ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय संघ का पहला शिखर सम्मेलन स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में हो रहा है. ब्रातिस्लावा से डीडब्ल्यू की बारबरा वेसेल का कहना है कि सदस्य देशों में एकता की कमी है.
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शिखर सम्मेलन से पहले यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा कि वह दोटूक अंदाज में विश्लेषण करेंगे कि यूरोपीय संघ से बाहर जाने के ब्रिटेन के फैसले की क्या वजह रहीं. उन्होंने कहा कि वह 'ब्रातिस्लावा रोडमैप ' भी तैयार करेंगे जो मौजूदा उदासीनता से निकलने का रास्ता दिखाएगा.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने भी माना है कि यूरोप इस समय अपने नाजुक दौर से गुजर रहा है. सम्मेलन के सिलसिले में गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सदस्य देश तेजी और कारगर तरीके से काम करेंगे. लेकिन ये बात जर्मनी और फ्रांस पर भी लागू होती है. यूक्रेन जैसे मुद्दों पर तो वे एक दिखते हैं, लेकिन अन्य मुद्दों पर उनके बीच कम ही सहमति दिखती है.
अब मैर्केल कुछ ऐसे ठोस कामों को उठा रही हैं जिनसे यूरोयीय संघ के नागरिकों को बताया जा सके कि एक साथ रहने का कितना फायदा होता है. वह प्रशासनों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहती हैं, खर्चों में कटौती चाहती हैं और यूरोपीय संघ की रक्षा परियोजनाओं को व्यवस्थित करना चाहती हैं.
लेकिन ये काम आसान नहीं होगा. अपनी प्रवासी नीति को लेकर उन्हें अब भी विरोध झेलना पड़ रहा है. इस समस्या से निटपने के बारे में एकजुटता की कमी दिखाई देती है. पोलैंड, चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया और हंगरी जैसे देश मुसलमान देशों से प्रवासियों को लेने के बिल्कुल खिलाफ है और वे ईसाइयत को ही यूरोपीय संघ का इकलौता साझा मूल्य मानते हैं.
इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान हैं जिन्हें पोलिश प्रधानमंत्री का भी समर्थन हासिल है. यहां तक कि जिस ग्रीस को कर्ज संकट के दौरान यूरोपीय संघ के पैसे से बहुत फायदा हुआ है, वो भी भूमध्यसागरीय देशों से संघ के खिलाफ खड़े होने को कहा रहा है.
तस्वीरों में देखिए: टूटता संसार
एक्जिटः टूटता संसार
1990 में पश्चिमी और पूर्वी जर्मनी का एकीकरण एक अद्भुत घटना थी क्योंकि उसके बाद दुनिया बस टूट ही रही है. सोवियत संघ टूटा. और भी कई देशों का जन्म हुआ. ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के मौके पर ऐसे ही देशों की चर्चा.
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1990 - नामीबिया
21 मार्च 1990 को नामीबिया ने दक्षिण अफ्रीका से आजादी हासिल की और एक आजाद देश बन गया.
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1991 - यूगोस्लाविया
यूगोस्लाविया एक विशाल देश था. 1991 में यह टूटना शुरू हुआ. सबसे पहले 25 जून 1991 को क्रोएशिया और स्लोवेनिया बने और 1992 में बोस्निया हैर्जेगोविना अलग हुआ.
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1993 - चेकोस्लोवाकिया
1 जनवरी 1993 से चेकोस्लोवाकिया दो हिस्सों में बंट गया. एक हुआ चेक गणराज्य और दूसरा स्लोवाकिया कहलाता है.
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1993 - इरिट्रिया
इरिट्रियाई इलाके पर इथियोपिया का कब्जा था. एक जनमत संग्रह के बाद 1993 में इरिट्रिया एक अलग देश बन गया.
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2002 - ईस्ट तिमोर
ईस्ट तिमोर को 21वीं सदी का पहला आजाद देश होने का तमगा हासिल है. उसने इंडोनेशिया से अलग होकर अपना वजूद कायम किया.
तस्वीर: AP
2006 - सर्बिया
यूगोस्लाविया से अलग होने के बाद सर्बिया और मोंटेनीग्रो ने संघ बना लिया था. 2006 में यह भी टूट गया. सर्बिया अलग देश बन गया.
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2008 - कोसोवो
2008 तक यह सर्बिया का एक प्रांत था लेकिन फरवरी 2008 में कोसोवो ने अपनी आजादी का ऐलान कर दिया.
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2011- साउथ सूडान
सूडान का एक हिस्सा अलग होकर साउथ सूडान हो गया. 2011 में हुए जनमत संग्रह के बाद 9 जुलाई 2011 को इसे अलग देश के तौर पर मान्यता मिली.
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इस सम्मेलन में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे को आमंत्रित नहीं किया गया है, लेकिन निश्चित तौर पर ब्रेक्जिट चर्चा का एक बड़ा मुद्दा होगा. 23 जून को ब्रेक्जिट जनमत संग्रह में ब्रिटेन ने जब से यूरोपीय संघ से बाहर जाने को हरी झंडी दिखाई है, तब से यूरोपीय संघ के सामने एकता का संकट खड़ा हो गया है. लेकिन जब तक ब्रिटेन संघ से औपचारिक तौर पर बाहर जाने के लिए आर्टिकल 50 का इस्तेमाल नहीं करेगा, तब तक कुछ नहीं होगा. बहरहाल अनिश्चितता के बीच भविष्य को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं.
बारबरा वेसेल/एके
क्या आप जानते हैं: यूके, जीबी, ब्रिटेन और इंग्लैंड में फर्क?
यूके, जीबी, ब्रिटेन और इंग्लैंड में फर्क
कभी यूके, कभी ग्रेट ब्रिटेन तो कभी इंग्लैंड, आखिर ये चक्कर क्या है. चलिए इस समझते हैं ताकि आगे ये कंफ्यूजन न रहे.
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यूनाइटेड किंगडम (यूके)
असल में इसका पूरा नाम यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉदर्न आयरलैंड है. यूके में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स आते हैं. इन चारों के समूह को ही यूके कहा जाता है.
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ग्रेट ब्रिटेन
इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के संघ को ग्रेट ब्रिटेन कहा जाता है. तीनों अलग अलग प्रांत हैं. तीनों प्रांतों की अपनी संसद है लेकिन विदेश नीति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फैसला ग्रेट ब्रिटेन की संघीय संसद करती है. तस्वीर में बायीं तरफ इंग्लैंड का झंडा है, दायीं तरफ स्कॉटलैंड का. बीच में ग्रेट ब्रिटेन का झंडा है.
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ब्रिटेन
यह नाम रोमन काल में इस्तेमाल हुए शब्द ब्रिटानिया से आया है. ब्रिटेन इंग्लैंड और वेल्स को मिलाकर बनता है. हालांकि अब सिर्फ ब्रिटेन शब्द का इस्तेमाल कम होता है. यूरो 2016 में इंग्लैंड बनाम वेल्स का मैच.
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इंग्लैंड
इंग्लैंड एक देश है. जिसकी राजधानी लंदन है. स्काटलैंड और वेल्स की तरह इंग्लैंड की अपनी फुटबॉल और क्रिकेट टीम हैं. इन टीमों में दूसरे प्रांतों के खिलाड़ी शामिल नहीं होते हैं.
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राजधानियां
उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट है. स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा है और वेल्स की राजधानी कार्डिफ है.
भाषा
अंग्रेजी भाषा होने के बावजूद इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में लहजे का फर्क है. आम तौर पर मजाक में लोग एक दूसरे इलाके के लहजे का मजाक भी उड़ाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa
खासियत
स्कॉटलैंड के लोगों को अपनी विश्वप्रसिद्ध स्कॉच पर गर्व है. बैगपाइपर का संगीत स्कॉटलैंड की पहचान है. वहीं आयरलैंड के लोग आयरिश व्हिस्की और बियर का गुणगान करते हैं. इंग्लैंड मछली और चिप्स के लिए मशहूर है.
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मतभेद
राजस्व के आवंटन के अलावा ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड) के प्रांतों के बीच विदेश नीति को लेकर भी मतभेद रहते हैं. यूरोपीय संघ की सदस्यता को लेकर मतभेद सामने भी आ चुके हैं. अगर ग्रेट ब्रिटेन यूरोपीय संघ से निकला तो स्कॉटलैंड स्वतंत्र देश बनने का एलान कर चुका है.
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ईयू से मतभेद
यूरोपीय संघ के आलोचकों का कहना है कि ईयू की सदस्यता से ब्रिटेन को आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंची है. तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरे करीब करीब बर्बाद हो चुके हैं. बड़ी संख्या में पोलैंड से आए प्रवासियों का मुद्दा भी समय समय पर उठता रहा है.
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राजनैतिक खींचतान
यूरोपीय संघ की नीतियां सदस्य देशों को लागू करनी पड़ती हैं. चाहे वह बजट का वित्तीय घाटा हो, शरणार्थियों का मुद्दा हो या फिर मार्केट रेग्युलेशन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन इसे राजनीतिक हस्तक्षेप करार दे चुके हैं.