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समाज

कोरोना से लड़ते-लड़ते थक रहे हैं डॉक्टर

८ सितम्बर २०२०

भारत में बीते छह महीने से डॉक्टर कोरोना से लड़ रहे हैं और संक्रमितों की सेवा में दिन रात जुटे हुए हैं. इस लड़ाई में वे अपने कई साथी खो भी चुके हैं. देश में वायरस काबू होने की जगह तेजी से और लोगों को संक्रमित कर रहा है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/X. Galiana

देश की राजधानी में सबसे बड़े निजी कोविड-19 अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बीते छह महीने से लगातार काम करते हुए वे थक गए हैं और अस्पताल में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अब वह दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. संक्रमण के मामले में भारत के ऊपर बस अमेरिका है. केंद्र सरकार ने राज्यों को आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू करने के लिए कई छूट दे दी हैं. लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी के रिकॉर्ड तो टूटे ही हैं लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में भी तेज गिरावट दर्ज की गई है.

नई दिल्ली में पहले जहां मामले एक हजार के नीचे तक दर्ज किए जा रहे थे वहीं अब राजधानी में तीन हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली में भी तेजी से आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं. मार्च से बंद मेट्रो सेवा भी सोमवार से शुरू हो गई है. दिल्ली के अस्पतालों पर अधिक भार है क्योंकि अन्य राज्यों के मरीज बेहतर इलाज की चाहत में यहां पहुंच रहे हैं. निजी अस्पताल मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, का 32 बिस्तरों वाला कोविड-19 इंटेनसिव केयर यूनिट भरा हुआ है. जिन मरीजों में सुधार के लक्षण नजर आने लगते हैं उन्हें तुरंत अन्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है ताकि वेंटिलेटर का इस्तेमाल जरूरतमंद मरीजों के लिए हो सके.

आईसीयू के डॉक्टर रोनक मनकोडी कहते हैं, "मानसिक तौर पर सभी लोग थक चुके हैं. यहां पर निरंतर ध्यान देने और देखभाल की जरूरत होती है." अस्पताल के क्रिटिकल केयर के निदेशक अरुण दीवान कहते हैं दो हफ्ते की वायरस के बीच रोटेशन वाली ड्यूटी के बाद उन्हें डॉक्टरों को आराम के लिए भेजना चुनौती भरा काम है. दीवान कहते हैं, "हमारे पास कुछ ही कर्मचारी हैं जिनकी हम ड्यूटी रोटेशन में लगा सकते हैं."

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के डाटा से पता चलता है कि देश भर में अबतक 200 के करीब डॉक्टरों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देश भर के साढ़े तीन लाख डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है. आईएमए के महासचिव आरवी अशोकन कहते हैं, "अधिकतर 50 साल के उम्र के उपर के थे." उनके मुताबिक आईएमए के सदस्यों की मृत्यु दर करीब 8 फीसदी थी जो कि आम आबादी से ज्यादा है. अशोकन कहते हैं कि परिवार के डॉक्टर सबसे जोखिम में हैं क्योंकि वह मरीजों के पहले संपर्क बिंदु होते हैं. उनके मुताबिक, "गंभीर मरीजों को पहले इलाज देने की विधि और शारीरिक दूरी बड़ी चुनौती है."

डॉक्टर सुनील खंडेलवाल आईसीयू में चौथी बार रोटेशन वाली ड्यूटी कर रहे हैं. दूसरी बार ड्यूटी करते वक्त उन्हें संक्रमण हो गया था और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा था. वे कहते हैं, "मरीजों की तरह मैं भी डरा हुआ था." हालांकि उन्हें ऑक्सीजन या वेंटीलेटर की जरूरत नहीं पड़ी, वे कहते हैं कि अनुभव उन्हें निराशा में डाल देता था लेकिन उनके पास आराम करने के लिए बहुत ही कम समय था और उन्हें काम पर लौटना पड़ा. खंडेलवाल कहते हैं, "इससे हम थक गए हैं, लेकिन मामलों में असाधारण वृद्धि हो रही इसीलिए हम काम कर रहे हैं. हम डॉक्टर हैं और हमें यह करना होगा."

देश में कोरोना के मामले

देश में कोरोना वायरस के मामले बेकाबू होते जा रहे हैं. अब कोरोना मरीजों की कुल संख्या 42,04,613 हो गई है और मृतकों की संख्या 71,642 हो गई है. सोमवार को वायरस के कारण 1016 लोगों की मौत हो गई. वहीं सोमवार को रिकॉर्ड 90,802 नए मामले सामने आए हैं. भारत के ऊपर अमेरिका ही है जो सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. अमेरिका, भारत और ब्राजील ऐसे देश हैं जहां कोरोना वायरस अब भी बेकाबू नजर आ रहा है. हालांकि भारत में इस बीमारी से ठीक होने वालों की दर सोमवार को 77 फीसदी के ऊपर चली गई. देश में अब तक 32,50,429 लोग ठीक हो चुके हैं.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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