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इलॉन मस्क की स्पेसएक्स को टक्कर देने की यूरोप में तैयारी

११ दिसम्बर २०२४

यूरोपीय कंपनी मायस्पेस बार बार इस्तेमाल किया जा सकने वाला रॉकेट खुद बनाने की कोशिश कर रही है. यूरोप को उम्मीद है कि इससे इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को टक्कर दी जा सकेगी. क्या ऐसा हो पाएगा?

स्पेसएक्स के रॉकेट के लॉन्चर पर वापस लौटने से ठीक पहले की तस्वीर
स्पेसएक्स के रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक दुनिया की दूसरी कंपनियां भी विकसित करना चाह रही हैंतस्वीर: SpaceX /AP/picture alliance

फ्रांस के नॉरमंडी में वैर्नो कस्बे के ऊपर जंगल के बीच में कुछ श्रमिक स्टील के एक सिलिंडर को ठीक कर रहे हैं जिसे एक जोड़ी विशालकाय लाल पंजों ने पकड़ा हुआ है. यह सिलिंडर बार बार इस्तेमाल हो सकने वाले उस रॉकेट का हिस्सा है जिसकी मदद से यूरोप को इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को टक्कर देने की उम्मीद है.

मायस्पेस 2026 में यूरोप का पहला आंशिक रूप से दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाला राकेट लॉन्चर बाजार में उतारने के लिए परीक्षण के एक बेहद महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रहा है. यह कंपनी यूरोप की सबसे बड़ी रॉकेट निर्माता कंपनी आरियाने समूह की दो साल पुरानी सहायक कंपनी है.

यूरोपीय कंपनी मायस्पेस एक ऐसे उद्देश्य में सफलता हासिल करने की कोशिश कर रही है जिसमें यूरोप काफी पीछे हो चुका हैतस्वीर: Maiaspace/Handout via REUTERS

इस रॉकेट लॉन्चर का लक्ष्य मुख्य रूप से छोटे व्यावसायिक सैटलाइटों को अंतरिक्ष में ले जाना है. यूरोप को इस तकनीक में पहले से ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने की यह कोशिश यूरोपीय सरकारों के उस कदम के एक दशक बाद की जा रही है जिसके तहत फैसला लिया गया था कि आरियाने छह हेवी लॉन्चर को दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाए बिना विकसित किया जाएगा.

पहल में हुई काफी देर

इसे बाजार में अगले साल लाया जाना है लेकिन कुछ आलोचक इसे अभी से पुराना बता रहे हैं. मायस्पेस के सीईओ योआन लेरोआ ने हाल ही में पत्रकारों को बताया, "अटलांटिक के इस तरफ, हमने दोबारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों के प्रति लापरवाही दिखाई है.

उन्होंने आगे कहा, "प्रतिस्पर्धात्मक होने के लिए हमें खर्चों को कम करना होगा और रॉकेट के पहले चरण को फिर से पा लेना होगा." इस कंपनी को बनाने की योजना की घोषणा सबसे पहले 2021 में फ्रांस के तत्कालीन वित्त मंत्री ब्रूनो लेमेयर ने की थी.

उन्होंने 2014 के "खराब रणनीतिक फैसले" के लिए पछतावा जताया था और "हमारा अपना स्पेसएक्स और हमारा अपना फाल्कन 9" बनाने की महत्वाकांक्षा जाहिर की थी.

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रूपरेखा के अनुसार एक मध्यम आकार का लॉन्चर बनाने की योजना है जिसके पहले चरण को जरूरत पड़ने पर फ्रेंच गयाना में स्थित यूरोपीय स्पेसपोर्ट के पास एक नाव पर वापस उतारा जा सके और पांच बार दोबारा इस्तेमाल किया जा सके.

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दो चरणों के इस रॉकेट के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए इस पर अतिरिक्त रूप से एक छोटा सा "किक स्टेज" भी लगाया जा सकता है. लेरॉय ने बताया कि यह रॉकेट 0.5 टन और चार टन के बीच के पेलोड ले जा सकेगा.

अभी तक इस क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ी स्पेसएक्स की बराबरी करना मुश्किल रहा है. लेकिन यूरोपीय अधिकारियों को विश्वास है कि मायस्पेस जैसी परियोजनाएं आरियाने छह का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाले उत्तराधिकारी बनाने में सफल रहेंगी.

मायस्पेस के सामने कई चुनौतियां

स्पेसएक्स ने दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले फाल्कन 9 बूस्टर को सबसे पहले 2017 में दोबारा लांच किया था. मायस्पेस के 230 इंजीनियरों को यह पता लगाना है कि उन्हें स्पेसएक्स के साथ ना पार कर पाने वाली सी लगने वाली इस खाई को कैसे पार करना है.

उन्हें जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है उनके लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार फिर से इस्तेमाल किए जाने वाली तकनीक को पूरी तरह से गले लगाने में यूरोप की देरी भी जिम्मेदार है.

जब पारंपरिक रॉकेट अलग होते हैं तो वो अंतरिक्ष के वैक्यूम में अलग होते हैं. लेकिन दोबारा इस्तेमाल किए जाने के लिए रॉकेट के पहले चरण को और पहले अलग होना होता है, जिसमें वायुमंडल से डिस्टर्बेंस का खतरा रहता है.

कुछ सालों पहले लॉन्च किया गया आरियान छह रॉकेट इसी तकनीक का हिस्सा हो सकता थातस्वीर: Jody Amiet/AFP

लेरॉय ने बताया कि यह "उन मुख्य तकनीकी चुनौतियों में से है जिस पर यूरोपीय उद्योग को तरक्की करने की जरूरत है." यह "इंटरस्टेज" प्रोटोटाइप जो अब बनाया जा रहा है, इसका डिजाइन ही इस समस्या के एक समाधान का परीक्षण करने के लिए किया गया है. यह परीक्षण इसी हफ्ते होगा, जिसमें यह लाल पंजों जैसा ढांचा अलगाव के असर की नकल करेगा. 

काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से मायस्पेस को तेजी से भी काम करना होगा. जर्मनी की 'रॉकेट फैक्टरी आउग्सबर्ग' भी ऐसे ही एक रॉकेट के डिजाइन पर काम कर रही है, हालांकि इसे इस साल एक टेस्ट इंजन के फट जाने से झटका लगा था.

दूसरी कंपनियों की तरह ही मायस्पेस को निवेश की भी जरूरत होगी. उसका अनुमान है कि इस रॉकेट को बनाने का खर्च ही अरबों यूरो में आएगा. लेरोआ ने बताया कि अभी तक कंपनी को आरियाने समूह से 12.5 करोड़ यूरो मिले हैं और वो अगले साल एक नए राउंड की फंडिंग के लिए बातचीत शुरू करेगी.

सीके/वीके (रॉयटर्स)

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