यूरोपीय संघ के नेताओं ने भूमध्य सागर से आने वाले शरणार्थियों को रोकने की योजना पर सहमति जताई है ताकि उन्हें लीबिया में ही रोका जा सके. लेकिन ईयू शिखर सम्मेलन पर अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का साया हावी रहा.
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यूरोपीय नेताओं की ये मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के फैसले को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया और सदस्य देश अंदर से आप्रवासन के मुद्दे पर दबाव महसूस कर रहे हैं तो डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद लंबे समय के सहयोगी अमेरिका के साथ उसके संबंध जटिल हो गए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति के रवैये और फैसलों का विरोध कर रहीं जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि यूरोप को ट्रंप की कार्रवाईयों के जवाब में दुनिया में अपनी भूमिका की स्पष्ट व्याख्या करनी होगी. उन्होंने कहा, "यूरोप का भविष्य उसके अपने हाथों में है."
अमेरिकापरतंज
ऑस्ट्रिया के चांसलर क्रिस्टियान कैर्न ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर ट्रंप द्वारा लगाए गए वीजा बैन और शरणार्थियों पर रोक की आलोचना करते हुए कहा कि ऊंचे स्तर का आप्रवासन अमेरिकी विदेश नीति का नतीजा है. उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं कि जिस तरह से सैनिक हस्तक्षेप किए गए हैं आप्रवासियों के प्रवाह पर अमेरिका की साझा जिम्मेदारी है." कैर्न ने खुलकर नहीं कहा कि ऐसी कार्रवाइयां किन देशों ने की हैं, लेकिन कहा, "विश्व समुदाय के लिए यह अस्वीकार्य है यदि अमेरिका सभी जिम्मेदारियों से बचना चाहता है. और ये बात हमें अमेरिकी दोस्तों को साफ करनी होगी."
देखिए क्या हैं यूरोपीय लोगों की चिंता
क्या है यूरोपीय लोगों की चिंता
यूरोपीय संघ के एक सर्वे में पता चला कि किस बात को लेकर यूरोपीय लोग सबसे ज्यादा चिंतित हैं.
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मौसम, 5%
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जलवायु परिवर्तन, 6%
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महंगाई, 7%
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दुनिया पर यूरोपीय संघ का प्रभाव, 7%
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अपराध, 9%
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बेरोजगारी, 15%
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खराब वित्तीय स्थिति, 16%
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आर्थिक हालात, 19%
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आतंकवाद, 39%
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शरणार्थी, 48%
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यूरोपीय आयोग के प्रमुख जाँ क्लोद युकंर ने शिकायत की कि ट्रंप का प्रशासन यूरोपीय संघ को नहीं समझता, "मैं समझता हूं कि समझाने की संभावना है, क्योंकि कभी कभी मुझे लगता है कि नया प्रशासन यूरोपीय संघ के बारे में विस्तार से नहीं जानता, लेकिन यूरोप में विस्तार जरूरी है." ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ट्रंप से मिलने वाली अब तक अकेली यूरोपीय नेता हैं.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ ट्रंप ने टेलिफोन पर बात की है. तीनों नेता यूरोपीय साथियों को अपनी बातचीत के बारे में बताएंगे. मे अपने साथी नेताओं को बताएंगी कि ट्रंप ने उन्हें गारंटी दी है कि वे 100 फीसदी नाटो के साथ हैं.
देखिए दिलों को बांटती दीवारें
दिलों को बांटती दीवारें
बर्लिन की दीवार दुनिया भर में विभाजन का प्रतीक रही है. 26 साल पहले उसे गिरा दिया गया लेकिन इस बीच शरणार्थियों को रोकने के लिए यूरोप में कई जगह दीवार खड़ी करने की मांग हो रही है. एक नजर दुनिया भर की दीवारों पर.
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हंगरी ने बनाई बाड़
हंगरी में प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की सरकार ने सर्बिया की सीमा पर एक बाड़ लगवा दी है और यूरोपीय संघ के सदस्य क्रोएशिया के साथ लगी सीमा को भी पक्का करवा दिया है. ग्रीस के पश्चिमी बालकान के रास्ते आने वाले शरणार्थी हंगरी होकर ऑस्ट्रिया और जर्मनी जाना चाहते हैं.
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यूरोपीय आउटपोस्ट
उत्तरी मोरक्को में स्थित स्पेनी इनक्लेव मेलिल्या की सीमा को दुनिया भर की सबसे आधुनिक सीमा माना जाता है. सेउता की तरह ही मेलिल्या में भी छह मीटर ऊंची और दस किलोमीटर लंबी बाड़ ने शहर को घेर रखा है. इंफ्रारेड कैमरा और मोशन डिटेक्टर से लैस यह बाड़ अफ्रीका के शरणार्थियों को रोकने के लिए है.
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विभाजित द्वीप
साइप्रस की तथाकथित ग्रीन लाइन पर बाड़ लगी है. मलबे, वॉच टावर और दीवारें. 180 किलोमीटर की यह विभाजन रेखा इस सुंदर द्वीप को उत्तर के तुर्क और दक्षिण के ग्रीक हिस्से में बांटती है. बर्लिन दीवार के गिरने के बाद से निकोसिया दुनिया की अंतिम विभाजित राजधानी है.
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टॉरटिया दीवार
यूनाइटेड स्टेट्स बॉर्डर पेट्रोल के 20,000 पुलिसकर्मी अमेरिका और मेक्सिको की सीमा की चौबीस घंटे निगरानी करते हैं. टॉरटिया दीवार कही जाने वाली ये दीवार 1,126 किलोमीटर लंबी है. शरणार्थियों और स्मगलरों से सीमा की सुरक्षा के लिए वीडियो और इंफ्रारेड कैमरों के अलावा मूवमेंट डिटेक्टर, ड्रोन और सेंसर लगे हैं.
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बंटी पवित्र भूमि
यहां येरूशलेम की तरह इस्राएल और फलीस्तीनी सीमा कुछ चेकप्वाइंट पर ही पार की जा सकती है. सीमा पर यह सुरक्षा फलीस्तीनी आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए है. इसके बावजूद गजा पट्टी के खुद बनाई गई सुरंगों के जरिये हथियार और दूसरे सामान लाने में कामयाब हो जाते हैं.
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कोरिया में विसैन्यीकृत इलाका
यह दुनिया की सबसे ज्यादा निगरानी वाली सीमा है. बाड़ के अलावा 10 लाख बारूदी सुरंगें दक्षिण कोरिया और साम्यवादी उत्तरी कोरिया को एक दूसरे से अलग करती है. 248 किलोमीटर लंबी सीमा के दोनों ओर 1953 के कोरिया युद्ध के बाद से ढाई किलोमीटर चौड़ी विसैन्यीकृत पट्टी है, जिसमें घुसना मना है.
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उत्तरी आयरलैंड में शांति रेखा
कुल मिलाकार 48 शांति रेखाएं उत्तरी आयरलैंड में कैथलिक और प्रोटेस्टेंट मुहल्लों को बांटती हैं. राजधानी बेलफास्ट में सात मीटर ऊंची दीवार सीमा को बांटती है. इस दीवार में पैदल चलने वालों के लिए छोटा रास्ता और गाड़ियों के लिए दरवाजे हैं, जिन्हें रात में बंद कर दिया जाता है.
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सुरक्षा दीवार
यह दुनिया की सबसे लंबी बाड़ है. भारत और बांग्लादेश की सीमा पर 4,000 किलोमीटर लंबी बाड़. भारत में सक्रिय विद्रोही और आतंकवादी भागकर पड़ोस में चले जाते हैं. जीरो लाइन दो मीटर ऊंची बाड़ से बनी है जिसमें बिजली दौड़ाई जा सकती है. सीमा की निगरानी करीब 50,000 सैनिक करते हैं.
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विभाजन का प्रतीक
बर्लिन दीवार दुनिया भर में विभाजन का प्रतीक थी. 9 नवंबर 1989 को यह दीवार गिर गई. इसी के साथ पहले जर्मनी का और फिर यूरोप का विभाजन खत्म हुआ. और शीतयुद्ध की समाप्ति की शुरुआत हुई. इसके ऐतिहासिक महत्व के बावजूद दुनिया में सीमाएं बनी हुई हैं.
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लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने चेतावनी दी है कि यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ अमेरिकी वर्चस्व वाले सैनिक सहबंध पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. अमेरिका ने पहले नाटो की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए थे. ओलांद ने कहा, "किसे पता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रांस अटलांटिक सहबंध और वित्तीय बोझ के बंटवारे के बारे में सचमुच क्या सोचते हैं?"
शरणार्थियोंपरसंधि
ट्रंप भले अनचाहे ही यूरोपीय नेताओं की बहस के केंद्र में आ गए हों, ईयू के सदस्य देशों ने एकता का परिचय देते हुए भूमध्य सागर होकर यूरोप आने वाले शरणार्थियों को रोकने के लिए 10 सूत्री कार्यक्रम पास कर दिया. 2016 में उत्तरी अफ्रीका से 180,000 लोग यूरोप के लिए चले थे जिनमें से 4,500 मारे गए.
देखिए शरणार्थियों से फायदा उठाते कारोबारी
शरणार्थियों से फायदा उठाते कारोबारी
बाल्कान में शरणार्थियों की जरूरतें स्थानीय लोगों को पैसे बनाने का भी जरिया दे रही हैं. जरूरतमंदों के साथ लूटपाट और रिश्वतखोरी के मामले भी जोर पकड़ रहे हैं.
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परिवहन सेवा
बाल्कान में परिवहन सबसे बड़ा कारोबार बन गया है. लिरिडोन बिजाजली अल्बानियाई हैं जो कोसोवो में रहते हैं. वह प्रेसेवो शरणार्थी शिवर के बाहर 35 यूरो में क्रोएशिया का टिकट बेचते हैं. बजाजली बताते हैं कि बारटेंडिग की नौकरी में उन्हें दिन में 8 यूरो ही मिलते हैं जबकि टिकट बेचकर वह 50-70 यूरो कमा लेते हैं.
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हमदर्दी है, लेकिन मुनाफा जरूरी
हालांकि बजाजली शरणार्थियों के परिवार के साथ मोल भाव करते हैं जिनमें बच्चे भी होते हैं. उनके पास अक्सर पैसे नहीं होते. उन्होंने बताया, "मैं भी कभी शरणार्थी था इसलिए मैं समझ सकता हूं. ये सेवा मुफ्त होनी चाहिए. यूरोप सर्बिया को शरणाथियों की मदद के लिए पैसे देता है लेकिन हमारी सरकार ज्यादा कुछ नहीं करती."
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सप्लाई और डिमांड
प्रेसेवों के शरणार्थी शिविरों में 8,000 से 10,000 के करीब लोगों के लिए नजदीकी व्यवसायों को भी बढ़ावा मिला है ताकि उनकी मांगें पूरी की जा सकें. आसपास के रेस्तरां और दुकानें लगातार ग्राहकों से भरी रहती हैं. बिजाजली ने बताया, "इससे पहले मैंने कभी नहीं देखा कि सर्बिया में हैंबर्गर इतना महंगा बिक रहा हो."
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सिम कार्ड
खाने पीने के अलावा जो पहली चीज शरणार्थी खरीदना चाहते हैं वह है सिम कार्ड, ताकि वे अपने परिजनों से संपर्क कर सकें. इसके अलावा उम्र दराज लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए ठेला गाड़ियों की भी खूब मांग है.
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जूतों की जरूरत
जैसे जैसे ठंड बढ़ रही है गर्म जूतों की मांग भी बढ़ती जा रही है. कई शरणार्थी पैरों में इंफेक्शन और ठंड से होने वाली अन्य समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं. शरणार्थी स्थलों के आसपास जूतों और जुराबों के स्टॉल भी बढ़ रहे हैं.
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दस्तावेज संबंधी काम
शरणार्थी संकट ने निपटने की कोशिश में इन्हें पनाह देने वाले देशों के सामने काजगी कार्रवाई भी बड़ी चुनौती है. प्रेसेवों में स्वतंत्र रूप से काम करने वाली डानिएला गाब्रिएल के मुताबिक कुछ बस ड्राइवरों ने क्रोएशिया जाने वाले आप्रवासियों से रजिस्ट्रेशन पेपर जमा करने शुरू कर दिए हैं. वे इन कागजों को सीमा पार करने के इच्छुक अन्य लोगों को बेच देते हैं.
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जाली जानकारी के शिकार
गाब्रिएल ने बताया कि कुछ बस ड्राइवर शरणार्थियों को क्रोएशिया ले जाने के लिए बसों में सवार करते हैं लेकिन वे उन्हें रास्ते में सर्बियाई शहरों के आस पास उतार देते हैं. गाब्रिएल मानती हैं कि इस तरह की जालसाजी से बचने के लिए प्रेसेवों के कैंपों के बाहर पूरी जानकारी को कई भाषाओं में अनुवाद करके लगाया गया है.
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हाईवे पर लूट
नाम गुप्त रखने की शर्त पर अन्य स्वयंसेवियों ने बताया उन्हें शरणार्थियों को सही बस की दिशा बताने पर धमकी मिलती है. वे चाहते हैं कि शरणार्थियों को टैक्सी ड्राइवरों का पता बताया जाए, जो कि असल में असुरक्षित विकल्प है. प्रेसेवो के स्वयंसेवी आलेक्जांडर ट्रावेले ने बताया कि 6 सदस्यों के एक परिवार को टैक्सी ड्राइवर ने 80 यूरो वसूलने के बाद बंदूक की नोंक पर लूट लिया. वे क्रोएशिया जा रहे थे.
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मौके का फायदा
बिजाजली ने बताया वह स्थानीय पुलिस को हफ्ते के 100 यूरो देते हैं ताकि वे बसों के टिकट बेचने का काम जारी रख सकें, "वे जो चाहते हैं उन्हें दे दो, फिर वे आपको अकेला छोड़ देते हैं." इसी तरह टैक्सी ड्राइवर भी पुलिस वालों को वसूली दे रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी पुलिस वाले ऐसा कर रहे हैं.
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हर समस्या का तोड़ है
ठंड बढ़ने के साथ होटल व्यवसाय को भी मुनाफा हो रहा है. लेकिन वे चुनिंदा लोगों को ही अपने यहां रहने की इजाजत देते हैं. वे जो सामान्य रेट से ज्यादा कीमत नहीं चुका सकते उन्हें होटल लौटा देते हैं.
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यूरोपीय योजना में लीबिया के लिए मदद बढ़ाना भी शामिल है ताकि समुद्र के रास्ते यूरोप आने वाले लोगों को वहीं रोका जा सके और उन्हें सुरक्षित रिफ्यूजी कैंप बनाने के लिए मदद दी जा सके. यूरोपीय संघ यूरोपीय देशों में आ चुके शरणार्थियों को अपनी मर्जी से वापस घर लौटने के लिए भी वित्तीय मदद देगा. बैठक से पहले जर्मन चांसलर मैर्केल ने कहा, "लीबिया में आप्रवासियों की हालत बहुत ही खराब है."
गुरुवार को इटली के प्रधानमंत्री पाओलो गेंटीलोनी ने लीबिया के प्रधानमंत्री फयाज अल सराज के साथ भूमध्य सागर के रास्ते अवैध आप्रवासन को रोकने की एक संधि पर दस्तखत किये थे. यूरोप आने वाले आप्रवासियों के लिए इटली यूरोप में घुसने का प्रमुख रास्ता है. इटली और लीबिया के बीच तय सहमति पत्र में कहा गया है कि दोनों देश लीबिया में कोस्ट गार्ड और बॉर्डर पेट्रोल जैसे संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए सहयोग करेंगे. यूरोपीय नेताओं ने इटली के नेतृत्व में चलने वाले इस कार्यक्रम की पुष्टि कर दी है.