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2023 में मौत की सजा में भारी वृद्धिः एमनेस्टी

२९ मई २०२४

2015 के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा 2023 में दी गई. बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ये आंकड़े जारी किए.

अलाबामा, अमेरिका
अमेरिका के अलाबामा में मौत की सजा का नया तरीका आजमाया गयातस्वीर: AP Photo/picture alliance

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि 2023 आठ साल में मौत की सजाओं के लिए सबसे बुरा साल रहा. पिछले साल 1,153 लोगों को मौत की सजा दे दी गई, जो 2022 के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा थी. रिपोर्ट के मुताबिक ईरान और मध्य पूर्व के देशों में मौत की सजाओं में बड़ी वृद्धि हुई. इससे पहले 2015 में 1,634 लोगों को मौत की सजा दी गई थी.

रिपोर्ट में कहा गया कि इन आंकड़ों में चीन में दी गई सजाएं शामिल नहीं हैं क्योंकि वहां के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं और यह संख्या हजारों में हो सकती है. आंकड़ों में वृद्धि के पीछे ईरान को सबसे बड़ी वजह बताया गया जहां पिछले साल 853 लोगों को मौत की सजा दी गई. 2022में यह संख्या 576 थी.

ईरान में जिन लोगों को मौत की सजा दी गई, उनमें 24 लोग थे. इसके अलावा पांच लोग ऐसे थे जो अपराध के वक्त अवयस्क थे. एमनेस्टी ने कहा कि ईरान के अल्पसंख्य बलूच समुदाय पर इन सजाओं का सबसे ज्यादा असर देखा गया.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव आग्नेस कैलामार्द ने एक बयान में कहा, "ईरानी अधिकारियों ने मानव जीवन के प्रति जरा भी सम्मान नहीं दिखाया और नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों में बड़ी संख्या में लोगों को कत्ल किया. यह देश के सबसे गरीब और कमजोर तबकों पर मौत की सजा के भेदभावपूर्ण असर को दिखाता है.”

सबसे ज्यादा मृत्यु दंड

रिपोर्ट के मुताबिक जिन देशों में 2023 में सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी गई, वे थेः चीन, ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और अमेरिका. सऊदी अरब में 172 और सोमालिया में 38 लोगों को मृत्यु दंड दिया गया.

कैलामार्द ने कहा कि अमेरिका में मौत की सजाओं में कमी करने की मुहिम सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. वहां 2023 में 24 लोगों को यह सजा दी गई. 2022 में यह संख्या 18 थी. कैलामार्द ने कहा, "यह वृद्धि दिखाती है कि मृत्यु दंड को लेकर प्रतिबद्धता कितनी खौफनाक है और मानव जीवन को समाप्त करने को लेकर संसाधनों में निवेश की बेपरवाह इच्छा कितनी ज्यादा है.”

रिपोर्ट में अमेरिकी राज्यों में मौत की सजा के विभिन्न तरीके अपनाने को लेकर लाए गए बिल की भी आलोचना की गई है. आइडहो और टेनेसी राज्यों में गोली मारकर मृत्यु दंड देने संबंधी एक बिल पेश किया गया था. इसके अलावा अलाबामा राज्य में जनवरी में नाइट्रोजन गैस के जरिए एक व्यक्ति को मौत की सजा दी गई थी.

कम देशों में मृत्यु दंड

एमनेस्टी ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि ऐसे देशों की संख्या में कमी आई है जहां मौत की सजा दी गई. 2023 में यह संख्या 16 रही, जो अब तक की सबसे कम संख्या है. 2022 में 20 देशों में किसी ना किसी व्यक्ति को मौत की सजा दी गई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में सबसे ज्यादा 24 महिलाओं को मृत्यु दंड दिया गया. उसके बाद सऊदी अरब में 6 और सिंगापुर में एक महिला को मौत की सजा दी गई जबकि चीन के आंकड़ों की जानकारी नहीं है.

सबसे ज्यादा 508 लोगों को मौत की सजा नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों में दी गई. यह कुल संख्या का 44 फीसदी है. इनमें सबसे ज्यादा 481 मामले ईरान में, 19 सऊदी अरब में, 5 सिंगापुर में और एक कुवैत में था.

कम से कम आठ लोगों को मृत्युदंड सार्वजनिक रूप से दिया गया. इनमें सात मामले ईरान के हैं जबकि एक अफगानिस्तान का.

बेलारूस, जापान, म्यांमार और दक्षिणी सूडान ऐसे देश रहे जहां 2022 में तो मृत्यु दंड दिया गया था लेकिन 2023 में किसी व्यक्ति की कानूनन जान नहीं ली गई. जिन तरीकों से मृत्यु दंड दिया गया, उनमें सिर काटना, फांसी, जहरीला इंजेक्शन और गोली मारना शामिल था.

दुनिया में 112 देश ऐसे हैं जहां मौत की सजा पूरी तरह खत्म कर दी गई है जबकि कुल 144 देशों में मौत की सजा से परहेज किया जा रहा है.

विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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