जम्मू-कश्मीर: दो एनकाउंटर में छह आतंकी मारे गए
२२ अप्रैल २०२२आतंकवादियों से मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन बाद जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने वाले हैं. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद मोदी पहली बार सांभा में बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं.
शुक्रवार सुबह जम्मू के चड्ढा कैंप के पास सीआईएसएफ की बस पर आतंकियों ने हमला किया, इस बस में 15 जवान सवार थे. सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, "22 अप्रैल को लगभग 4 बजकर 25 मिनट पर सीआईएसएफ कर्मियों पर आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया, जब वे जम्मू में चल रहे तलाशी अभियान के लिए जा रहे थे. सुरक्षाकर्मियों ने बहादुरी से जवाबी कार्रवाई की और उन्हें भागने को मजबूर कर दिया. सीआईएसएफ के एक एएसआई ने कार्रवाई के दौरान अपनी जान गंवा दी."
वहीं इस मुठभेड़ को लेकर जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा कि अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं. उन्होंने बताया आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफल, हथियार और गोला-बारूद, सैटेलाइट फोन और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि वे 'फिदायीन' हमलावर थे."
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बारामूला में चार आतंकी मारे गए
इस बीच कश्मीर के बारामूला में एक और आतंकवाद निरोधी अभियान में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर युसूफ कांतरू समेत चार आतंकवादियों को मार गिराया गया है. गुरुवार सुबह शुरू हुआ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन शुक्रवार भी जारी रहा. सुरक्षाबलों को शक है कि इलाके में कुछ और आतंकवादी छिपे हो सकते हैं.
कश्मीर घाटी में पिछले एक महीने से आतंकी घटनाओं में तेजी आई है. टार्गेट किलिंग में चार पंचायत सदस्य मारे गए हैं और कई प्रवासी कामगार घायल हुए हैं.
मोदी जाने वाले हैं जम्मू
आतंवादी हमला ऐसे समय पर हुआ जब दो दिन बाद यानी रविवार को प्रधानमंत्री मोदी जम्मू जाने वाले हैं. अगस्त 2019 में राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद जम्मू और कश्मीर की मोदी की पहली राजनीतिक यात्रा से पहले शहर में एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान के पास आतंकवादियों की मौजूदगी एक प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय है.
मोदी सांभा जिले में राष्ट्रीय पंचायती राज्य दिवस पर पाली गांव में पंचायत सदस्यों की एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे. पाली गांव से सुंजवां की दूरी बहुत ज्यादा नहीं है. मोदी की यात्रा से पहले सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जम्मू-कश्मीर में किसी भी आतंकवादी हमले को नाकाम करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा चौबीसों घंटे गश्त की जा रही है.