एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में टिग्रे विद्रोहियों द्वारा गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और भयानक यौन शोषण का विवरण है. रिपोर्ट बताती है कि किस तरह से महिलाओं पर अत्याचार किया गया.
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एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि इथोपिया के अमहारा क्षेत्र के दो शहरों में विद्रोहियों ने जानबूझकर दर्जनों बेगुनाह लोगों की हत्या की और महिलाओं और लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया. विद्रोहियों ने 14 साल की उम्र की बच्चियों के साथ भी बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट में कहा कि टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) के लड़ाकों ने पिछले साल जुलाई में अमहारा क्षेत्र के दो शहरों कोबो और चेन्ना पर कब्जा कर लिया था. बाद में अगस्त के अंत और सितंबर में इन विद्रोहियों ने वहां बहुत हिंसा की.
एमनेस्टी ने दोनों क्षेत्रों में हिंसा के कई पीड़ितों के साक्षात्कार के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है. लड़ाकों ने अमहारा मिलिशिया के हाथों अपने साथियों की मौत का बदला लेने के लिए जानबूझकर निहत्थे नागरिकों को मार डाला और महिलाओं का यौन शोषण किया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कोबो इलाके में 27 लोगों से बात की. उनमें से कुछ ने कहा कि टिग्रे लड़ाकों ने उनके रिश्तेदारों और अन्य लोगों को उनके घरों के बाहर मार डाला था. दूसरों ने कहा कि उन्हें स्थानीय निवासियों के शव मिले हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरह से दंड दिया जाता है उसी तरह से गोली मारी गई है.
टीपीएलएफ लड़ाकों ने चेन्ना के एक गांव में दर्जनों महिलाओं का यौन शोषण किया. उनमें से अधिकांश के साथ उनके ही घरों में बलात्कार किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक लड़ाकों ने महिलाओं को खाना बनाने और खिलाने के लिए भी मजबूर किया. एमनेस्टी ने चेन्ना में यौन शोषण का शिकार हुईं लगभग 30 महिलाओं का साक्षात्कार लिया है. उनमें से कुछ ने कहा कि उनके बच्चों के सामने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया.
रिपोर्ट एक ऐसी तस्वीर पेश करती है जो यह बताती है कि युद्ध किस हद तक अपने चरम पर पहुंच गया है. टिग्रे में सरकारी फौजों और टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट के बीच युद्ध 2020 के नवंबर में शुरू हुआ. टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ने तीन दशक तक इथियोपिया पर राज किया है और अब टिग्रे प्रांत पर उसका कब्जा है. इस लड़ाई के चलते बीस लाख से ज्यादा लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है. 50 हजार से ज्यादा लोग पड़ोसी देश सूडान में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
इथियोपिया: टिग्रे संकट का एक साल
टिग्रे में सरकारी फौजों और टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट के बीच युद्ध को एक साल हो चुका है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है टिग्रे प्रांत में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है.
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जलता शहर
20 अक्टूबर को सरकारी बलों द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद टिग्रे की राजधानी मेकेले के निवासी मलबे से बाहर निकलते हुए. सेना ने कहा कि वह टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट द्वारा संचालित एक हथियार निर्माण सुविधा को लक्षित कर रही थी, जिसे विद्रोही टिग्रे बलों ने इनकार किया है.
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युद्ध की धुंध
सैन्य हवाई हमले के बाद धुआं मेकेले की सड़कों से ऊपर उठता नजर आ रहा है. टिग्रे अलगाववादियों ने सरकार पर नागरिकों की हत्या का आरोप लगाया है, जबकि अदीस अबाबा का कहना है कि वह हथियारों के डिपो को निशाना बना रहा है. स्थानीय लोगों ने पुष्टि की है कि मेकेले में कम से कम एक प्रमुख औद्योगिक परिसर नष्ट हो गया है.
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बंधक बनाए गए सैनिक
टिग्रेयाई बलों द्वारा पकड़े गए इथियोपियाई सरकार के सैनिक पंक्तियों में बैठे हुए. उन्हें यहां से एक डिटेंशन केंद्र में ले जाया गया.
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मिलती मदद
एक इथियोपियाई रेड क्रॉस सोसाइटी (ईआरसीएस) वाहन सरकारी हवाई हमलों के बाद मेकेले से गुजरता हुआ. ईआरसीएस टिग्रे क्षेत्र में चिकित्सा उपचार प्रदान करने, बुनियादी आश्रय और स्वच्छता वस्तुओं को वितरित करने के लिए काम कर रहा है.
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महत्वपूर्ण सहायता एक दुर्लभ दृश्य
सहायता संगठन समैरिटन पर्स से संबंधित एक मालवाहक विमान मार्च में वापस मेकेले हवाई अड्डे पर आपूर्ति करता हुआ. टिग्रे में मानवीय सहायता का प्रवाह तब से गंभीर रूप से बाधित हो गया है जब से प्रमुख मार्गों पर बाधाओं के कारण काफिले को गुजरने से रोक दिया गया है.
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युद्ध के शिकार
तोगोगा हवाई हमले के पीड़ित का अस्पताल में इलाज चल रहा है. 22 जून को इथियोपियाई वायु सेना ने व्यस्त बाजार के दिन टोगोगा के टिग्रेयन शहर पर हवाई हमला किया, जिसमें 64 नागरिक मारे गए और 184 घायल हो गए. घटनास्थल तक पहुंचने का प्रयास करने वाली एंबुलेंस को शुरू में सैनिकों द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया था.
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एक हताश अपील
मेकेले में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारी भोजन और दवा की भारी कमी के कारण मरीजों की मौत की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. राजधानी में महत्वपूर्ण आपूर्ति का स्टॉक तेजी से घट रहा है, जिससे बच्चों में कुपोषण की दर तेजी से बढ़ रही है. संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अपने आधे कर्मचारियों को देश से वापस बुलाएगा.
तस्वीर: Million Haileselassie /DW
अंतरराष्ट्रीय विरोध
दुनिया के दूसरी ओर 19 अक्टूबर को लंदन के व्हाइटहॉल में सैकड़ों लोगों ने हिंसा के विरोध में नारेबाजी की. उन्होंने टिग्रे में हिंसा और सहायता नाकाबंदी को समाप्त करने का आह्वान किया.