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समाज

पोलैंड से ईयू ने कहा बलात्कार की परिभाषा बदलो

१७ सितम्बर २०२१

यूरोप के शीर्ष मानवाधिकार निगरानी समूह ने कहा है कि पोलैंड को महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए बलात्कार की अपनी कानूनी परिभाषा बदलनी चाहिए.

तस्वीर: Beata Zawrzel/NurPhoto/picture alliance

यूरोप के शीर्ष मानवाधिकार निगरानी समूह ने गुरुवार को मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मूल्यों पर पोलैंड की सत्तारूढ़ दक्षिणपंथी सरकार को ताजा चुनौती देते हुए यह बात कही है. देश की सत्ताधारी कंजर्वेटिव 'लॉ एंड जस्टिस' पार्टी की सरकार गर्भपात को लेकर सख्त कानून बनाते जा रही है. बड़े पैमाने पर विरोध के बावजूद गर्भपात को लेकर पोलैंड सरकार कदम नहीं पीछे कर रही है.

पिछले साल ही पोलैंड की संवैधानिक ट्राइब्यूनल ने एक फैसला सुनाया था कि पोलैंड में केवल वही गर्भपात वैध माने जाएंगे जिनमें या तो गर्भ रखने से मां की सेहत या जान का खतरा हो या फिर बलात्कार जैसी घटना के कारण गर्भ ठहरा हो. इस आदेश के पहले ही कैथोलिक-बहुल देश पोलैंड के गर्भपात कानून पूरे यूरोप में सबसे सख्त माने जाते थे.

काउंसिल ऑफ यूरोप ने कहा है कि वॉरसॉ को यौन हिंसा का मुकाबला करने के लिए कोशिशों में तेजी लानी चाहिए और बलात्कार की परिभाषा को बदलकर "एक बल-आधारित परिभाषा से हटकर सभी गैर-सहमति वाले यौन कृत्यों को इसमें शामिल करना चाहिए."

काउंसिल ऑफ यूरोप ने एक बयान में कहा, "आपराधिक कानून में बलात्कार की सहमति-आधारित परिभाषा के बिना, अभियोजक हमेशा उन मामलों में अभियोग की मांग के खिलाफ फैसला करेंगे जहां यौन कृत्य निर्विवाद है, लेकिन सहमति नहीं है."

काउंसिल ऑफ यूरोप ने आगे कहा पोलैंड को यौन हिंसा के पीड़ितों के लिए आपातकालीन देखभाल और सेवाओं में सुधार करना चाहिए. पुलिस और चिकित्सा कर्मचारियों को बलात्कार के मामलों में पहले प्रतिक्रिया के रूप में बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करना चाहिए साथ ही देश में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के बीच संवाद बढ़ाना चाहिए.

यह बयान इस बात की समीक्षा का हिस्सा है कि कैसे देश महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और मुकाबला करने के लिए 2014 के इस्तांबुल संधि को लागू करते हैं. अब तक विश्लेषण किए गए 17 देशों में से केवल तीन बेल्जियम, माल्टा और स्वीडन केवल सहमति की कमी के आधार पर यौन हिंसा मामले में दंडित करते हैं.

यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से छह ने संधि की पुष्टि नहीं की है. जिनमें हंगरी, बुल्गारिया, स्लोवाकिया, चेक गणराज्य, लात्विया और लिथुआनिया शामिल हैं.

महिला अधिकार कई क्षेत्रों में से एक है जिसमें वॉरसॉ और यूरोपीय संघ के बीच मतभेद है, यूरोपीय आयोग के पास उन देशों को धन रोकने की शक्ति है जो लोकतांत्रिक अधिकारों और मूल्यों को छीनते या फिर कम करते हैं.

एए/सीके (रॉयटर्स, एपी)

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