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अर्थव्यवस्थासंयुक्त राज्य अमेरिका

मस्क ने ट्विटर के सीईओ भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को हटाया

२८ अक्टूबर २०२२

उद्योगपति इलॉन मस्क ने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को खरीदने के बाद कई बड़े अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है जिनमें भारतीय मूल के कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल हैं.

पराग अग्रवाल
पराग अग्रवालतस्वीर: Twitter/imago images

अमेरिकी उद्योगपति इलॉन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेते ही उन्होंने कई बड़े अधिकारियों को नौकरी से हटा दिया है जिनमें सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल हैं.

अमेरिकी मीडिया ने समाचार दिया है कि गुरुवार देर रात समझौता पूरा होने के बाद दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति इलॉन मस्क ने अग्रवाल को नौकरी से निकाल दिया. भारतीय मूल के पराग अग्रवाल बीते साल नवंबर में कंपनी के सीईओ नियुक्त किए गए थे. वॉशिंगटन पोस्ट और सीएनबीसी ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. उन्होंने कहा है कि मस्क ने ट्विटर के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर नेड सीगल और जनरल काउंसल विजया गाड़े को भी बर्खास्त कर दिया है.

पहले इलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के लिए समझौता कर लिया था लेकिन उसके बाद वह पीछे हट गए थे. इस पर अग्रवाल ने उन पर मुकदमा कर दिया था जिसमें उन्होंने मस्क पर समझौते की शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया था.

आखिरकार पूरा हुआ समझौता

गुरुवार को इलॉन मस्क ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की थी कि वह ट्विटर को खरीद रहे हैं. उन्होंने लिखा था कि वह ट्विटर को इसलिए खरीद रहे हैं क्योंकि "मानव सभ्यता के भविष्य की खातिर एक ऐसे डिजिटल मंच का होना जरूरी है जहां विभिन्न मतों पर स्वस्थ चर्चा हो सके." खरबपति उद्योगपति ने ट्वटिर के मुख्यालय में लोगों से बात करते हुए अपनी एक फोटो भी शेयर की थी.

बीते साल अप्रैल में इलॉन मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीद लिया था. 16 साल पुराने इस सोशल मीडिया मंच पर करोड़ों लोग सक्रिय हैं जिनमें मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियों से लेकर राष्ट्राध्यक्ष, राजनेता, खिलाड़ी और आम लोग तक शामिल हैं. इस खरीद के बाद कंपनी में कई बड़े बदलावों के कयास लगाए जा रहे हैं.

मस्क खुद को ‘अभिव्यक्ति की पूर्ण आजादी' के समर्थक कहते हैं और ट्विटर द्वारा उस पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री पर नियंत्रण रखने की आलोचना करते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि ट्विटर का अल्गोरिदम सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि लोगों को पता चले कि सामग्री को किस आधार पर प्राथमिकता दी जाती है. उन्होंने विज्ञापन देने वाली कंपनियों को बहुत अधिक ताकत देने की भी आलोचना की थी.

‘लोकतंत्र की खातिर'

जब ट्विटर के साथ डील की घोषणा हुई थी तब मस्क ने ट्विटर पर ही लिखा कि वह ट्विटर को पहले से कहीं बेहतर बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा था, "अभिव्यक्ति की आजादी कार्यशील लोकतंत्र का आधार होती है और ट्विटर शहर के डिजिटल चौराहे जैसा है जहां इंसानियत के भविष्य के लिए जरूरी मुद्दों पर बात होती है. मैं नई चीजों के जरिए ट्विटर को पहले से बेहतर बनाना चाहता हूं जिनमें अल्गोरिदम को सार्वजनिक कर भरोसा बढ़ाना व सभी मानवों की प्रमाणिकता की जांच कर और स्पैम बॉट्स को हराना शामिल होगा."

लेकिन बाद में वह समझौते पर आनाकानी करने लगे. वह ट्विटर से स्पैम बॉट्स और फर्जी खातों की जानकारी मांग रहे थे और फिर धीरे-धीरे डील रद्द कर दी. इस पर ट्विटर ने मस्क के खिलाफ अमेरिका के डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था. ट्विटर ने कोर्ट से कहा कि वह मस्क को विलय करार पूरा करने के लिए निर्देश दे. कोर्ट ने उन्हें समझौता पूरा करने का निर्देश दिया था.

वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)

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