भारतीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. नोटबंदी के बाद हो रहे इन चुनावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़े इम्तिहान के तौर पर देखा जा रहा है.
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मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मतदान का पहला चरण 11 फरवरी को होगा और आखिरी चरण 8 मार्च को. राज्य विधान सभा की कुल 403 सीटों के लिए सात चरणों में वोट डाले जाएंगे. वहीं, पंजाब विधानसभा की 117 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत 4 फरवरी को ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगी.
जैदी ने बताया कि उत्तराखंड में 70 विधान सभा सीटों पर 15 फरवरी को वोट पड़ेंगे. गोवा की कुल 40 सीटों पर 4 फरवरी को मतदान होगा, जबकि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो चरणों में 4 मार्च और 8 मार्च को मतदान होगा. राज्य विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 60 है. पांचों राज्यों में वोटों की गिनती 11 मार्च को होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इन चुनावों को और खासकर उत्तर प्रदेश के चुनाव को बहुत अहम माना जा रहा है, जो देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई रैलियां की है. वहां भाजपा का मुकाबला सत्ताधारी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से है. चुनाव में मोदी के विरोधी नोटबंदी को एक बड़ा मुद्दा बना रहे हैं.
देखिए दुनिया के सबसे महंगे नोट
ये हैं दुनिया के 10 सबसे महंगे नोट
भारत समेत दुनिया भर की मुद्राओं के उतार-चढ़ाव को डॉलर के मुकाबले मापा जाता है. इससे साफ है कि डॉलर दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा है. लेकिन जहां तक बात सबसे अधिक मूल्य वाली मुद्रा की है, उसमें डॉलर काफी पीछे है.
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स्विस फ्रैंक (71,86 रुपये)
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अमेरिकी डॉलर (70,89 रुपये)
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यूरोपीय संघ यूरो (79.13 रुपये)
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ब्रिटिश पाउंड (91,86 रुपये)
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जिब्राल्टर पाउंड (87.21 रुपये)
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जॉर्डन दीनार (100.05 रुपये)
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लात्विया लात (112.07 रुपये)
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ओमान रियाल (184.42 रुपये)
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बहरीन दीनार (188.08 रुपये)
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कुवैत दीनार (233.77 रुपये)
(सभी मुद्राओं की कीमत 1 नवंबर 2019 पर आधारित)
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मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का एलान किया था. सरकार का कहना है कि उसने भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है. लेकिन बहुत से लोगों को इससे भारी परेशानियां हुईं. विपक्ष ने इसे आर्थिक इमरजेंसी का नाम तक दिया.
इस समय भारत के कुल 29 राज्यों में से 14 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टियों की सरकारें हैं. बाकी राज्यों कें कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां सत्ता में हैं. राज्यों के चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा में बहुमत हासिल करने के लिहाज से भी अहम है, जहां वह अभी अल्पमत में है और इस वजह से कई अहम बिलों को पास कराने में उसे दिक्कतें आती हैं.
जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें गोवा और पंजाब में भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की सरकार है. उत्तर प्रदेश में आंतरिक कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी सत्ता में है जबकि उत्तराखंड और मणिपुर में कांग्रेस की सरकारें हैं.
एके/एमजे (रॉयटर्स)
देखिए मोदी कहां कहां चूके
कहां-कहां चूके मोदी
पहले दो साल में मोदी सरकार ने जमकर सुर्खियां बटोरी हैं. लेकिन ये सुर्खियां विवादों की वजह से ज्यादा रहीं. गिनती में तो ये विवाद बहुत ज्यादा हैं, लेकिन अभी जिक्र 10 सबसे बड़े विवादों का.
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आईआईटी में संस्कृत
इसी साल अप्रैल में शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि आईआईटी से संस्कृत पढ़ाने को कहा गया है. इस प्रस्ताव का देशभर में विरोध हुआ. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि एचआरडी मिनिस्ट्री का नाम बदलकर हिंदू राष्ट्र डेवलपमेंट मिनिस्ट्री कर दिया जाना चाहिए.
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प्रधानमंत्री की डिग्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए और एमए की डिग्रियों को लेकर देश में जमकर विवाद हुआ. प्रधानमंत्री की शिक्षा पर एक आरटीआई का जवाब न मिलने से यह विवाद शुरू हुआ. आम आदमी पार्टी का दावा है कि उनकी डिग्री फर्जी है. अरुण जेटली और अमित शाह को सामने आकर सफाई देनी पड़ी.
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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन
9 कांग्रेसी विधायकों के बागी होने पर इसी साल मार्च में केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया. हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के इस फैसले को गलत करार दिया. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बहुमत साबित करके फिर से सरकार बना ली.
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कन्हैया विवाद
फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संगठन के अध्यक्ष कन्हैया को राजद्रोह का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए. दो और छात्रों को गिरफ्तार किया गया. शिक्षा मंत्री ने दखल देने से इनकार कर दिया. बाद में तीनों छात्र जमानत पर रिहा हुए.
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हैदराबाद यूनिवर्सिटी विवाद
शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी की पांच चिट्ठियों के बाद दलित छात्रों पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने कार्रवाई की और पांच छात्रों को सस्पेंड कर दिया. उनमें से एक रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली. दलित स्कॉलर वेमुला की मौत ने देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला छेड़ दिया.
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अरुणाचल संकट
बीते साल दिसंबर में अरुणाचल की कांग्रेस सरकार से कुछ बागी विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया. सरकार गिर गई. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्यपाल की मदद से केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को अस्थिर किया. बाद में बागी विधायकों ने बीजेपी की मदद से सरकार बना ली.
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असहिष्णुता और सम्मान वापसी
देश में बढ़ती असहिष्णुता का आरोप लगाकर देश के कई जानेमाने लेखकों, कलाकारों, कवियों, वैज्ञानिकों और फिल्मकारों ने अपने-अपने सम्मान लौटा दिए. जिसके बाद देश में ऐसा विवाद खड़ा हुआ कि बंटवारा स्पष्ट नजर आने लगा.
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ललित मोदी के संबंध
केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भगोड़े ललित मोदी की मदद करने की बात सामने आने के बाद केंद्र सरकार विवादों में घिर गई. सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने मानवीय आधार पर मदद की. इसके बाद कई हफ्तों तक संसद ठप रही.
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गोमांस पर बैन
बीते साल हरियाणा और महाराष्ट्र में गोहत्या को लेकर कड़े कानूनों के लागू होने का काफी विरोध हुआ. यहां तक कि यह मुद्दा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रहा. बीजेपी के कई नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के भी बयान आए.
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10 लाख का सूट
बीते साल जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सूट पहना उस पर उनका नाम लिखा था. ऐसे आरोप लगे कि यह सूट 10 लाख रुपये में बना है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और सूट-बूट की सरकार कहकर तीखे बाण चलाए.