इस्राएल पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध का जर्मनी समर्थन करेगा?
१७ सितम्बर २०२५
गाजा में इस्राएली हमलों को रोकने के लिए यूरोपीय संघ दबाव बनाना चाहता है. काया कलास चाहती हैं कि या तो जर्मनी इस योजना का समर्थन करे या फिर इस्राएल पर दबाव बनाने के लिए कोई और उपाय सुझाए. यूरोपीय आयोग ने गाजा पट्टी में इस्राएली कार्रवाइयों की वजह से अतिरिक्त प्रतिबंधों का प्रस्ताव दिया है. इन उपायों में कुछ कारोबारी फायदों को निलंबित करना भी शामिल है जो यूरोपीय संघ और इस्राएल के बीच हुए समझौते की वजह से इस्राएल को मिलते हैं.
इस प्रस्ताव को यूरोपीय संघ के सदस्यों का जरूरी समर्थन मिलेगा या नहीं अभी यह साफ नहीं है. इससे पहले इस्राएल को रिसर्च के लिए धन रोकने का प्रस्ताव भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने की वजह से नाकाम हो गया था. जर्मनी ने उस कदम का विरोध किया था. यूरोन्यूज के दिए एक इंटरव्यू में कलास ने कहा है, "अगर हम इस बात पर सहमत हैं कि इस स्थिति का समर्थन नहीं किया जा सकता और चाहते हैं कि इस्राएली सरकार अपना रुख बदले तो इसके लिए हम क्या कर सकते हैं?"
उन्होंने यह भी कहा कि गाजा पट्टी में इस्राएली कार्रवाई पर प्रस्तावित उपायों का अगर कोई समर्थन नहीं करता तो उसे विकल्प सुझाना चाहिए. कलास का कहना है कि प्रस्तावित कारोबारी प्रतिबंध इस्राएल को बहुत महंगा पड़ेगा.
जर्मनी अब भी कर रहा है विचार
इधर जर्मनी ने कहा है कि सरकार ने यूरोपीय संघ के प्रस्तावों पर अपना अंतिम फैसला नहीं लिया है. सरकार के प्रवक्ता श्टेफान कॉर्नेलियस ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "हमें प्रतिबंधों की योजना के बारे में जानकारी है. यूरोपीय आयोग कई दिनों से इस पर चर्चा कर रहा है. इसे आज पेश किया जाएगा लेकिन जर्मन सरकार ने अब तक इस पर अंतिम राय नहीं बनाई है." बीते हफ्तों में जर्मनी का रुख थोड़ा बदलाहै लेकिन इस्राएल को उसके समर्थन में कोई खास बदलाव नहीं आया है.
यूरोपीय संघ के साथ इस्राएल का कारोबार इस्राएल के कुल कारोबार में करीब एक तिहाई है. जाहिर है कि इस्राएल के लिए यूरोपीय संघ सबसे अहम कारोबारी साझीदार है. हालांकि यह भी सच है कि यूरोपीय संघ के लिए कारोबार के लिहाज से इस्राएल कोई खास अहमियत नहीं रखता. यूरोपीय संघ के कारोबार में इस्राएल का हिस्सा एक फीसदी से भी कम है. कलास ने यूरोन्यूज को बताया कि यूरोपीय संघ और इस्राएल के बीच 2024 में कुल 42.6 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था.
यूरोपीय संघ और इस्राएल के बीच हुए कारोबारी समझौते के प्रावधान यह तय करते हैं कि किन चीजों को बगैर शुल्क के या फिर कम शुल्क पर खरीदा या बेचा जाएगा. यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस प्रस्ताव के लिए यूरोपीय संघ में बहुमत हासिल करना मुश्किल होगा. गाजा में मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए इस्राएल पर लग रहे आरोपों को लेकर कदम उठाने पर यूरोपीय संघ में विभाजन काफी गहरा है.
अतिरिक्त उपायों में इस्राएल को अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए यूरोपीय संघ के एक फंड से मिलने वाले धन को रोकना भी शामिल है. यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब इस्राएली सेना ने गाजा सिटी में जमीनी कार्रवाई शुरू कर दी है. लंबे समय से इस्राएल इसकी बात कर रहा था.
कलास के एक प्रवक्ता का कहना है, "यूरोपीय संघ लगातार इस्राएल से गाजा में अभियान तेज नहीं करने का अनुरोध कर रहा है. वहां सैन्य दखल देने से और ज्याद विध्वंस, मौतें और विस्थापन होगा." प्रवक्ता ने यह भी कहा, "हमें यह स्पष्ट है कि इससे वहां की पहले से ही विनाशकारी मानवीय स्थिति और ज्यादा खराब होगी और साथ ही बंधकों का जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा. हिंसा, विध्वंस और पीड़ा के चक्र को तोड़ने का यही समय है और अब यह सब खत्म होना चाहिए."
गाजा में "जनसंहार" के आरोप
इस्राएल ने बीते कुछ दिनों से गाजा सिटी में अपना सैन्य अभियान तेज कर दिया है. इस्राएली सेना वहां जमीनी कार्रवाई कर रही है. इस्राएल ने गाजा सिटी में रह रहे लोगों सेवहां से निकल जाने को कहा है.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्राएल की इस कार्रवाई की आलोचना हो रही है. संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र कमेटी अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग (सीओआई) के अधिकारियों ने इस्राएल पर गाजा में जनसंहार करने का आरोप लगाया है. यह आयोग संयुक्त राष्ट्र की ओर से बयान नहीं देता. आयोग के प्रमुख नावी पिलाय ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि जांच के दौरान आयोग को "गाजा में जनसंहार" होने का पता चला है. पिलाय ने कहा कि इस बारे में "हजारों जानकारियां" अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के साथ साझा की गई हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय अदालतें आयोग के रिपोर्ट को कई में से एक सबूत के तौर पर परखेंगी. अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत पहले ही इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षामंत्री योआव गलांत के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर चुकी है. इन दनों पर युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप हैं. हालांकि अब तक इन दोनों पर जनसंहार के आरोप नहीं लगे हैं. अदालत ने हमास के तीन नेताओं के खिलाफ भी वारंट जारी किया था लेकिन उनकी मौत के बाद ये वारंट रद्द हो गए.
अक्टूबर, 2023 में इस्राएल पर हमास के आतंकवादी हमले के बाद इस्राएल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की थी. हमास के हमले में 1,200 इस्राएली लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया. इनमें से कुछ लोग अब भी हमास के कब्जे में हैं. दूसरी तरफ इस्राएली कार्रवाई में 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.