चुनाव से पहले महिला किसानों को बड़े तोहफे की तैयारी
१० जनवरी २०२४
केंद्र सरकार महिला किसानों का सालाना भुगतान दोगुना करने पर विचार कर रही है. रॉयटर्स ने तीन सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.
विज्ञापन
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार उन महिला किसानों का सालाना भुगतान दोगुना करने पर विचार कर रही है जिनके पास जमीन है. रिपोर्ट के मुताबिक यह कदम लोकसभा चुनाव के पहले महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश हो सकती है. इसी साल लोकसभा के चुनाव होने हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों को हर साल छह हजार रुपये सालाना मिलते हैं. रॉयटर्स ने दो सूत्रों के हवाले से कहा इस योजना का ऐलान 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में किया जा सकता है. ये दोनों सूत्र बजट प्रस्ताव पर चर्चा के बारे में जानकारी रखते हैं. अगर सरकार इसको लागू करती है तो इससे अतिरिक्त 12 हजार करोड़ रुपये की लागत आ सकती है.
विज्ञापन
क्या है पीएम किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार देशभर के पुरुष और महिला किसानों को हर साल छह हजार रुपये कैश ट्रांसफर करती है. यह प्रस्ताव 2019 के आम चुनाव से पहले मोदी द्वारा पेश किए गए वर्तमान कार्यक्रम का विस्तार करेगा.
सरकार के अनुमान के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि योजना से फिलहाल देश के 11 करोड़ किसानों को फायदा हो रहा है. अब तक इस योजना के जरिए नवंबर, 2023 तक 15 किस्तों में 2.81 लाख करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं.
बार्कलेज इनवेस्टमेंट बैंक में अर्थशास्त्री राहुल बाजौरिया के मुताबिक, "मौजूदा योजना का विस्तार करने से महिलाओं का अधिक समर्थन मिलेगा, जो कि एक एक प्रमुख जनसांख्यिकीय है."
नकद सहायता को दोगुना करने और इसे महिलाओं पर लक्षित करने की योजना पहले रिपोर्ट नहीं की गई है. एक सूत्रों ने बताया कि इसे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के कदम के रूप में पेश किया जाएगा.
इस मामले पर रॉयटर्स ने कृषि मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और वित्त मंत्रालय ने बयान के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया.
अब शहर संवार रहे हैं काम से बाहर हो चुके किसान
05:23
किसानों पर मोदी सरकार की नजर
देशभर में 26 करोड़ किसान और उनके परिवार हैं, जो उन्हें 140 करोड़ की आबादी वाले देश में एक मजबूत मतदाता समूह बनाते हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सभी किसानों में 60 फीसदी महिला किसान होने के बावजूद 13 फीसदी से भी कम महिला किसान ऐसी हैं जिनके पास ऐसी जमीन है जिनपर वह काम करती हैं.
एक सूत्र के मुताबिक महिला किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने से सरकारी वित्त पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि 550 अरब डॉलर के अनुमानित बजट में यह राशि अपेक्षाकृत कम है.
ओपिनिय पोल्स के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी के लिए महिलाएं अहम सपोर्ट बेस रही हैं, जिससे अगले चुनाव जीतने की संभावना है. पिछले साल चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन राज्यों में आसानी से जीत दर्ज की थी.
मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी की सरकार ने विवाहित महिलाओं के लिए नकद ट्रांसफर कार्यक्रम लागू किया, पोलस्टर सी-वोटर के मुताबिक पार्टी ने लगभग 51 फीसदी महिला वोट हासिल किए, जबकि 46.2 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने पार्टी को वोट दिया.
लेकिन विपक्षी कांग्रेस पार्टी की डेटा एनालिटिक्स इकाई के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि चुनाव से पहले घोषित कार्यक्रमों से राजनीतिक लाभ मिलता है. उन्होंने कहा, "मतदाता जानता है कि ये राजनीतिक हथकंडे हैं."
एए/वीके (रॉयटर्स)
मधुमक्खियों की गुनगुनाहट में छिपा अनोखा हथियार
मधुमक्खी का मतलब बस शहद नहीं है. ये नन्हे जीव शायद कुदरत की सबसे अहम और मेहनती किसान हैं. कुदरत की इस अद्भुत आर्किटेक्ट के पास एक बेजोड़ हथियार भी है, जो उन्हें हमलावरों से बचाता है और जीने में भी बड़ा काम आता है.
तस्वीर: Robin Loznak/Zumapress/picture alliance
गजब है कुदरत की लीला
एक कीड़ा होता है, हॉर्नेट. ये ततैया के परिवार का सदस्य है. ये हॉर्नेट मधुमक्खियों का शिकार करते हैं. इनका झुंड कुछ ही घंटों में मधुमक्खी के पूरे मुहल्ले को खत्म कर सकता है. लेकिन कुदरत भी कमाल है! जीवों के विकासक्रम में एशियाई मधुमक्खियों ने हॉर्नेट शिकारियों से निपटने की एक अनोखी तरकीब विकसित की. इस रणनीति में उनका हथियार बनती हैं दो चीजें: पहली, एकता. दूसरा हथियार, भनभनाहट.
तस्वीर: Robin Loznak/ZUMA Wire/picture alliance
मधुमक्खियों का सीक्रेट हथियार
अकेली मधुमक्खी, हॉर्नेट से नहीं निपट सकती. ना खुद को बचा सकती है. ऐसे में छत्ते की पूरी कॉलोनी "संगठन में शक्ति है" की राह चलती है. सारी मधुमक्खियां हॉर्नेट के शरीर से चिपककर गोलाकार सा बना लेती हैं.
तस्वीर: Tomasz Wojtasik/dpa/picture alliance
तापमान नियंत्रित करने की काबिलियत
गोलाकार रचना में साथ जुड़कर सारी मधुमक्खियां भनभनाना शुरू करती हैं. ये कंपन इतनी तेजी से होता है कि उनके शरीर का तापमान बढ़ने लगता है.
तस्वीर: Tayfun Coakun/AA/picture alliance
शिकार खुद यहां शिकार हो गया
चूंकि कंपन की ये प्रक्रिया समवेत होती है, तो मधुमक्खियों का बनाया वह गोला एक किस्म का अवन बन जाता है. इसके केंद्र में तापमान 45 से 46 डिग्री तक पहुंच जाता है और शिकार करने आया हॉर्नेट, खुद ही शिकार बन जाता है. हालांकि इस रणनीति में मधुमक्खियों के कुछ अपने सैनिक भी अपनी जान गंवाते हैं. लेकिन, उनका झुंड और छत्ता बच जाता है.
तस्वीर: Amir Cohen/REUTERS
बड़े काम की चीज है एकता
स्तनधारी जीवों में आमतौर पर शरीर का तापमान दुरुस्त रखने की क्षमता होती है. जैसे हम इंसान. धूप-गर्मी में हमारा शरीर पसीना बहाता है, जिससे तापमान नियंत्रित करने में मदद मिलती है. लेकिन कीड़ों में ये क्षमता नहीं होती. ऐसे में मधुमक्खियां अपने झुंड को ताकत बनाती हैं और एक तरह का "सुपरऑर्गेनिजम" बन जाती हैं.
तस्वीर: Kim Honh-Ji/REUTERS
शानदार आर्किटेक्ट
हम भी चाहते हैं ना कि घर का तापमान सुहाना रहे. बाहर गर्मी हो, तो घर ठंडा रहे. बाहर ठंड हो, तो घर में गुनगुनी गर्माहट हो. इसके लिए कई देशों में घर की दीवारों को इंसूलेटेड बनाया जाता है. मधुमक्खियां भी कमाल की आर्किटेक्ट हैं. वो अपना छत्ता बखूबी इंसुलेट कर लेती हैं.
तस्वीर: Zhang Zhiwei/Zoonar/picture alliance
सावधानी से चुनती हैं घर बनाने की जगह
बच्चों की अच्छी तरह परवरिश के लिए उन्हें छत्ते में 33 से 36 डिग्री सेल्सियस का आदर्श तापमान चाहिए होता है. ऐसे में मधुमक्खियां बहुत देख-परखकर, सावधानी से घर बनाने की जगह चुनती हैं. आपने देखा होगा, उनका छत्ता किसी-न-किसी चीज की छांव में होता है. जैसे, किसी चट्टान के छांव वाले हिस्से में. या मोटी टहनी की छाया. या पेड़ की टहनियों-पत्तों की ओट.
तस्वीर: Kim Hong-Ji/REUTERS
कुदरती सीमेंट
मधुमक्खियां पौधों के रस, मोम और थूक जैसे अपने स्त्राव को मिलाकर एक चिपचिपी गोंदनुमा चीज प्रोपोलिस बनाती हैं. इसे वो छत्ता बनाते हुए परत की तरह इस्तेमाल करती हैं. इसकी मदद से छत्ते के अनचाहे छेदों को भरती हैं.
तस्वीर: Beliane
प्रोपोलिस एक, फायदे अनेक
प्रोपोलिस में फ्लेवोनॉइड्स नाम का एक सुरक्षात्मक तत्व भी होता है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं. यह फंगस, बैक्टीरिया और नमी जैसी चीजों को बढ़ने से रोकता है. ये सारी चीजें छत्ते के भीतर आदर्श तापमान बनाए रखने में मददगार हैं. और इनके अलावा गर्माहट की जरूरत होने पर मधुमक्खियां एक-दूसरे से चिपककर खुद को, अपने साथियों और बच्चों को जरूरी गर्माहट भी देती हैं.
तस्वीर: Nick Adams/The Herald/picture alliance
मधुमक्खियों के पास हीटर और एसी, दोनों है
छत्ते का ये प्राकृतिक इंसूलेशन, मधुमक्खियों का घरेलू हीटिंग सिस्टम है. जरूरत पड़ने पर वह खुद ही छत्ते का एयर कंडीशनर भी बना लेती हैं. जब बाहर लू के थपेड़े चलते हैं, तो मधुमक्खियां छत्ते को ठंडा रखने के लिए पानी जमा करती हैं. वो पानी की बूंदों को पूरे छत्ते में छितरा देती हैं और अपने पंख हिलाकर इसके छेदों से हवा फैलाती हैं. सोचिए, क्या अद्भुत जीव हैं ना मधुमक्खियां! कितनी काबिल, कितनी हुनरमंद!