अमेरिका और ईरान के बीच फंसा ईयू
२५ सितम्बर २०१८ईरान ने धमकी दी है कि उस पर ज्यादा दबाव डाला गया तो दुनिया का बड़ा हिस्सा तेल को तरस जाएगा.
तेल का खेल ऐसे बिगाड़ सकता है ईरान
अमेरिका के ईरानी परमाणु डील से हटने के बाद ईरान पर फिर दबाव बढ़ रहा है. लेकिन ईरान ने धमकी दी है कि उस पर ज्यादा दबाव डाला गया तो दुनिया का बड़ा हिस्सा तेल को तरस जाएगा.
अहम रास्ता
समंदर के रास्ते होने वाली दुनिया की एक तिहाई तेल आपूर्ति होरमुज जलडमरूमध्य से होती है. यह फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच पड़ता है. यह संकरा समुद्री रास्ता मध्य पूर्व के तेल उत्पादकों को प्रशांत एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दुनिया के बाकी हिस्सों से जोड़ता है.
होरमुज का भूगोल
सबसे संकरे बिंदु पर होरमुज की चौड़ाई 21 नॉटिकल मील है. लेकिन दोनों दिशाओं में शिपिंग लेन सिर्फ दो मील चौड़ी है. इसके पश्चिमी तट पर ईरान है तो दक्षिणी तट पर संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का एक बाहरी इलाका है.
ईरान की धमकी
ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका के कहने पर दुनिया भर के देशों ने ईरान से तेल खरीदना बंद किया तो वह होरमुज के रास्ते होने वाले तेल की आपूर्ति को रोक देगा. इससे दुनिया के एक बड़े हिस्से की तेल आपूर्ति बाधित हो जाएगी.
होरमुज की अहमियत
अमेरिका के ऊर्जा सूचना प्रशासन का अनुमान है कि 2016 में प्रतिदिन होरमुज से होकर 1.85 करोड़ बैरल तेल गुजरा, जो पूरे साल में समंदर के रास्ते होने वाली आपूर्ति का कुल 30 प्रतिशत है. 2015 के मुकाबले 2016 में इस रास्ते होने वाली तेल आपूर्ति में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
इनका तेल गुजरता है
सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और इराक से होने वाले तेल निर्यात का ज्यादातर हिस्सा होरमुज से होकर ही जाता है. इसके अलावा कतर से दुनिया को होने वाली तरल प्राकृतिक गैस की लगभग सारी आपूर्ति इसी रास्ते से होती है.
टैंकर युद्ध
ईरान और इराक के बीच 1980 से लेकर 1988 तक चले युद्ध के दौरान तेल को भी हथियार बनाया गया. दोनों पक्षों ने एक दूसरे के तेल निर्यात को बाधित करने की कोशिश की थी. इसे टैंकर युद्ध के नाम से जाना जाता है.
सुरक्षा की जिम्मेदारी
बहरीन में तैनात अमेरिकी नौसेना की फिफ्थ फ्लीट को जिम्मेदार दी गई है कि वह यहां से गुजरने वाले व्यावसायिक जहाजों की सुरक्षा करे. वैसे यूएई और सऊदी अरब होरमुज जलडमरूमध्य का विकल्प खोजना चाहते हैं.
हादसे और हमले
इस इलाके में कई हादसे भी हुए हैं. जुलाई 1988 में एक अमेरिकी युद्धपोत ने 290 लोगों को लेकर जा रहे एक ईरानी विमान को मार गिराया था. अमेरिका ने बाद में कहा कि क्रू ने विमान को लड़ाकू विमान समझ लिया था.
जापानी टैंकर पर हमला
जुलाई 2010 में जापान के एक तेल टैंकर एम स्टार पर होरमुज जलडमरूमध्य में हमला किया गया था. अल कायदा से जुड़े एक चरमपंथी गुट अब्दुल्ला आजम ब्रिगेड ने इस हमले की जिम्मेदारी ली.
टैंकर पर गोलियां
मई 2015 में ईरानी सुरक्षा बलों ने सिंगापुर के झंडे वाले एक टैंकर पर गोलियां दागीं. ईरान का कहना है कि था कि इस टैंकर ने ईरान के एक तेल प्लेटफॉर्म को नुकसान पहुंचाया था. बाद में उसके कंटेनर को जब्त कर लिया गया.
ईरान का पलटवार
3 जुलाई 2018 को ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कहा कि ईरान से होने वाले तेल निर्यात को शून्य के स्तर पर लाने की अमेरिका की मांगों के जबाव में उनका देश होरमुज से होने वाली तेल की आपूर्ति को बाधित कर सकता है.
पहली बार धमकी
इसके अगले दिन ईरानी रिवोल्युशनरी गार्ड्स के कमांडर ने बयान दिया कि अगर उसके तेल कारोबार को ठप किया गया तो होरमुज से किसी का भी तेल नहीं गुजरने दिया जाएगा. होरमुज पर ऐसी धमकी ईरान ने पहली बार दी है.