यूरोपीय संघ के नेता रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को और छह महीने जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. ब्रसेल्स में बैठक के दौरान संघ के नेताओं ने प्रवासी और सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसके दौरान कई मतभेद भी सामने आए.
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पूर्वी यूक्रेन के संकट में रूस की भूमिका को देखते हुए उसके खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों को जारी रखने का फैसला किया गया है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डॉनल्ड टुस्क ने ट्वीट किया, "रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध जारी रखने के मुद्दे पर यूरोपीय संघ एकजुट."
रूस ने जब यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को अपने क्षेत्र में मिला लिया तो यूरोपीय संघ ने जुलाई 2014 में उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे जिनमें वित्तीय, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों को निशाना बनाने के साथ साथ यूरोपीय संघ के बाजार तक रूस की पहुंच को सीमित करना भी शामिल था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंकों ने यूरोपीय संघ के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा, "रूस की तरफ से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने और हमारे देश के खिलाफ मिश्रित आक्रमण को रोकने की उसकी अनिच्छा के खिलाफ प्रतिबंधों को जारी करने का यूरोपीय संघ के नेताओं का फैसला अहम है."
यूक्रेन का युद्ध
यूक्रेन में रूस समर्थित विद्रोहियों और सरकार के बीच युद्ध के कारण हालात कितने गंभीर हैं, इन तस्वीरों में देखिए.
तस्वीर: Reuters/G. Garanich
सरकारी फौजों के कब्जे वाले अवदियिवका कस्बे में खड़ा यह टैंक बर्बाद हो चुका है.
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अवदियिवका में जंग और जिंदगी दोनों साथ साथ जारी हैं
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घरों के सामने बच्चों के खेलने की जगहों को टैंकों ने घेर रखा है. घरों में कोई नहीं है.
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राहत सामग्री बाहर से आ रही है क्योंकि जीने का जरिया खत्म हो गया है.
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युद्ध पीड़ित लोग भयंकर सर्दी से जूझते हुए अपनी जिंदगी समेटने में जुटे हैं.
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आपात मंत्रालय के कामगार लोगों के घरों की मरम्मत कर रहे हैं.
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युद्ध के दौरान जिन इमारतों को नुकसान पहुंचा, उनकी मरम्मत की जा रही है.
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इसी बर्बादी के बीच मदद की डिमांड और सप्लाई का संतुलन बनाना आसान नहीं.
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फ्रंट लाइन पर दोनों तरफ के लोग संगीनें ताने खड़े हैं, हर वक्त हमले को तैयार.
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रेड क्रॉस जैसी संस्थाएं अवदियिवका के लोगों तक मदद पहुंचाने में लगी हैं.
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यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह तभी प्रतिबंधों को हटाएगा जब रूस मिंस्क समझौते पर अमल करेगा. इस समझौते में बिना शर्त संघर्षविराम और दोनों पक्षों से पूर्वी यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे से भारी हथियारों को हटाने के लिए कहा गया है.
यूरोपीय संघ के 28 सदस्य देशों में से 25 देशों के नेताओं ने ब्रसेल्स में मिलकर सशस्त्र बलों की तैनाती, उनके विकास और उनके लिए धन मुहैया कराने पर भी सहमति जताई. ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर जा रहा है जबकि डेनमार्क और माल्टा पर्मानेंट स्ट्रक्चर्ड को-ओपरेशन या पेस्को नाम की इस सुरक्षा डील में शामिल नहीं होना चाहते हैं.
विश्लेषक मानते हैं कि पेस्को के कारण अमेरिका पर यूरोप की निर्भरता कम होगी. खास कर ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप और अमेरिका के बीच की दूरियां बढ़ी हैं. डॉनल्ड टुस्क ने कहा, "50 साल से भी ज्यादा हो गए जब यूरोपियन डिफेंस कम्युनिटी बनाई गई थी, लेकिन इसे साकार करने के लिए एकता और साहस नहीं था. यह सपना उस समय की सच्चाइयों के मुताबिक नहीं था. आज यह सच बन गया है." उन्होंने इस फैसले को "दुश्मनों के लिए बुरी खबर" बताया.
2017 में यूं बदली दुनिया
हर साल और सदी अपने साथ बड़े बदलाव लेकर आती है. एक नजर 2017 में घटी ऐसी ही घटनाओं पर.
तस्वीर: Reuters/KCNA
ट्रंप का राष्ट्रपति बनना
जनवरी 2016 में डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं, वक्त बीतने के साथ ऐसी आंशकाएं सच भी होने लगी. अमेरिका ने जलवायु परिवर्तन संधि से बाहर निकलने का एलान कर दिया.
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हथियारों का नशा
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने 2017 में हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर अंतरराष्ट्रीय जगत को परेशान कर दिया. किम सिर्फ एटमी परीक्षण पर ही नहीं रूके. उन्होंने कई मिसाइलें भी टेस्ट की और अमेरिका के साथ युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए.
तस्वीर: Reuters/KCNA
एक युग का अंत
1980 से जिम्बाब्वे की सत्ता संभाल रहे रॉबर्ट मुगाबे के राजनीतिक करियर का 2017 में आखिरकार अंत हो गया. सेना के दबाव में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इस तरह जिम्बाब्वे को आजादी के बाद दूसरा राष्ट्रपति मिला.
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22 साल बाद न्याय
स्रेब्रेनित्सा के जनसंहार के लिए बोस्नियाई सर्ब जनरल रात्को म्लादिच को अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अदालत ने दोषी करार दिया. 1995 में म्लादिच की सेना ने 8,000 बोस्नियाई लोगों को हत्या की. म्लादिच को आजीवन जेल की सजा होने से पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने का अहसास हुआ.
तस्वीर: Reuters/D. Ruvic
रोहिंग्या संकट
अगस्त 2017 में म्यांमार में सेना की कार्रवाई के बाद छह लाख से ज्यादा रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश पहुंचे. इनमें ज्यादातर म्यांमार के रखाइन प्रांत में रहने वाले मुसलमान थे. संयुक्त राष्ट्र ने म्यामांर की सेना पर रोहिंग्याओं के नस्ली सफाए का आरोप लगाया. नवंबर में चीन की मदद से बांग्लादेश और म्यांमार के बीच इस मुद्दे पर समझौता हुआ.
तस्वीर: Reuters/D. Siddiqui
#मीटू
अमेरिकी अभिनेत्री रोज मैकगोवन ने हॉलीवुड के दिग्गज प्रोड्यूसर हार्वे वाइनस्टीन पर यौन शोषण का आरोप लगाया. उनके बाद कई और अभिनेत्रियों ने भी वाइनस्टीन पर ऐसे ही आरोप लगाए. और देखते ही देखते दुनिया भर के कई देशों में महिलाओं ने #Metoo लिखकर अपने यौन शोषण की पीड़ा बयान की.
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Laverty
स्पेन में फूट
स्पेन का कैटेलोनिया प्रांत में हुए जनमत संग्रह में बहुमत से स्पेन से अलग होने का फैसला किया. स्पेन ने जनमत संग्रह को गैरकानूनी और विद्रोही घोषित किया. स्थानीय सरकार को भंग कर दिया गया.
तस्वीर: Getty Images/J. J. Mitchell
आईएस मुक्त इलाका
इराकी सेना और इस्लामिक स्टेट की गोलीबारी के बीच अपनी बच्ची को बचाने की कोशिश करता एक पिता. यह तस्वीर मोसुल में ली गई. 2017 में लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार इराक और सीरिया के बड़े इलाके से इस्लामिक स्टेट को खदेड़ दिया गया.
तस्वीर: Reuters/G. Tomasevic
सबसे महंगी पेंटिंग
लियोनार्डो दा विंची की सल्वाटोर मुंडी नाम की पेंटिंग इस साल 45 करोड़ डॉलर में नीलाम हुई. इस दाम के साथ ही यह दुनिया की सबसे महंगी कला सामग्री बन चुकी है. पेंटिंग को यूएई के एक व्यक्ति ने खरीदा.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Akmen
सितारे की विदाई
जमैका के यूसेन बोल्ट आखिरी बार लंदन में वर्ल्ड एथेलेक्टिस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. 100 मीटर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्हें पछाड़ने वाले अमेरिका के जस्टिन गैटलिन ने मुकाबले के बाद झुककर बोल्ट को सम्मान दिया.
तस्वीर: Reuters/P. Noble
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दूसरी तरफ, शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपीय संघ में अब भी मतभेद नजर आते हैं. चार पूर्वी यूरोपीय देश चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया ने घोषणा की कि वे 3.5 करोड़ यूरो की रकम लीबिया में संघ की सीमाओं को सुरक्षित बनाने की परियोजना पर खर्च करेंगे. लीबिया से ही बहुत से प्रवासी यूरोप के लिए अपना खतरनाक सफर शुरू करते हैं.
अन्य यूरोपीय देशों ने इन चार देशों की योजना की आलोचना की है, क्योंकि वे संघ में मौजूद प्रवासियों की समस्या से निपटने में योगदान नहीं दे रहे हैं. वे एक निर्धारित कोटे के तहत अपने हिस्से में आए शरणार्थियों को नहीं ले रहे हैं. गुरुवार को शिखर सम्मेलन में भी इन चारों देशों ने कोटे का विरोध किया.
स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रोबर्ट फिको ने कहा, "कोटा काम नहीं कर रहा है, वह अप्रभावी है." उन्होंने कहा, "कोटे पर फैसले ने सचमुच यूरोपीय संघ को बांट दिया." डॉनल्ड टुस्क ने भी कोटा व्यवस्था की आलोचना की. लेकिन जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल समेत यूरोपीय संघ के अन्य नेताओं ने चेतावनी दी कि टुस्क के ख्यालों से प्रवासी संकट से निपटने में मदद नहीं मिलेगी और इससे संघ के भीतर एकजुटता कमजोर होगी.
एके/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
रिफ्यूजियों के लिए नर्क बना लीबिया
यातना, बलात्कार, भुखमरी, यूरोप पहुंचने का सपना देखने वाले अफ्रीकी लोग, लीबिया में ऐसी बर्बरता का सामना करते हैं. उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे नर्क में आ गए हों.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Brabo
गुलामी की रिपोर्टें
अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के बाद दुनिया को लीबिया में चल रही संदिग्ध मानव तस्करी का पता चला. लीबिया की सरकार ने लोगों को दास बनाकर बेचने के मामले की जांच के लिए एक आयोग बनाया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/F. Bucciarelli
विरोध प्रदर्शन
पेरिस, जेनेवा, ब्रसेल्स और रबात जैसे विख्यात शहरों में लीबिया के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं. मोरक्को में युवाओं ने लीबिया के दूतावास के सामने गुलामों की कथित सौदेबाजी की विरोध किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/F. Senna
जान सांसत में
यूरोप की तरफ आने वाले अफ्रीकी देशों के लोग लीबिया के नाम से कांपने लगे हैं. लीबिया में एक ही कमरे में दर्जनों लोगों को कैद कर रखने की रिपोर्टें सामने आई हैं. इस दौरान मारपीट, बलात्कार और भुखमरी की शिकायतें भी आईं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Jawashi
अमानवीय हालात
लीबिया के कैंपों में कैद लोगों के मुताबिक कई सेंटरों में हालात नर्क जैसे हैं. एक अनुमान के मुताबिक लीबिया में चार लाख से 10 लाख तक अप्रवासी फंसे हुए हैं. लीबिया के सूत्रों ने यह संख्या 20 हजार बताई है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Jawashi
जेल नहीं, रिफ्यूजी कैंप
लीबिया की सरकार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन मिला है. यूरोप चाहता है कि लीबिया, यूरोप आने वाले लोगों को अपने यहां ही रोक ले. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों को रोके रखना लीबिया के लिए भी मुश्किल हो रहा है. वहां कई जेलों को भी रिफ्यूजी कैंप में बदल दिया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/C. Occhicone
यूरोप का स्वर्णिम सपना
इस युवा को तटीय शहर मिसराता से 50 किलोमीटर दूर के जेल कैंप में रोका गया है. ज्यादातर अप्रवासी भूमध्यसागर पार कर लीबिया से यूरोप पहुंचना चाहते हैं. यूरोपीय देश चाहते हैं कि इन लोगों को किसी तरह अफ्रीका में ही रोका जाए. (सबरीना मुलर-प्लॉनिकोव, बेनेडिक्ट मास्ट)