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यूरोपः प्रकृति की सेहत सुधारने से जुड़ा कानून पास

एलिस्टेयर वॉल्श
१० नवम्बर २०२३

यूरोप में मौजूद नैचुरल हैबिटैट यानी प्राकृतिक निवास स्थल बेहद बुरे हाल में हैं. इनमें से 80 फीसदी की सेहत तुरंत सुधारने की जरूरत है, लेकिन इसे शुरू करना एक बड़ी चुनौती रही है.

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जैवविविधता बिल सुनिश्चित करता है कि यूरोपियन यूनियन में शामिल देश, 2030 तक इस इलाके की सीमा में मौजूद भू और जल प्राकृतिक आवासों को बहाल करें.तस्वीर: Tesson/ANDBZ/abaca/picture alliance

यूरोपीय संसद और यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों के वार्ताकारों के बीच एक ऐतिहासिक बिल पर सहमति बनी है. यह जैवविविधता बिल सुनिश्चित करता है कि ईयू में शामिल देश, 2030 तक इस इलाके की सीमा में मौजूद भू और जल प्राकृतिक आवासों को बहाल करें. द ईयू नेचर रेस्टोरेशन लॉ में 2050 तक सभी क्षतिग्रस्त ईकोसिस्टम को बहाल करने की समयसीमा तय की गई है.

ईयू के डाटा के मुताबिक, यूरोप में प्राकृतिक आवासका 80 फीसदी हिस्सा बुरे हाल में है. इसके साथ ही मधुमक्खियों और तितलियों की 10 फीसदी प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं. यही नहीं, 70 फीसदी मिट्टी की सेहत भी खराब है. इन्हें सुधारने पर काम करने के लिए आया नया कानून, ईयू देशों और यूरोपीय संसद से पास होना बाकी है, हालांकि यह महज औपचारिकता ही है.

द ईयू नेचर रेस्टोरेशन लॉ में 2050 तक सभी क्षतिग्रस्त ईकोसिस्टम को बहाल करने की समयसीमा तय की गई हैतस्वीर: Annika Hammerschlag/AA/picture alliance

जैवविविधता की बहाली

यूरोपीय संसद की पर्यावरण कमेटी के प्रमुख, पास्कल कानफिन ने कहा, हम इस महत्वाकांक्षी और सबके लिए काम करने लायक नियम स्थापित करने वाले ऐतिहासिक नतीजे पर गर्व कर सकते हैं. स्पेन की इकॉलॉजिकल ट्रांसिशन यानी पर्यावरणीय पारगमन मंत्री, तेरेसा रिबेरा रॉड्रिगेज भी इसकी सराहना करती हैं.

उन्होंने कहा, यह हमें सभी सदस्य देशों में जैवविविधता के स्वस्थ स्तर को दोबारा बनाने और जलवायु परिवर्तन से जूझते हुए पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करेगा. स्पेन इस वक्त ईयू की अध्यक्षता कर रहा है.

कठिन थी समझौते की राह

यह समझौता पर्यावरण से जुड़े नियमों के उद्योगों और खेती पर प्रभावों के मसले पर गहन विचार-विमर्श के बाद आया है. कंजरवेटिव विचारधारा वाली यूरोपियन पीपल्स पार्टी ने योजना का बड़ा विरोध किया, खासकर 10 फीसदी खेतों का रीनैचुरेशन करने से जुड़े प्लान का.

पार्टी के इस विरोध की वजह से ही बिल के एक हल्के रूप पर ही सहमति बन पाई. जैसे बहस के दौरान, पीटलैंड को दोबारा बहाल करने के लक्ष्य को हटाना पड़ा. पीटलैंड, गीली मिट्टी वाले वह ईकोसिस्टम हैं, जो पर्यावरणीय बदलावों से निपटने में मदद कर सकते हैं क्योंकि उनमें कार्बन उत्सर्जन को सोखने की क्षमता है.

इसके अलावा इस बात पर भी सहमति बनी है कि प्रकृति को बेहतर करने के उपायों के लिए फंडिंग बढ़ाई जाए ताकि अगर सदस्य देशों को जरूरत हो तो पैसे मिल सकें.

ईको इंडिया 247: देखिए पूरा एपिसोड

26:01

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