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अपराधयूरोप

अपराधियों के ग्लोबल घोस्ट नेटवर्क में पुलिस घुसी

१९ सितम्बर २०२४

स्मार्टफोनों का एक ऐसा नेटवर्क, जिसके बारे में किसी को पता नहीं. इस नेटवर्क में हथियार भी बिकते और ड्रग्स भी. अपराधियों के पंसदीदा घोस्ट नेटवर्क की परतें अब खुल रही हैं.

घोस्ट नेटवर्क के एक सदस्य को गिरफ्तार करती ऑस्ट्रेलिया पुलिस
कई देशों की ज्वाइंट पुलिस कार्रवाई के तहत ऑस्ट्रेलिया में घोस्ट नेटवर्क के सदस्यों की गिरफ्तारीतस्वीर: AUSTRALIAN FEDERAL POLICE/AFP

'घोस्ट सर्विस' पहली बार 2021 में सामने आई. इस सर्विस से लैस स्मार्टफोनों में इनबिल्ट घोस्ट ऐप नेटवर्क था. यूरोपीय संघ (ईयू) की जॉइंट पुलिस एजेंसी 'यूरोपोल' के मुताबिक, अपराधी घोस्ट ऐप डाउनलोड नहीं करते थे, बल्कि वे खास नेटवर्क से स्मार्टफोन खरीदते थे. इस नेटवर्क में फोन लेने के लिए कोई आईडी नहीं देनी पड़ती थी. एक बार चालू होने के बाद किसी को भी इन फोन यूजरों की जानकारी नहीं होती थी.

यूरोपोल का दावा है कि घोस्ट नेटवर्क के फोनों में सूचनाओं को गुप्त रखने के लिए 'सेल्फ डिस्ट्रक्ट ऑल मैसेजेज' और 'रिमोटली फोन रिसेट' जैसे विकल्प थे. पुलिस या कानूनी एजेंसियों द्वारा सीज किए जाने के बावजूद मैसजों को दूर से ही डिलीट किया जा सकता था या पूरे फोन का सारा डेटा खत्म किया जा सकता था.

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दुनियाभर की पुलिस एजेंसियों की मिली-जुली जांच के बाद ऑस्ट्रेलिया की संघीय पुलिस के उपायुक्त डेविड मैक्लीन ने बताया, "कई महीनों तक, संवाद के लाखों मौकों की जांच करने के बाद भी, हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जो इशारा करे कि इसे अपराधी गैंगों के अलावा किसी और ने इस्तेमाल किया हो. "

घोस्ट नेटवर्क के ठिकानों पर पड़े छापों में बरामद ड्रग्सतस्वीर: Australian Federal Police/AP/picture alliance

घोस्ट नेटवर्क के जरिए हर दिन करीब 1,000 मैसेज एक्सचेंज किए जाते थे. यूरोपोल के डिप्टी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जॉं फिलिप लेकूफ कहते हैं, "यह टूल ड्रग्स की तस्करी को, हथियारों के सौदे को, अति हिंसा और मनी लॉन्ड्रिंग को औद्योगिक स्तर पर करवा रहा था."

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यूरोपीय पुलिस एजेंसी के खुफिया अधिकारियों ने इस घोस्ट नेटवर्क में किसी तरह एंट्री पा ली. इसके बाद पता चला कि नेटवर्क के ज्यादातर यूजर फ्रांस और आइसलैंड में छुपे हैं. इसका संस्थापक ऑस्ट्रेलिया में है और पैसों का लेन-देन अमेरिका तक हो रहा है. अब तक 51 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां ऑस्ट्रेलिया में हुई हैं. यूरोपोल के मुताबिक, अन्य कानूनी एजेंसियों की मदद से घोस्ट नेटवर्क को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है.

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कई देशों की जांच एजेंसियां मिलकर ऐसे ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करती आ रही हैं. तीन साल पहले गूगल प्लेस्टोर से ANOM नामक एक ऐप को हटाया गया. ANOM के 11,000 से ज्यादा यूजर्स थे. इनमें से कई खतरनाक अपराधी थे, लेकिन उन अपराधियों को यह पता नहीं था कि ऐप अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने बनाया था.

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अपराधी इस ऐप के जरिए जो भी मैसेज एक-दूसरे को भेजते थे, वो एफबीआई, यूरोपोल, स्वीडिश पुलिस और ऑस्ट्रेलियन पुलिस के पास पहुंचते थे. 2018 से 2021 तक 18 देशों के 9,000 पुलिस अधिकारी इस जांच में शामिल रहे. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में मौजूद इटैलियन माफिया, अल्बानिया के संगठित अपराधी गैंग और ड्रग्स गैंग के 800 से ज्यादा संदिग्ध पकड़े गए.

दुनियाभर में ज्यादातर लोग स्मार्टफोन मैसेजिंग ऐप्स के तौर पर वॉट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम इस्तेमाल करते हैं. सभी ऐप अपनी मैसेजिंग सर्विसेज को हैकिंग प्रूफ और इनक्रिप्टेड रखने का दावा करते हैं. यूरोपोल के अधिकारी लेकूफ के मुताबिक, अपराधी ऐसे लोकप्रिय ऐप्स कम इस्तेमाल करते हैं. वे उन ऐप्स का सहारा लेते हैं, जिन्हें आम लोग नहीं जानते.

ओएसजे/एसएम (एएफपी)

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