टेस्ला के भारत आने में और देरी होगी, इलॉन मस्क ने बताई वजह
१३ जनवरी २०२२
एक ट्विटर यूजर ने इलॉन मस्क को टैग करके पूछा कि टेस्ला अपनी कार भारत कब लाएगी. इसका जवाब देते हुए मस्क ने लिखा कि लॉन्च को लेकर भारत सरकार के साथ कोई समझौता नहीं हो पा रहा है.
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टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क ने बताया कि टेस्ला इलेक्ट्रिक कार को भारत में लॉन्च किए जाने में देरी क्यों हो रही है. मस्क के मुताबिक, भारत सरकार की ओर से मिल रही चुनौतियों के चलते टेस्ला को भारत लाने में देरी हो रही है.
मस्क ने क्या बताया?
13 जनवरी को ट्विटर पर एक शख्स ने टेस्ला कार की तस्वीर डालकर मस्क को टैग किया और उनसे भारत लॉन्चिंग पर सवाल पूछा. यूजर ने लिखा, ''टेस्ला भारत में अपनी कार कब लाएगा, क्या इसपर आप कोई अपडेट दे सकेंगे? टेस्ला कारें बहुत अच्छी हैं और उन्हें दुनिया के कोने-कोने में पहुंचना चाहिए.''
इस ट्वीट का जवाब देते हुए मस्क ने लिखा, ''सरकार के साथ काफी मुश्किल आ रही है, लेकिन हम सुलझाने में लगे हैं.''
इससे पहले जुलाई 2021 में मस्क ने एक ट्वीट करके बताया था कि टेस्ला भारत में आना चाहती है, लेकिन भारत में इंपोर्ट ड्यूटी बाकी किसी बड़े देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं. उन्होंने यह भी बताया था कि उनकी कंपनी टैरिफ में तात्कालिक छूट चाहती है.
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भारत में विदेशी गाड़ियों पर कितना टैक्स?
40 हजार डॉलर से अधिक मूल्य की आयात की गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भारत 100 फीसदी टैक्स लगाता है. वहीं 40 हजार डॉलर तक या इससे कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भारत 60 प्रतिशत आयात शुल्क लेता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इतने ज्यादा टैक्स के चलते टेस्ला कारें एक बड़े ग्राहक वर्ग की पहुंच के बाहर होंगी.
इसका असर भारतीय कार बाजार में टेस्ला की हिस्सेदारी पर भी पड़ेगा. खबरों के मुताबिक, टेस्ला द्वारा की जा रही टैक्स छूट की मांग का कई भारतीय कार निर्माता कंपनियां विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि अगर टेस्ला को छूट दी गई, तो घरेलू कार उत्पादन में हो रहे निवेश पर असर पड़ेगा.
ईलॉन मस्क बने दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति
टेस्ला कंपनी के मालिक ईलॉन मस्क दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति बन गए हैं. कोरोना दौर में जहां कंपनियां घाटे से गुजर रही हैं, वहीं मस्क लगातार मुनाफा दर्ज करते रहे हैं.
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ईलॉन मस्क
1971 में दक्षिण अफ्रीका में जन्मे ईलॉन रीव मस्क तीन देशों के नागरिक हैं: दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका. स्पेस एक्स और टेस्ला मोटर्स के मालिक मस्क के पास 188.5 अरब डॉलर की सपत्ति है. कहा जाता है कि वे हफ्ते में 80 घंटे काम करते हैं और दूसरों से भी यही उम्मीद करते हैं.
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जेफ बेजोस
मस्क से पहले तक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस थे. उनकी संपदा 185 अरब डॉलर की है. अमेजन कंपनी के निर्माता और सीईओ बेजोस ग्राहकों की संतुष्टि को सबसे अहम मानते हैं. वे अक्सर ग्राहकों के ईमेल का खुद ही जवाब देते हैं. अगर उन्हें लगता है कि किसी बात पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है तो वे अमेजन के संबंधित विभाग को सिर्फ एक छोटी सी टिप्पणी ''?'' जोड़कर मेल बढ़ा देते हैं.
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बिल गेट्स
फोर्ब्स की इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं विलियम हेनरी बिल गेट्स. उनके पास 113.1 अरब डॉलर के करीब संपत्ति है. हर कोई जानता है कि उन्होंने दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की शुरूआत की थी. लेकिन क्या आपको यह भी मालूम है कि उनकी अपनी हर संतान को अपनी पूरी संपत्ति में से केवल एक करोड़ डॉलर ही देने की योजना है. उनका कहना है कि बच्चों को बेतहाशा पैसा देना उनके हित में नहीं है.
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बेर्नार्ड आरनॉल्ट
लुई वितौं कंपनी के मालिक बेर्नार्ड आरनॉल्ट दुनिया के सबसे रईस लोगों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं. जनवरी 2020 में वे पहले पायदान पर थे. जुलाई आते आते बिल गेट्स और जेफ बेजोस ने उन्हें पछाड़ दिया. लेकिन फैशन की दुनिया में उन्हें टक्कर देने वाला और कोई भी नहीं है. उनके पास कुल 112 अरब डॉलर की संपदा है.
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मार्क जकरबर्ग
इस सूचि में चौथे नंबर पर हैं मार्क जकरबर्ग. उनके पास 89 अरब डॉलर की संपत्ति है. अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा वे दान कर चुके हैं. अधिकतर उन्हें एक ग्रे रंग की टीशर्ट में ही पाया जाता है. जकरबर्ग का कहना है कि वे वही टीशर्ट बार बार नहीं पहनते, बल्कि उनके सब कपड़े एक से दिखते हैं.
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मुकेश अंबानी
75 अरब डॉलर की संपदा के साथ मुकेश अंबानी इस सूची में पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं. अंबानी ने हाल ही में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस वक्त अपने "सुनहरे काल" में हैं. रिलायंस के डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो में गूगल ने हाल ही में भारी निवेश किया है.
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वॉरेन बफेट
बफेट 11 साल की उम्र से ही स्टॉक मार्केट में दांव खेलते रहे हैं. आज उनके दाव लगाने से बाजार का रुख बदल जाता है. 89 साल के हो चले इस इंवेस्टिंग गुरू के पास तकरीबन 73 अरब डॉलर होने का अनुमान है. अपनी युवावस्था में बफेट ने अखबार बांटने, पुरानी गोल्फ की गेंद बेचने और कारों की सफाई करने जैसे कई काम किए हैं. हावर्ड बिजनेस स्कूल में प्रवेश के लिए भेजे उनके आवेदन पत्र को खारिज कर दिया गया था.
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लैरी एलिसन
ओरेकल के संस्थापक और पूर्व सीईओ लैरी एलिसन ने सीआईए के लिए डाटाबेस तैयार करने का काम भी किया है. इलिनोइस और शिकागो यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई अधूरी ही छोड़ने के बाद उन्होंने डाटाबेस उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओरेकल की शुरूआत की. उनके पास अभी तकरीबन 72.5 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूचि में 7वें नंबर पर हैं.
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स्टीव बालमर
जनवरी 2000 से फरवरी 2014 तक माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ रहे स्टीव बालमर की कुल संपत्ति है 71.4 अरब डॉलर की. 1980 में बिल गेट्स ने बालमर को माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने का प्रस्ताव दिया. इसके लिए वे स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी की अपनी एमबीए डिग्री छोड़ कर आ गए. उनके नेतृत्व में कंपनी ने खूब मुनाफा कमाया.
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लैरी पेज
गूगल के संस्थापक लैरी पेज के पास 67.8 अरब की संपत्ति है. अमीरों में इनका 10वां स्थान है. अपने सर्च इंजन गूगल की शुरूआत इन्होंने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में बतौर एक रिसर्च प्रोजेक्ट की थी. इसमें इन्होंने वेब पेजों और वेबसाइटों के बैकलिंक्स को दूसरे पेजों से जोड़ने का रास्ता तलाशा. यहीं से गूगल सर्च इंजन की शुरूआत हुई.
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भारत में कार बनाने पर कंपनियों को छूट
भारत सरकार ने विदेशी कार निर्माताओं के लिए कर में छूट का प्रावधान रखा है. लेकिन यह तब लागू होगा, जब विदेशी कंपनी भारत में कार बनाएगी. कुछ मीडिया खबरों के मुताबिक, टेस्ला के मुद्दे पर भारतीय अधिकारियों में भी मतभेद है. कुछ चाहते हैं कि छूट दिए जाने से पहले टेस्ला यह आश्वासन दे कि वह भारत में भी अपनी कारें बनाएगी.
मगर टेस्ला ने संकेत दिया है कि ऐसा कोई आश्वासन देने से पहले वह भारत में अपनी कार निर्यात कर वहां इसकी मांग देखना चाहते हैं. एक तरफ जहां आयात शुल्क में छूट के मुद्दे पर टेस्ला का भारत में प्रवेश रुका है, वहीं लक्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज अपनी एस-क्लास सेडान के इलेक्ट्रिक संस्करण को इसी साल से भारत में असेंबल करना शुरू कर देगी.
टेस्ला में चलने वाले किसान
03:57
भारतीय कार बाजार में इलेक्ट्रिक सेगमेंट की हिस्सेदारी
डिजिटल कंसल्टेंसी 'टेकआर्क' के मुताबिक, 2020-21 में भारत में जितनी कारें बिकीं, उसका केवल 1.3 प्रतिशत हिस्सा ही इलेक्ट्रिक कारों का था. परिवहन सेक्टर के कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए भारत सरकार सड़कों पर इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है.
उसका लक्ष्य है कि 2030 तक कुल प्राइवेट कारों में 30 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक सेगमेंट का हो. भारत में प्रीमियम इलेक्ट्रिक कार का बाजार अभी शुरुआती दौर में है. देश में चार्जिंग जैसी सुविधाएं भी बहुत कम हैं.