वेनिस का मशहूर टेलर, जिसकी हर ड्रेस 2000 यूरो की है
मीरिया वीवेगर
१४ अप्रैल २०१७
वेनिस का कार्निवाल पूरी दुनिया में अपने रंगबिरंगे कॉस्ट्यूम्स और मुखौटों से सजे लोगों की परेड के लिए मशहूर है. लेकिन इन दिलफरेब पोशाकों को बनाता कौन है, चलिए जानते हैं.
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पिआजा सान मार्को वेनिस में कार्निवाल की तैयारियों का केंद्र रहता है. इसी जगह के जरिये शहर सैलानियों के सामने सैकड़ों साल की पंरपरा पेश करता है. मुखौटों से लेकर लिबास और जूते बनाने वालों तक, सब कारीगर कार्निवाल के जरिये अपनी प्रतिभा दिखाते हैं.
डिजायनर फ्रांचेस्को ब्रिदशी बीते दो दशकों से ऐतिहासिक पोशाकें तैयार कर रहे हैं. कार्निवाल के दौरान वो खुद भी 17वीं शताब्दी के वेनिस वाली पोशाक में रहते हैं. वह कहते हैं, "यह इतिहास में कूदने जैसा है, इसकी मदद से वाकई पता चलता है कि फैशन कैसे बदलता है. हर ड्रेस बिल्कुल नयी होती है क्योंकि मैंने उसे पहले नही बनाया होता. मैं दो एक जैसी पोशाकें कभी नहीं बनाता."
ब्रिदशी वेनिस के एक मशहूर टेलर हैं जिन तक पहुंचने के लिए भूलभुलैया जैसी गलियों से गुजरना पड़ता है. उनके स्टोर में करीब 400 कॉस्ट्यूम हैं, हर किसी का दाम दो हजार यूरो है. हर कट ऐतिहासिक पैटर्न के हिसाब से है, कपड़ा भी हाई क्वालिटी का है. ब्रिदशी ने अपने स्टोर का नाम बारोक काल के पेंटर पिएत्रो लोंगी के नाम पर रखा है. वेनिस के लोगों के दिल में पुरानी पेंटिंग्स के लिये खास जगह है. ब्रिदशी पोशाक किराये पर भी देते हैं, लेकिन नाप लेने के बाद.
सब कुछ कह देता है वेनिस का कार्निवाल
ठगना, छकाना और फिर रहस्य का हिस्सा बन जाना. वेनिस शहर जितना खूबसूरत है उतना ही रहस्यमयी भी. इसका अंदाजा वहां के कार्निवाल से भी लगता है.
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नहरों पर गोंडोला
पानी पर कार्निवाल परेड निकलते ही शहर किसी जादुई कथा का मंच सा लगने लगता है. इस दौरान समुद्र और चंद्रमा को याद किया जाता है. समुद्र की देवी को भी याद किया जाता है.
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जबरदस्त उद्घाटन
आयोजकों के मुताबिक वेनिस का कार्निवाल "सुंदरता, समुद्र और गर्व" का त्योहार है. इसे दुनिया के सबसे भव्य कार्निवालों में गिना जाता है.
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8.5 लाख की आबादी, 30 लाख सैलानी
वेनिस में कार्निवाल की शुरुआत 1162 में हुई. कई दशकों तक फिर यह बंद रहा. 1980 में यह फिर लौटा. अब हर साल इसे देखने 30 लाख लोग वेनिस पहुंचते हैं.
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वो रहस्यमयी महिला
जोकर, जादूगर या रहस्यमयी किरदार का रूप धारण करना और कुछ समय के लिए अगल ही दुनिया में जीना. वेनिस का कार्निवाल ऐसे ही रहस्यों के लिए मशहूर है.
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कौन लेने लाया
इधर उधर जाना हो तो गोंडोला कही जाने वाली ऐसी नावों का ही सहारा लिया जाता है. लेकिन कई बार लोग एक दूसरे को पहचान ही नहीं पाते. ऐसा कंफ्यूजन कार्निवाल को दिलचस्प बनाता है.
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कई तरह के मुखौटे
"बाउटा" यानि भारी और पूरा चेहरा ढंकने वाला मास्क. इसे ऐसे बनाया जाता है कि पहनने वाला आराम से मास्क के साथ खा पी सके. "कोलंबिना" मास्क आधे चेहरे को ढकता है.
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अमीरों का कोना
वेनिस का कार्निवाल बेहद महंगा भी है. पूरी ड्रेस सैकड़ों या हजारों यूरो की आती है. इसके अलावा कुछ जगहों पर एंट्री फीस भी बहुत ही ज्यादा होती है.
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परी की उड़ान
बेहतरीन पोशाक पहनने वाली महिला को विजेता भी चुना जाता है. 2016 में विजेता को सेंट मार्क के टावर और स्क्वेयर के बीच झुलाया गया.
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आसान नहीं सुरक्षा
जब हर कोई भेष बदलकर या मास्क पहनकर घूम रहा हो तो सुरक्षा करना आसान नहीं होता. आतंकवाद के खतरे के चलते इस बार भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है.
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वह कहते हैं, "लोगों को यहां आकर पता चलता है कि हम क्या कर रहे हैं. वे देखते हैं कि लोग इन्हें हाथ से बना रहे हैं, वे उनसे बात भी करते हैं. आज की दुनिया में ऐसा मुश्किल से मिलता है."
ब्रिदशी के स्टोर पर आए मासिमिलानो फ्रात्सोनी एक ऐसी पोशाक चाहते थे जो उन्हें 16वीं सदी के संभ्रात पुरुष के किरदार में ढाल दे. और ब्रिदशी ने उनकी यह इच्छा पूरी कर दी और उनके लिए गॉर्जिएरा बनाया. वह बताते हैं, "यह आठ मीटर लंबे रेशे से हाथ से बनाई गई है. हाथ से ही सिली गई है. इसे बनाने में पूरे दो दिन लगते हैं."
आखिर में तरह तरह के लिबासों में सजे लोग पूरे उत्साह से कार्निवाल मनाते हैं. शहर के कार्निवाल सेंटर में रंग बिरंगी पोशाकों में छिपे लोग जादुई शहर को और जीवंत बना देते हैं.
वेनिस का कार्निवाल
वेनिस का रंगबिंरगा कार्निवल शुरू हो गया है. एश वेडनसडे तक वेनिस का यह कई सौ साल से जारी पारंपरिक कार्निवल शहर की गलियों को रंगों से भर देता है.
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देवदूत जहां आसमान से उतरें
ठीक बारह बजे फरिश्ता जुलिया नासी 80 मीटर ऊंचे घंटाघर फूलों वाली पोशाक में उतरती हैं और उस तरफ अपनी बाहें फैलाती हैं, जहां स्टेज पर दोजे या शहर का प्रमुख उनका इंतजार करता है. वोलो डेल अंजेलो के नारे के साथ कार्निवल शुरू होता है.
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कबूतर नहीं देवदूत
कहा जाता है कि 1548 में एक तुर्की कलाबाज इस ऊंचे घंटाघर पर चढ़ गया और ऊपर पहुंच कर उसने फूल फेंके. इसके बाद वह नीचे उतरा. शुरुआत में कागजी कबूतर इस इतिहास को दोहराते उतरते थे, लेकिन 15 साल से सुंदर गाउन पहने लड़कियां ये काम करती हैं.
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कंवारी कन्याएं
वेनिस के कास्तेलो इलाके में एंजेल की उड़ान से पहले परेड ऑफ मेरी आयोजित होती है. 12 कन्याएं वेनिस की गलियों से गुजरती हैं. दोपहर ठीक तीन बजे वेनिस का गीत गाने के लिए के वो रुकती हैं. सबसे सुंदर कन्या अगले साल घंटाघर पर झूमती है.
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पर्यटकों का गढ़
कार्निवाल के दौरान वेनिस में करीब दो लाख पर्यटक आते हैं और यहां रहने वाले लोग भीड़ भाड़ से बचने की कोशिश में लगे रहते हैं. हर दुकान, गुमटी और बेकरी कार्निवल पर्यटकों के हिसाब से होती है. अधिकतर मुखौटे चीन या किसी और सस्ते देश से बन कर आते हैं.
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वेनेटो के सैनिक
छोटी छोटी गलियों का कार्निवाल पर्यटकों के लिए नहीं होता, यहां सिर्फ वेनिस के ही लोग होते हैं. नाइट भारी पोशाकों में चिल्लाते हुए गुजरते हैं और इनके साथ ड्रम भी होते हैं. परेड ऑफ मारिया के लिए वेनेटो से ऐतिहासिक मास्क वाले लोग वेनिस पहुंचते हैं. वैसे तो यह परंपरा पुरानी है लेकिन सड़कों पर उत्सव 1979 से हो रहा है.
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सैनिक उत्सव
वेनिस गणराज्य में कार्निवल सिर्फ मजे का त्योहार नहीं होता था बल्कि इसमें सैन्य प्रतियोगिताएं होती थीं. इसलिए मासिमो आंद्रेओली (मध्य में) 1430 के पैदल सैनिक का ड्रेस पहने हैं.
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ड्रेस मास्टर
पीएत्रो लोंगी की दुकान छुपी हुई है. जिसे नहीं पता कि ये सिलाई की दुकान सान पोलो इलाके में है, वो इसे कभी नहीं ढूंढ पाएगा. लेकिन जिसे 3000 यूरो के टिकट वाले कॉस्ट्यूम बॉल में जाने का शौक है, उसके लिए कुछ सौ का गाउन खरीदना बड़ी बात नहीं.
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सुंदर ड्रेस
इस ड्रेस का डिजाइन लोंगी को कोरेर म्यूजियम में मिला. इसकी कटिंग फ्रांचेस्को ब्रिगी ने की थी. महीन गोटे वाले रेशम से बनी ड्रेस की कीमत 15 हजार यूरो है. एक दिन किराए के पैसे ढाई सौ यूरो.
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बच्चों का कार्निवल
वेनिस के लोगों को डर है कि कार्निवल सिर्फ पर्यटकों के लिए है और परंपरा से भटक रहा है. इसलिए दो साल में एक बार आयोजित किया जाता है बच्चों का कार्निवल. इसमें करीब छह हजार बच्चे आते हैं.
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जर्मनी की मदद
जर्मनी से बॉन का आर्ट म्यूजियम बच्चों के कार्निवल में मौजूद होगा. बीएनाले चौक पर मुखौटे और पोशाक बनाए जाएंगे ताकि कार्निवल में कुछ रचनात्मक किया जाए.
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वेनिस का नया जन्म
वेनिस को पर्यटन के बुरे असर से बचने के लिए नए तरीके खोजने होंगे. आयोजन करने वालों को लगता है कि बच्चों को कार्निवल के जरिए आर्किटेक्चर, फिल्म और कला की ओर खींचा जा सकता है
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अलाफ!
जर्मनी की राइन घाटी और वेनिस का कार्निवल इस बार एक साथ आ रहे हैं है. बॉन के चाइल्ड प्रिंस और प्रिंसेस को वेनिस में बुलाया गया है. वेनिस में भी कार्निवल के बाद कैथोलिक ईसाइयों के उपवास का समय होता है.