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पीएम मेलोनी का 'संतुलन' बिगाड़ सकते हैं ईयू चुनाव

१ जून २०२४

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की 'ब्रदर्स ऑफ इटली' पार्टी को यूरोपीय संघ (ईयू) के चुनाव में अच्छी-खासी बढ़त मिलने के आसार हैं. यूरोप की राजनीति के लिए इसके क्या मायने हो सकते हैं?

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी
ब्रदर्स ऑफ इटली के एक दक्षिणपंथी पार्टी सम्मेलन में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी तस्वीर: Remo Casilli/REUTERS

एक ओर जहां विदेश नीति के स्तर पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी पश्चिमी सहयोगियों की राह पर चलती हैं, वहीं घरेलू राजनीति में उनकी दक्षिणपंथी छवि बरकरार है. मेलोनी दोनों पक्षों और भूमिकाओं के बीच संतुलन बनाकर चल रही हैं. इटली, ईयू की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. देश का नेतृत्व संभाले हुए मेलोनी को अभी दो साल भी नहीं हुए हैं और वह यूरोप की सबसे लोकप्रिय दक्षिणपंथी नेता के तौर पर स्थापित हो गई हैं.

सहयोगियों से तालमेल

अक्टूबर 2022 में जब मेलोनी ने पीएम पद संभाला, उस समय ईयू के अन्य देशों के साथ इटली के तालमेल पर कई कयास लगाए जा रहे थे. तब ब्रसेल्स में एक बैठक के बाद जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा था, "हर बार चुनाव की वजह से सरकार बदलने पर, हमारे अन्य सदस्य देशों के साथ अच्छे रिश्ते नहीं बदल सकते. मसलन, जर्मनी और इटली के आपसी संबंध. दोनों देशों के स्तर पर और यूरोपियन यूनियन के भी दायरे में हम बहुत अच्छे सहयोग के साथ काम करना जारी रखेंगे."

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने भी कहा था कि वह मेलोनी के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं. मेलोनी की यूक्रेन समर्थक नीतियां और इस्राएल संबंधी पॉलिसी, उनके अमेरिकी और यूरोपीय सहयोगियों के लिए आश्वस्त करने वाली रही है. जून महीने में ही इटली जी7 देशों की मेजबानी कर रहा है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रति जो बाइडेन भी शरीक होंगे.

देश का नेतृत्व संभाले हुए मेलोनी को अभी दो साल भी नहीं हुए हैं और वह यूरोप की सबसे लोकप्रिय दक्षिणपंथी नेता के तौर पर स्थापित हो गई हैं.तस्वीर: Johanna Geron/REUTERS

मेलोनी की राजनीति में "असंतुलन" लाएंगे चुनावी नतीजे?

ऐसे में कई जानकार कह रहे हैं कि 6 से 9 जून तक हो रहे यूरोपीय संघ के चुनाव मेलोनी के अब तक के बैलेंसिंग ऐक्ट में गड़बड़ी की शुरुआत कर सकते हैं. लंदन की टेनियो कंसल्टेंसी के वूल्फांगो पिक्कोली कहते हैं, "मुझे लगता है कि दो मेलोनी हैं. जिस मेलोनी पर ज्यादा ध्यान जा रहा है, वह व्यावहारिक और यूक्रेन समर्थक मेलोनी हैं. इसके अलावा एक और मेलोनी हैं, जो इटली में हैं. वह माइग्रेशन से लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों समेत कई पक्षों पर एक स्पष्ट दक्षिणपंथी एजेंडा की ओर बढ़ रही है."

पिक्कोली की राय है, "यूरोपीय चुनाव निर्णायक घड़ी होगी. इससे पहले कभी भी उनके ऊपर विचारधारा को लेकर स्पष्ट मत चुनने का दबाव नहीं था."  

इटली की प्रधानमंत्री के तौर पर मेलोनी को ईयू कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन के रूप में एक संभावित राजनीतिक सहयोगी मिल सकता है. लाएन ने जरूरत पड़ने पर गठबंधन में मेलोनी की पार्टी को शामिल किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया है. अनुमान है कि मेलोनी की 'ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी' को इस बार कम-से-कम 20 सीटें मिल सकती हैं, जो पिछली बार से 14 ज्यादा होंगी.

यूरोप की राजनीति पर कितना असर डाल पाएंगी?

मेलोनी मतदाताओं से अपील कर रही हैं कि वे ना केवल बैलेट पर उनकी पार्टी के चिह्न पर निशान लगाएं, बल्कि उनका नाम "जॉर्जिया" भी लिखें. वहीं, मेलोनी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इटली में विपक्षी नेता, ऐक्टिविस्ट और पत्रकार धुर-दक्षिणपंथी नीतियों के विस्तार पर लोगों को आगाह कर रहे हैं. इनमें एलजीबीटीक्यू+ और महिला अधिकारों को दबाने जैसी चिंताएं भी शामिल हैं.

मेलोनी ने अपनी एक हालिया रैली में कहा कि इटली, यूरोप को बदल सकता है. हालांकि, अभी यह देखना बाकी है कि यूरोप में अपना कितना प्रभाव चला पाएंगी. सिमोने टागलियापिएत्रा, ब्रसेल्स स्थित एक थिंकटैंक में विश्लेषक हैं. वह कहते हैं, "बात अगर मेलोनी और यूरोपीय चुनाव के बाद ईयू की राजनीति पर उनके संभावित प्रभाव की हो, तो यह सीटों और संबंधों पर निर्भर करेगा."

अनुमान है कि मेलोनी की 'ब्रदर्स ऑफ इटली' को इस बार कम-से-कम 20 सीटें मिल सकती हैं. तस्वीर: AFP via Getty Images

मीडिया स्वतंत्रता में रेटिंग घटी

टागलियापिएत्रा यह भी रेखांकित करते हैं कि मेलोनी सरकार इटली में जिन मुद्दों पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा इच्छुक है, वे ज्यादातर राष्ट्रीय दायरे में आते हैं. जैसे कि मेलोनी सरकार ने समलैंगिक जोड़ों को "नॉन-बायोलॉजिकल" अभिभावक के तौर पर अपना पंजीकरण करवाने पर रोक लगा दी. गर्भपात विरोधी कार्यकर्ताओं को अबॉर्शन क्लिनिकों में घुसने की इजाजत देकर गर्भपात करवाना अपेक्षाकृत मुश्किल बना दिया. उनकी सरकार एक कानून पास करवाना चाहती है, जो सरोगेसी से मां बनने पर प्रतिबंध लगा देगा.

मेलोनी सरकार के कार्यकाल के दौरान मीडिया की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ी संस्था "रिपोर्टर्स विदाउट बॉडर्स" ने अपने सालाना प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में इटली को पांच स्थान नीचे कर दिया. एक हालिया एपिसोड में आरएआई टेलीविजन के एक पत्रकार ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से नियुक्त संस्थान के नेतृत्व ने फासिज्म के विरोध में एक प्रस्तावित कार्यक्रम को सेंसर कर दिया.

इसी तरह 'ला स्टांपा' अखबार के संपादक मास्सिमो जान्निनी ने भी हाल ही में आरोप लगाया कि सुबह के 4 बजे चार पुलिसकर्मी उनके होटल के कमरे में घुस आए. पिछली शाम जान्निनी ने एक टीवी शो के दौरान मेलोनी सरकार की आलोचना में कुछ टिप्पणियां की थीं. पुलिसकर्मियों ने इसी से जुड़ी एक मानहानि की शिकायत का नोटिस उन्हें थमाया. एक टीवी चैनल से इस प्रकरण पर बात करते हुए जान्निनी ने कहा, "ऐसा बर्ताव आमतौर पर ड्रग तस्करों के साथ होता है, ना कि पत्रकारों के साथ." 

हालांकि, कई विश्लेषक यह संभावना भी जताते हैं कि मेलोनी और ब्रदर्स ऑफ इटली की बढ़ती लोकप्रियता ऐसे मतदाताओं को भी जोड़ रही है, जो जरूरी नहीं कि उसी विचारधारा के हों. अगर इटली के अगले संसदीय चुनाव में मेलोनी को ज्यादा वोट मिलते हैं, तो ऐसे समर्थक उन्हें धुर-दक्षिणपंथी कट्टरपंथ से खिसकने की जगह दे सकते हैं.

एआई पर नियम बनाने को लेकर छिड़ी ईयू में बहस

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एसएम/आरएस (एपी)

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