कोविड केस बढ़े तो यूरोपीय देशों ने लगाई नई पाबंदियां
२२ दिसम्बर २०२१
जर्मनी समेत कई यूरोपीय देश क्रिसमस के बाद कोविड संबंधी नई पाबंदियां लगाएंगे. कई देशों में अब नए साल के कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे. ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने से यूरोप कोविड की पांचवी लहर की ओर बढ़ रहा है.
विज्ञापन
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यूरोप के बड़े हिस्से में नई पाबंदियां लगाई गई हैं. क्रिसमस और नए साल को यूरोप में जोर-शोर से मनाया जाता है. ऐसे में कोविड 19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का फैलाव रोकने के मकसद से ये फैसले लिए गए हैं.
आबादी के हिसाब से यूरोप के सबसे बड़े देश जर्मनी में क्रिसमस के बाद से नई पाबंदियां लागू होंगी. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड की अगली लहर को दरकिनार नहीं किया जा सकता. शॉल्त्स और 16 जर्मन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद सरकार ने फैसला लिया कि जर्मनी में क्रिसमस के बाद से और सख्त पाबंदियां लागू होंगी. इन पाबंदियों के मुताबिक निजी आयोजनों में वैक्सीन लगवा चुके 10 लोगों से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, पूरे देश में नाइट क्लब बंद होंगे औरस्टेडियम में दर्शक नहीं आ पाएंगे. पूरे एहतियात बरतते हुए, दर्शकों की मौजूदगी के बिना मैच खेले जाएंगे.
शॉल्त्स ने मीडिया से बातचीत में कहा, "बीते दो सालों का अनुभव बताता है कि क्रिसमस और ईस्टर की वजह से कोविड के मामलों में कोई बहुत बड़ा इजाफा नहीं हुआ है.” शॉल्त्स ने कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज करने की बात भी कही है. जर्मनी में करीब 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन की दोनों खुराक मिल चुकी हैं. जर्मनी के राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण केंद्र ने ट्वीट कर "जनवरी के मध्य तक आपसी मेलजोल में अधिकतम सावधानी बरतने" को कहा है. साथ ही अपने नागरिकों को "बेहद जरूरी होने की सूरत में ही यात्रा करने" की हिदायत दी है.
फ्रांस
जर्मनी के पड़ोसी देश फ्रांस में भी सरकार सतर्क है. फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलीविए वेरेन ने कहा है कि वैरिएंट (ओमिक्रॉन) बहुत संक्रामक है इसीलिए हम तेजी से वैक्सीन के बूस्टर डोज लगा रहे हैं. फ्रांस में इस वक्त कोविड की पांचवी लहर चल रही है और अस्पताल तक पहुंच रहे गंभीर मामलों को कम से कम रखने पर जोर दिया जा रहा है. देश में रोजाना 70 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे है. हाल के दिनों में कोविड मामलों को कम करने की नाइट क्लबों को बंद कर दिया गया है और नए साल के मौके पर होने वाली आतिशबाजी के कार्यक्रमों पर भी रोक लग गई है.
अयस्क के पहाड़ों में क्रिसमस
एर्त्सगेबिर्गे का मतलब होता है अयस्क के पहाड़. जर्मनी के एर्त्सगेबिर्गे इलाके में क्रिसमस अलग तरह से मनाया जाता है. कई परंपराएं ऐसी हैं, जो पीढ़ियों से चली आ ही हैं. उस जमाने से जब यहां खदानों से चांदी निकाली जाती थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Bernd März
रोशनी की रखवाली
खनिक शुभकामनाएं देते हुए कहते हैं, "जो अच्छा है, उसे अपने पास रखो". आज भी क्रिसमस की रोशनी में उन लोगों के बारे में सोचा जाता है, जो कभी खानों में काम किया करते थे. पहले एडवेंट यानि एक से छह दिसंबर के बीच खिड़कियों को कंदीलों और मोमबत्तियों के मेहराब से सजाया जाता है. परंपरा कहती है कि सजावट में सिर्फ सफेद रोशनी का इस्तेमाल हो.
तस्वीर: picture-alliance/ZB/Andreas Franke
लकड़ी की नक्काशी
यह इलाका क्रिसमस की सजावट के लिए मशहूर है. ज्यादातर चीजें हाथ से बनी लकड़ी की चीजें होती हैं. सजावट के लिए भी खानों के अंदर की चीजों को दर्शाया जाता है. मिसाल के तौर पर यह क्रिसमस पिरामिड दिखा रहा है कि किस तरह घोड़े की मदद से जमीन के भीतर से पत्थरों और अयस्कों को बाहर निकाला जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/ZB/Ralf Hirschberger
खिलौनों का शहर जाइफेन
खनन उद्योग में जब पहली बार 1650 में संकट पैदा हुआ, तो स्थानीय लोगों ने लकड़ी के काम को अपना लिया. बाद में यह परंपरा बन गई. जाइफेन गांव में ढेरों लकड़ी के खिलौनों की दुकानें और वर्कशॉप हैं. इसकी वजह से क्रिसमस के दौरान सैक्सनी में जाइफेन सबसे ज्यादा पर्यटन वाला गांव बन जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/ZB/Wolfgang Thieme
जहां धुआं छोड़ते लोग हैं
ये पुतले भी एर्त्सगेबिर्गे इलाके की क्रिसमस की खासियत हैं, "स्मोकिंग मेन". इस तरह की अगरबत्तीदान को यहां गढ़ा जाता है और इनकी खूब बिक्री होती है. जाइफेन की एक दुकान में तैयार ये स्मोकिंग मेन अपनी पाइपों का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद इन्हें दुनिया भर में भेजा जा सकता है. लकड़ी के इन सांचों में अलग अलग खुशबू की अगरबत्तियां भरी जाती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ZB/Hendrik Schmidt/
लकड़ी की नक्काशी का म्यूजियम
जिसे भी लकड़ी की नक्काशी के बारे में ज्यादा जानना है, उसे बुर्ग शार्फेनश्टाइन जाना चाहिए. यह इसी नाम के गांव में है. यहां पारंपरिक अयस्क पहाड़ियों की लकड़ी की नक्काशी की कुछ बारीक नमूने रखे हैं. इस किले के परिसर में भी क्रिसमस मनाया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Hendrik Schmidt
श्नेबर्ग में रोशनी का त्योहार
दिसंबर के दूसरे हफ्ते के आखिर में रोशनी का त्योहार मनाया जाता है, जिसे स्थानीय तौर पर लिश्टेलफेस्ट कहा जाता है. यह श्नेबर्ग में मनाया जाता है. क्रिसमस मार्केट में पारंपरिक हस्तकला की चीजें बिकती हैं और कई कंसर्ट आयोजित किए जाते हैं. मिसाल के तौर पर वाइसर हिर्ष नाम के एक खान का दौरा भी कराया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Hendrik Schmidt
क्रिसमस अंडरग्राउंड
एर्त्सगेबिर्गे के खनिकों में मेटेनशिष्ट की पुरानी रिवायत रही है. क्रिसमस के पहले आखिरी शिफ्ट को यह नाम दिया जाता था. यह शिफ्ट आम शिफ्टों से पहले खत्म हो जाती थी और इसके खत्म होते ही जश्न मनाया जाता था, खाना खाया जाता था. कई जगहों पर इस रिवायत को अब भी बचा कर रखा गया है और यहां आने वालों को इसका अहसास कराया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Hendrik Schmidt
जर्मनी की सबसे बड़ी खनिक परेड
सैक्सन खनिक संघ की अन्नाबेर्ग-बुखहोल्त्स में सालाना परेड होती है, जो क्रिसमस की खासियतों में शामिल है. सैक्सनी और जर्मनी के दूसरे खनन वाले इलाकों से करीब 1200 खनिक यहां आते हैं. इस दौरान वे पारंपरिक पोशाकें भी पहनते हैं. क्रिसमस के दौरान इस तरह की 30 परेड होती हैं और आखिरी परेड क्रिसमस से ठीक पहले वाले रविवार को होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Hendrik Schmidt
वाह सर्दी !
फिष्टेलबर्ग के पहाड़ी शिखर पर पूर्ण शांति का अहसास होता है. 1214 मीटर ऊंचा और एर्त्सगेबिर्गे इलाके की सबसे ऊंची जगह. यहां चारों तरफ सर्दियों के रास्ते तराशे हुए दिखते हैं. जो स्पोर्ट्स का मिजाज रखते हैं, वे स्की भी कर सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Bernd März
9 तस्वीरें1 | 9
फिनलैंड
फिललैंड ने पहले से लागू कोविड पाबंदियों को और सख्त किया है. प्रधानमंत्री सना मरीन के नेतृत्व में हुई एक मीटिंग में फैसला किया गया कि रेस्त्रां, बार या सार्वजनिक आयोजन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का सही इंतजाम न होने पर पाबंदियां लगेंगी. ऐसी ज्यादा मेलजोल वाली जगहें वैक्सीन सर्टिफिकेट होने के बावजूद लोगों के लिए या तो बहुत कम समय के लिए खुलेंगी या फिर पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी. इसके अलावा यूरोपीय संघ के किसी भी सदस्य देश से फिनलैंड जाने वाले किसी भी शख्स को कोविड निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज लगे होने के सर्टिफिकेट दिखाने होंगे. क्रिसमस की रात 9 बजे तक सभी बार बंद कर दिए जाएंगे.
विज्ञापन
नीदरलैंड्स
नीदरलैंड्स में बढ़ते ओमिक्रॉन मामलों के मद्देनजर क्रिसमस से पहले ही पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया गया है. प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने कहा है कि 14 जनवरी 2022 तक रोजमर्रा के सामान की दुकानों के अलावा सभी सार्वजनिक और व्यावसायिक जगहों को बंद कर दिया जाएगा. यहां नवंबर के आखिर से ही दर्शकों की मौजूदगी के बिना मैच खेले जा रहे हैं. नई पाबंदियों में दो से ज्यादा लोगों के एक साथ चलने तक की मनाही है.
स्कॉटलैंड
द्वीपीय देश स्कॉटलैंड में नई पाबंदियां क्रिसमस के बाद लागू होंगी. नए निर्देशों के मुताबिक, क्रिसमस में आपसी मेलजोल को तीन परिवारों तक ही सीमित रखने की सलाह दी गई है. त्योहार के बाद से किसी भी कार्यक्रम में किसी भी सूरत में 500 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे. आयोजनों में मौजूद लोगों को 1 मीटर की आपसी दूरी का ख्याल रखना होगा. खेल के मैदानों में दर्शकों को आने की इजाजत नहीं होगी. कोविड संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सभी परिजनों को 10 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा.
ब्रिटेन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है क्रिसमस तक कोई भी नई पाबंदियां लागू नहीं होंगी. इसके अलावा ब्रिटेन ने 10 दिन के आइसोलोशन पीरियड को कम करके 7 दिन कर दिया है. ब्रिटेन में भी बूस्टर डोज लगाने में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है. यूरोप के बाकी देश जैसे इटली, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक रिपब्लिक और स्पेन भी नई पाबंदियों पर विचार कर रहे हैं.
आरएस/आरपी (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
त्योहारों में मास्क का कितना रख रहे ख्याल?
भारत में कोविड के मामले जिस तरह से घट रहे हैं उसी तरह से लोग त्योहार के मौसम में मास्क और सामाजिक दूरी को लेकर कम गंभीर नजर आ रहे हैं. यह खुलासा एक सर्वे में हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Kakade
मास्क को लेकर कितने अलर्ट
लोकल सर्किल्स द्वारा सितंबर में किए गए सर्वेक्षण में केवल 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके क्षेत्र या जिले में मास्क का अनुपालन प्रभावी है. जबकि केवल 6 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि उनके क्षेत्र या शहर में सामाजिक दूरी का अच्छा अनुपालन है.
तस्वीर: Ashish Vaishnav/ZUMA Wire/imago images
यात्रा के समय मास्क की क्या स्थिति
सर्वे में शामिल 65 हजार लोगों से पूछा गया कि यात्रा के समय मास्क की क्या स्थिति दिखती है. 30 फीसदी लोगों ने कहा कि यात्रा के दौरान लोग मास्क लगाने के नियम का पालन करते हैं.
तस्वीर: Francis Mascarenhas/Reuters
सामाजिक दूरी का क्या हाल
कोविड प्रोटोकॉल के तहत सामाजिक दूरी सबसे महत्वपूर्ण है. सर्वे में शामिल 55 फीसदी लोगों ने बताया कि पिछले 30 दिनों में सबसे कम सोशल डिस्टेंसिंग बाजारों में दिखी. 12 प्रतिशत ने बताया कि गलियों और सड़कों पर सामाजिक दूरी कम दिखी.
तस्वीर: Subrata Goswami/DW
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे हो रहा
देश के 366 जिलों के लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गई और उनसे पूछा गया कि आपके शहर, जिले या क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे हो रहा है. 63 प्रतिशत ने कहा कि इसको हल्के तरीके से लिया जा रहा है. केवल 6 प्रतिशत ने कहा अच्छे तरीके से.
तस्वीर: AMIT DAVE/REUTERS
टीकाकरण केंद्रों में मास्क नियमों का पालन
सर्वे में शामिल 61 फीसदी लोगों ने माना कि टीकाकरण केंद्रों पर मास्क नियमों का अनुपालन किया जा रहा था, जबकि 39 फीसदी लोगों ने माना कि उनके केंद्रों पर मास्क और सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा था.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
मामले घटे, आवाजाही बढ़ी
69 फीसदी लोगों ने बताया कि वे पिछले एक महीने के दौरान ऐसी जगह जरूर गए हैं जहां एक बंद बिल्डिंग में उन्हें काम करना पड़ा है. इन जगहों में अस्पताल, मॉल, शॉपिंग सेंटर या धार्मिक भवन शामिल रहे हैं.