गंभीर बनी रही है. 2019 में वहां 1597 हिंसक अपराध दर्ज हुए जबकि 2020 में 1631.
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नंबर 5: लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसक वारदात के मामले में स्थिति बदतर हुई है. 2019 में वहां 1002 अपराध हुए थे जो 2020 में बढ़कर 1592 हो गए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. K. Singh
नंबर 6: चेन्नई
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में अपराधों की संख्या में ज्यादा बदलाव नहीं आया है. 2019 के 1477 हिंसक अपराधों की तुलना में 2020 में यह संख्या 1439 रही.
तस्वीर: ARUN SANKAR/AFP
नंबर 7: जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 2019 में 1892 अपराध हिंसक थे, जो 2020 में घटकर 1333 पर आ गए.
महाराष्ट्र के शहर पुणे में 2020 में 1320 हिंसक वारदात हुईं जो उससे पिछले साल के मुकाबले कम (1661) है.
तस्वीर: Isaac Wong/SOPA/Zuma/picture alliance
नंबर 10: कोलकाता
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 2020 में 981 हिंसक अपराध हुए. पिछले साल के मुकाबले यह थोड़ा सा ज्यादा है क्योंकि पिछले साल वहां 961 अपराध दर्ज हुए थे.