यूरोजोन पर भी पड़ी ओमिक्रॉन की मार
२४ जनवरी २०२२![Deutschland Europäische Zentralbank EZB ECB in Frankfurt](https://static.dw.com/image/57845161_800.webp)
कुल मिला कर अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के अच्छे परिचायक के रूप में माने जाने वाले परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स में दिसंबर के मुकाबले करीब एक प्रतिशत की गिरावट आई. इंडेक्स दिसंबर में 53.3 पर था जबकि जनवरी में वो गिर कर 52.4 पर पहुंच गया. यह पिछली फरवरी की बाद सबसे कम है.
इस पर सबसे ज्यादा असर सेवा क्षेत्र का पड़ा, जो नौ महीनों में सबसे नीचे के स्तर पर गिर गया. बीते कई हफ्तों से कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट यूरोप के कई देशों में फैल रहा है और इसके प्रसार को देखते हुए सभी देशों की सरकारें नागरिकों को घर पर रहने की सलाह दे रही हैं. इसके अलावा बढ़ती महंगाई ने वैसे भी लोगों को खर्च करने से रोका हुआ है.
हावी रही महंगाई
उपभोक्ताओं के घर पर रहने से सेवाओं की मांग में बढ़त लगभग खत्म ही हो गई. नए कारोबार का सूचकांक पिछली अप्रैल के बाद सबसे नीचे स्तर पर पहुंच गया. ऐसा जर्मनी में आर्थिक बेहतरी के बावजूद देखा गया. जर्मनी में सप्लाई चेन की समस्याओं के कम होने से फैक्ट्रियां को फायदा मिला.
लेकिन फ्रांस में भी कोविड-19 और महंगाई का आर्थिक गतिविधियों पर असर रहा और कारोबार में पूर्वानुमान से ज्यादा गिरावट देखने को मिली. यह इस बात का संकेत है कि जर्मनी की शक्ति के बिना यूरोजोन और लुढ़क सकता था.
ब्रिटेन में व्यापारिक गतिविधि 11 महीनों में सबसे नीचे के स्तर पर चली गई लेकिन चीजों के दाम बढ़े, जिसकी वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड अगले सप्ताह ब्याज दरें बढ़ाएगा.
बढ़ा रोजगार
जापान में फैक्ट्री गतिविधि चार सालों में सबसे तेज गति पर बढ़ी लेकिन निजी क्षेत्र में गतिविधि चार महीनों में पहली बार घट गई. वहां भी कोरोनावायरस के मामलों के बढ़ने से सेवा उद्योग को झटका लगा.
उपभोक्ताओं पर बढ़ते दामों की भी मार पड़ी. दाम नवंबर जितने ऊंचे स्तर पर रहे. पिछले महीने महंगाई ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था. संभव है कि इससे यूरोपीय केंद्रीय बैंक पर नीतियों को और सख्त करने का दबाव बढ़ रहा हो.
हालांकि प्रतिबंधों का फैक्ट्रियों पर कम असर पड़ा है और अधिकांश खुली ही रही हैं. यूरोजोन का उत्पादन सूचकांक पांच महीनों में सबसे ऊंचे स्तर 59.0 पर पहुंच गया. मांग बढ़ रही है और इसे पूरा करने के लिए फैक्ट्रियों ने तेजी से नौकरियां दी हैं. रोजगार सूचकांक 55.3 से 57.5 पर पहुंच गया जो जुलाई के बाद सबसे ऊंचा स्तर है.
सीके/एए (रॉयटर्स)