वन्यजीवों की जिस तस्करी को अब तक अफ्रीका और एशियाई देशों तक ही सीमित माना जाता था वो अब यूरोप तक पहुंच गई है. लुप्त होने की कगार पर खड़ी इन संरक्षित प्रजातियों वाले जीवों को यूरोप के रास्ते अन्य देशों में भेजा रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए अब "ईयू एक्शन प्लान अगेंस्ट वाइल्डलाइफ ट्रैफिकिंग” कुछ कदम उठाने जा रही है.
पर्यावरण, समुद्री मामलों और मत्स्य पालन के लिए जिम्मेदार यूरोपीय कमीशन के प्रवक्ता ने डीडब्ल्यू को बताया कि यूरोप हमेशा से ही वन्यजीवों की तस्करी को रोकने के लिए कदम उठाता रहा है. लेकिन हाल में इन प्रजातियों की तस्करी के जो मामले स्पेन में सामने आए हैं उन्हें देखकर लगता है कि इस दिशा में और सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए. साथ ही आम लोगों में भी इस मसले पर जागरूकता लाने की आवश्यकता है.
देखिए, जानवरों पर गिरी बर्फ की मार
कड़ाके की सर्दी में इंसान तो घर के अंदर जा सकते हैं, लेकिन जानवरों के पास मौत से संघर्ष करने के अलावा और कोई चारा नहीं होता. देखिये ऐसी ही कुछ तस्वीरें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Stehजर्मनी के डोनाऊ में बर्फीली डेन्यूब नदी को पार करने की कोशिश में यह लोमड़ी पानी में गिर गई. कुछ देर में पानी पूरी तरह जम गया और लोमड़ी उसी में फंस गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Stehलोमड़ी को बचाने के लिए राहतकर्मियों बर्फ की बेहद मोटी परत को मशीन से काटा. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. लोमड़ी दम तोड़ चुकी थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Johannes Stehमेसिडोनिया में पड़ रही भारी ठंड ने इस पंछी को भी जमा दिया. आराम करने के लिए पंछी एक जगह बैठा और उसके पंजों के नीचे मौजूद पानी बर्फ में तब्दील हो गया. इसी बर्फ ने परिंदे को जकड़ लिया.
तस्वीर: Reuters/O. Teofilovskiपंछी फड़फड़ाने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा था. इसी दौरान एक मछुआरे की नजर उस पर पड़ी. उसे बड़ी सावधानी से पंछी को बर्फ से आजादी दिला
तस्वीर: Reuters/O. Teofilovskiजापान में भयानक सर्दी के कारण एक तालाब जम गया. बर्फ की मोटी चादर ने तालाब में मौजूद मछलियों को भी जमा दिया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Images/Y. Shimbunकई दिन तक जमी बर्फ की चादर के चलते तालाब में मौजूद सारी मछलियां मारी गईं. बर्फ को देखने से भी जमी हुई मछलियां साफ नजर आती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Images/K. Umenoजापान के यामनौची के बंदर कड़ाके की सर्दी पड़ने पर गर्म पानी के फव्वारे के पास पहुंच जाते हैं. बहुत ज्यादा ठंड होने पर पर वह बारी बारी से गर्म पानी में उतरते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ dpaजो बंदर गर्म पाने के चश्मे से दूर रहते हैं वे कड़ाके की सर्दी में रिहाइशी इलाकों में आ जाते हैं. कुछ घरों की चिमनी से निकलने वाली गर्माहट के सहारे खुद को गर्म रखते हैं.
तस्वीर: Getty Images बोर्न फ्री फाउंडेशन के एसोसिएट डायरेक्टर मार्क जोन्स के मुताबिक लोगों को ऐसा महसूस होता है कि ये मामले अफ्रीका और एशिया जैसे देशों में ही होते हैं लेकिन अब ये एक वैश्विक समस्या है. हालांकि ईयू अफ्रीका और एशिया के देशों में क्या कदम उठाता है इसकी जानकारी तो लोगों को मिल जाती है लेकिन वह यूरोप में इस समस्या से कैसे निपट रहा है इसके बारे में आम जनता को कुछ खास नहीं पता.
इन तस्करों का रास्ता ईयू के कुछ सदस्य देशों से होकर एशिया और अफ्रीका तक पहुंचता है. कमीशन के मुताबिक ईयू की सीमा पर साल 2015 में ही करीब दो हजार रेंगनेवाले जंतुओं को पकड़ा गया था, साथ ही कोरल, हाथी दांत और तमाम स्तनधारियों सहित जीवित पक्षी भी इसमें शामिल थे.
लुप्त होने के कगार पर खड़ी संकटग्रस्त प्रजातियों में शुमार यूरोपियन ईल का व्यापार यूरोप के कई देशों में हो रहा है. ग्लास ईल नाम की इस प्रजाति को गैरकानूनी ढंग से चीन, ताइवान, कोरिया, जापान और हॉन्गकॉन्ग के बाजारों में भेजा जाता है जहां इसका इस्तेमाल फैशन एक्सेसरीज में होता है.
तस्वीरों में, जानवरों के अनोखे रिकॉर्ड
कुछ जानवरों में ऐसी खासियतें होती हैं जो उन्हें दूसरे से अलग बनाती हैं. आइए डालते हैं एक नजर ऐसे ही कुछ जबरदस्त जानवरों पर.
तस्वीर: Fotolia/photobarकोई भी जानवर चीते से तेज नहीं भाग सकता. चीता 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने की क्षमता रखता है.
तस्वीर: Fotolia/stephane angueलगातार दौड़ने में कोई भी जानवर इस उत्तर अमेरिकी हिरन का मुकाबला नहीं कर सकता. यह हिरन पांच किलोमीटर तक 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है.
तस्वीर: Getty Imagesकोई भी पक्षी इससे तेज नहीं भाग सकता. इसके लिए 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ना कोई समस्या नहीं है. यह लगातार आधा घंटा 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. यह दुनिया का अकेला परिंदा है जिसके पैर में दो उंगलियां होती हैं और यह उड़ भी नहीं सकता.
तस्वीर: APसबसे ऊंची उड़ान इस अफ्रीकी गिद्ध की है. 1973 में एक रुएपल गिद्ध 11,200 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे एक विमान से टकरा गया. ज्यादातर परिंदे सौ से दो हजार मीटर तक ही ऊंचाई पर ही उड़ते हैं. प्रवासी परिंद कभी कभी हिमालच के पर्वतों के ऊपर से उड़ते हुए नौ हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaपूमा सबसे ऊंची छलांग लगाने की क्षमता रखता है. 50 किलो वजन का पूमा भी आश्चर्यजनक तौर पर जमीन से साढ़े पांच मीटर ऊंचाई तक उछल सकता है. जमीन पर रहने वाले जानवरों में यह एक रिकॉर्ड है. पानी में सिर्फ डॉल्फिन सात मीटर की ऊंचाई तक उछल सकती है.
तस्वीर: Bas Lammersयह दुनिया का सबसे छोटा पक्षी है. इस प्रजाति की एक और चिड़िया मक्खी चिड़िया को पक्षियों में कद और काठी से हिसाब से सबसे छोटा माना जाता है. इनमें से ज्यादातर का वजन दो ग्राम और लंबाई छह सेंटीमीटर होती है.
तस्वीर: Fabian Schmidtयह सबसे गहरा गोता लगाती है. अपने बच्चों को दूध पिलाने वालों में शामिल यह अकेला जानवर है जो तीन हजार मीटर गहराई तक गोता लगा सकती है. यह एक घंटे तक पानी के नीचे रह सकती है. पानी के भीतर इसके खून का प्रवाह सिर्फ दिल और दिमाग तक सीमित रहता है.
तस्वीर: 2010 Universum Film GmbH / Richard Herrmannयह जानवर सबसे ज्यादा गर्मी बर्दाश्त करने की क्षमता रखता है. इसके अपने शरीर का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है, जिसे बर्दाश्त करना इंसान के लिए मुश्किल होता है. यह हिरन कई हफ्तों तक पानी के बिना रह सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/zbइनसे बेहतर कोई नहीं सुन सकता. शिकार के वक्त यह जानवर ऐसी आवाजें भी सुन सकता है जो सिर्फ आधुनिक उपकरणों से जरिए सुनी जा सकती हैं. यही खूबी इसके शिकार को आसान बनाती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaये छोटे छोटे पिस्सू हाई जंप लगाने के चैंपियन हैं. ये पिस्सू अपनी शारीरिक लंबाई से दो सौ गुना ऊंची छलांग लगा सकते हैं. टिड्डा और भी उस्ताद है जो अपने कद से चार सौ गुना ज्यादा ऊंची छलांग लगा सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa वहीं स्लोवाकिया, चेक गणराज्य, बेल्जियम, इटली और जर्मनी के रास्ते गैंडे के सींगों का अवैध व्यापार किया जाता है. वाइल्ड ट्रेड मॉनिटरिंग नेटवर्क ट्रैफिक से जुड़े कैटेलिन कैस के मुताबिक यूरोप की भूमिका गैंडा और बाघों जैसी प्रजातियों के संरक्षण तक सीमित है, बजाय मछली और रेंगने वाले जानवरों के.
डब्लयूडब्ल्यूएफ स्पेन में जैव विविधता के लिए जिम्मेदार विभाग के प्रमुख लुईस सुआरेज के मुताबिक, स्पेन वैश्विक स्तर पर होने वाले इस अवैध व्यापार का मुख्य खिलाड़ी है, क्योंकि यहां से दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका जाना आसान होता है.
इस समस्या को हल करने के लिए अब ईयू संयुक्त साझेदारी पर बल दे रहा है. ईयू वाइल्डलाइफ एक्शन प्लान में नियमन पर जोर दिया जा रहा है. इस दिशा में काम कर रहे विशेषज्ञों के मुताबिक सबसे बड़ी समस्या सदस्य देशों के बीच समन्वय की है ताकि इन देशों में एक से नियम-कानूनों को लागू किया जा सके. अगर कानून हर देश में अलग रहेंगे तो तस्करों को पकड़ना मुश्किल होगा.
आइरीन बेनोस रुइज/एए