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ईयू: शरणार्थियों पर सहमति और ट्रंप पर तंज

३ फ़रवरी २०१७

यूरोपीय संघ के नेताओं ने भूमध्य सागर से आने वाले शरणार्थियों को रोकने की योजना पर सहमति जताई है ताकि उन्हें लीबिया में ही रोका जा सके. लेकिन ईयू शिखर सम्मेलन पर अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का साया हावी रहा.

EU-Gipfel auf Malta | Gruppenbild
तस्वीर: Reuters/Y. Herman

यूरोपीय नेताओं की ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के फैसले को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया और सदस्य देश अंदर से आप्रवासन के मुद्दे पर दबाव महसूस कर रहे हैं तो डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद लंबे समय के सहयोगी अमेरिका के साथ उसके संबंध जटिल हो गए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति के रवैये और फैसलों का विरोध कर रहीं जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि यूरोप को ट्रंप की कार्रवाईयों के जवाब में दुनिया में अपनी भूमिका की स्पष्ट व्याख्या करनी होगी. उन्होंने कहा, "यूरोप का भविष्य उसके अपने हाथों में है."

अमेरिका पर तंज

ऑस्ट्रिया के चांसलर क्रिस्टियान कैर्न ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर ट्रंप द्वारा लगाए गए वीजा बैन और शरणार्थियों पर रोक की आलोचना करते हुए कहा कि ऊंचे स्तर का आप्रवासन अमेरिकी विदेश नीति का नतीजा है. उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं कि जिस तरह से सैनिक हस्तक्षेप किए गए हैं आप्रवासियों के प्रवाह पर अमेरिका की साझा जिम्मेदारी है." कैर्न ने खुलकर नहीं कहा कि ऐसी कार्रवाइयां किन देशों ने की हैं, लेकिन कहा, "विश्व समुदाय के लिए यह अस्वीकार्य है यदि अमेरिका सभी जिम्मेदारियों से बचना चाहता है. और ये बात हमें अमेरिकी दोस्तों को साफ करनी होगी."

देखिए क्या हैं यूरोपीय लोगों की चिंता

यूरोपीय आयोग के प्रमुख जाँ क्लोद युकंर ने शिकायत की कि ट्रंप का प्रशासन यूरोपीय संघ को नहीं समझता, "मैं समझता हूं कि समझाने की संभावना है, क्योंकि कभी कभी मुझे लगता है कि नया प्रशासन यूरोपीय संघ के बारे में विस्तार से नहीं जानता, लेकिन यूरोप में विस्तार जरूरी है." ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ट्रंप से मिलने वाली अब तक अकेली यूरोपीय नेता हैं.

फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ ट्रंप ने टेलिफोन पर बात की है. तीनों नेता यूरोपीय साथियों को अपनी बातचीत के बारे में बताएंगे. मे अपने साथी नेताओं को बताएंगी कि ट्रंप ने उन्हें गारंटी दी है कि वे 100 फीसदी नाटो के साथ हैं.

देखिए दिलों को बांटती दीवारें

लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने चेतावनी दी है कि यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ अमेरिकी वर्चस्व वाले सैनिक सहबंध पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. अमेरिका ने पहले नाटो की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए थे. ओलांद ने कहा, "किसे पता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रांस अटलांटिक सहबंध और वित्तीय बोझ के बंटवारे के बारे में सचमुच क्या सोचते हैं?"

शरणार्थियों पर संधि

ट्रंप भले अनचाहे ही यूरोपीय नेताओं की बहस के केंद्र में आ गए हों, ईयू के सदस्य देशों ने एकता का परिचय देते हुए भूमध्य सागर होकर यूरोप आने वाले शरणार्थियों को रोकने के लिए 10 सूत्री कार्यक्रम पास कर दिया. 2016 में उत्तरी अफ्रीका से 180,000 लोग यूरोप के लिए चले थे जिनमें से 4,500 मारे गए.

देखिए शरणार्थियों से फायदा उठाते कारोबारी

 

यूरोपीय योजना में लीबिया के लिए मदद बढ़ाना भी शामिल है ताकि समुद्र के रास्ते यूरोप आने वाले लोगों को वहीं रोका जा सके और उन्हें सुरक्षित रिफ्यूजी कैंप बनाने के लिए मदद दी जा सके. यूरोपीय संघ यूरोपीय देशों में आ चुके शरणार्थियों को अपनी मर्जी से वापस घर लौटने के लिए भी वित्तीय मदद देगा. बैठक से पहले जर्मन चांसलर मैर्केल ने कहा, "लीबिया में आप्रवासियों की हालत बहुत ही खराब है."

गुरुवार को इटली के प्रधानमंत्री पाओलो गेंटीलोनी ने लीबिया के प्रधानमंत्री फयाज अल सराज के साथ भूमध्य सागर के रास्ते अवैध आप्रवासन को रोकने की एक संधि पर दस्तखत किये थे. यूरोप आने वाले आप्रवासियों के लिए इटली यूरोप में घुसने का प्रमुख रास्ता है. इटली और लीबिया के बीच तय सहमति पत्र में कहा गया है कि दोनों देश लीबिया में कोस्ट गार्ड और बॉर्डर पेट्रोल जैसे संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए सहयोग करेंगे. यूरोपीय नेताओं ने इटली के नेतृत्व में चलने वाले इस कार्यक्रम की पुष्टि कर दी है.

एमजे/एके (एएफपी, रॉयटर्स)

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