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विवादयूरोप

क्या गाजा को लेकर इस्राएल पर दबाव बना पाएगा यूरोप

अविनाश द्विवेदी एपी, डीपीए, रॉयटर्स
२१ मई २०२५

यूरोपीय संघ इस्राएल के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंधों की समीक्षा करने जा रहा है. इस बात की जानकारी यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख काया कल्लास ने दी है.

यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख काया कल्लास मीडिया से बात करते हुए
यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख काया कल्लास ने कहा है कि इस्राएल की ओर से गाजा में जिस मदद को जाने दिया गया है, वो समुद्र में एक बूंद के बराबर हैतस्वीर: Virginia Mayo/dpa/picture alliance

यूरोपीय देशों ने इस्राएल से अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंधों की समीक्षा की बात कही है. यह फैसला यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को हुई बैठक के बाद लिया गया है. इस बात की जानकारी यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख राजनयिक काया कल्लास ने दी. जानकार इसे छोटा लेकिन अहम कदम बता रहे हैं. इसके अलावा बुधवार को यूरोपीय संघ ने गाजा और वेस्ट बैंक के लिए 5 करोड़ यूरो की अतिरिक्त मदद की घोषणा भी की है. गाजा में जारी मानवीय संकट के बीच, इस्राएल पर दबाव बनाने के लिए कदम उठाए जाने की बढ़ती मांगों के बीच यूरोपीय संघ का इस्राएल के साथ राजनीतिक-आर्थिक संबंधों की समीक्षा का कदम, इस्राएल की सैन्य कार्रवाई को लेकर पहला औपचारिक कदम होगा.

असल में, इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की गाजा में नए सिरे से सैन्य कार्रवाई की घोषणा के बाद वहां पैदा हुए मानवीय संकट के बीच यूरोपीय संघ पर भी इस्राएल के खिलाफ कदम उठाने का दबाव बढ़ा हुआ था.क्या सिर्फ कारोबारी सौदा है गाजा पर ट्रंप का प्रस्ताव

फलीस्तीनी न्यूज एजेंसी वफा के मुताबिक बुधवार सुबह से अब तक गाजा पट्टी इलाके में इस्राएल के हमलों से कम से कम 45 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में कई बच्चे भी हैं. एजेंसी ने गाजा के मेडिकल सूत्रों के हवाले से बताया है कि गाजा के उत्तर में जबालिया में, मध्य गाजा के दैर अल-बालाह में और दक्षिण गाजा के खान यूनुस में की गई एयरस्ट्राइक में ये मौतें हुई हैं. इस संबंध में अभी इस्राएल की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि पिछले हफ्ते इस्राएल की सेना की ओर से शुरू किए गए बड़े हमले में रोज ही कई लोगों की मौत हो रही है. 

गाजा में हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा हैतस्वीर: Hatem Khaled/REUTERS

कई देशों और संस्थाओं ने की सैन्य कार्रवाई की आलोचना

इन नए हमलों के लिए इस्राएल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है. आलोचना करने वाले देशों में इस्राएल के सहयोगी देश भी शामिल हैं. ब्रिटेन ने मंगलवार को इस्राएल के साथ व्यापार को लेकर चल रही बातचीत को रोक दिया है. ब्रिटेन ने इस्राएल के राजदूत को भी इस मामले में समन किया.

इसी क्रम में यूरोपीय संघ की ओर से इस्राएल के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा करने की बात कही गई. हालांकि काया कल्लास ने 11 हफ्ते लंबी घेराबंदी के बाद गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने की अनुमति देने की खबर का स्वागत भी किया. लेकिन उन्होंने कहा कि यह मदद समुद्र में एक बूंद के बराबर है. साथ ही उन्होंने स्थिति को एक त्रासदी भी बताया. वहीं डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने सिर्फ बेहद कम मदद को गाजा तक पहुंचने देने के लिए इस्राएली प्रशासन की आलोचना की है. संगठन ने इसे एक दिखावा बताया है. 

सच्चाई को लेकर यूरोपीय संघ की समझ गलत: इस्राएल

यूरोपीय संघ की ओर से इस्राएल के साथ संबंधों की समीक्षा की खबर के बाद इस्राएल ने काया कल्लास के बयान को नकारा है. इस्राएली विदेश मंत्री ने मंगलवार रात एक्स पर लिखा, "हम इस बयान में किए गए इशारे को पूरी तरह से खारिज करते हैं. यह दिखाता है कि इस्राएल जिस जटिल सच्चाई का सामना कर रहा है, उसे पूरी तरह से गलत समझा गया."

कथित तौर पर यूरोपीय संघ के दस देशों ने यूरोपीय संघ की इस समीक्षा का समर्थन नहीं किया है. इस्राएली विदेश मंत्री ने उनके प्रति आभार भी जताया.

गाजा में नहीं पहुंच रही पर्याप्त मदद

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा गया था कि उसे गाजा में 100 ट्रक मदद भेजने की अनुमति मिल चुकी है. और धीरे-धीरे मानवीय मदद इलाके में पहुंच रही है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा था कि इलाके को रोज करीब 500 ट्रक मदद की जरूरत है. मार्च में इस्राएल ने गाजा स्थित आतंकवादी संगठन हमास के साथ अस्थाई सीजफायर को खत्म कर दिया था और इलाके में पहुंच रही मानवीय मदद रोकने के लिए प्रतिबंधों को बढ़ा दिया था. 

गाजा के बॉर्डर पर मानवीय मदद पहुंचाने के लिए लगी हुई ट्रकों की कतारेंतस्वीर: REUTERS

अप्रैल में यूरोपीय संघ की ओर से गाजा और वेस्ट बैंक में फलीस्तीनियों की मदद के लिए 1.6 अरब यूरो के तीन साल के वित्तीय मदद पैकेज की घोषणा की गई थी. कल्लास ने कहा है कि इस मदद को रास्ता दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "यूरोपीय पैसे से यह मदद की जा रही है, और यह लोगों तक जरूर पहुंचनी चाहिए."

फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने जारी किया बयान

ब्रसेल्स में हुई इस बैठक से पहले फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा की ओर से गाजा में इस्राएल के नए हमलों को लेकर एक संयुक्त आलोचनात्मक बयान जारी किया गया था. इस आलोचना में इस्राएल की ओर से गाजा में मदद ना पहुंचने देने को पूरी तरह से असंगत बताया गया. बयान में यह भी कहा गया था कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का संभावित उल्लंघन भी है. बयान में चेतावनी दी गई थी कि अगर गाजा में मानवीय मदद पहुंचने की अनुमति नहीं दी गई तो आगे और भी मजबूत कदम उठाए जाएंगे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि वो कदम क्या होंगे.

पिछले 18 महीनों से इस्राएल लगातार कहता आया है कि गाजा में जारी सैन्य कार्रवाई 7 अक्टूबर, 2023 को हमास की ओर से इस्राएल पर किए गए हमले का उचित जवाब है. इस्राएल पर हुए इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 200 लोगों को बंधक बनाया गया था. इस्राएल अपनी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत आत्मरक्षा की कार्रवाई कहता रहा है.

स्पेन ने की प्रतिबंधों की मांग

यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देश, खासकर स्पेन, आयरलैंड, नीदरलैंड्स और फ्रांस ने इस्राएल से ईयू के रिश्तों की औपचारिक समीक्षा की मांग की है. ये रिश्ते ईयू-इस्राएल एसोसिएशन एग्रीमेंट के तहत आते हैं. संधि का अनुच्छेद 2 कहता है कि मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर मामलों में इसे निरस्त किया जा सकता है. फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां नोएल बारो ने मानवाधिकार उल्लंघन स्थापित हो जाने के मामले में इस अनुच्छेद को लागू किए जाने की संभावना जताई. वहीं स्पेन भी इस्राएल पर प्रतिबंधों की मांग कर चुका है.

यूरोपीय संघ के देशों जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी और चेकिया ने इस्राएल के आत्मरक्षा के अधिकार का अक्टूबर, 2023 से ही मजबूती से समर्थन किया है. ये देश इस्राएल के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से बचते रहे हैं. 

लगातार जारी है इस्राएल के कदमों की समीक्षा

जर्मनी ने बार-बार इस्राएल के प्रति अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी पर जोर दिया है. जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने इसी महीने की शुरुआत में इस्राएल का दौरा किया था. उनका यह दौरा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने पर हुआ था. अपने दौरे के दौरान फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू से मुलाकात भी की थी.

इस दौरे के बाद भी यूरोपीय संघ के देशों के बीच इस्राएल को लेकर एक जैसी नीति ना होने का मुद्दा खड़ा हो गया था. बहुत से यूरोपीय देशों के इस्राएल से गहरे रिश्ते हैं. 

हाल ही में जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वाडेफूल और इस्राएल के राष्ट्रपति बेन्यामिन नेतन्याहू के बीच मुलाकात हुई थीतस्वीर: Thomas Imo/AA/IMAGO

'गाजा मुद्दे पर प्रभावहीन यूरोपीय संघ'

यूरोपीय संघ के कई अन्य देश, जैसे आयरलैंड, बेल्जियम और स्पेन के साथ ही हाल में फ्रांस ने भी गाजा में जारी इस्राएल की सैन्य कार्रवाई पर अपनी नाराजगी का इजहार किया है.

मध्य-पूर्व में यूरोपीय संघ के पूर्व राजनयिक रहे जेम्स मोरान कहते हैं कि यूरोपीय संघ के देशों के बीच इन आंतरिक मतभेदों ने यूरोपीय संघ को प्रभावी रूप से हाशिये पर पहुंचा दिया है. उनके मुताबिक, यूरोपीय संघ राजनीतिक रूप से प्रभावहीन हो चुका है. एकता के बिना वो ज्यादा से ज्यादा यही कर सकते हैं कि मानवीय मदद दें और अन्य लोगों की ओर से चलाए जा रही राजनयिक पहलों का समर्थन करें. 

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