ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक ऐसे तत्व का पता लगाया है जिससे लैस दवाएं सांप के डसे लोगों की जान बचा सकती हैं. यह ऐसे लोगों को बचाने में खासतौर पर काम आएगी जो अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं.
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ब्रिटिश रिसर्चरों ने जानवरों पर इसका प्रयोग करके देखा है और उसमें सफलता पाई है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा को लेकर यह प्रयोग किया है जो पहले से मौजूद थी. जानवरों में इसे आजमाने पर उन्हें जहरीले सांप के जहर से जिंदा बचाने में सफलता मिली.
इस दवा में जो सक्रिय तत्व होता है वह ‘डाईमेर्काप्रॉल' कहलाता है. ब्रिटेन के लिवरपूल की इस रिसर्च टीम ने सांप के जहर के असर को काटने में इस तत्व से लैस दवा को टेस्ट किया. अब तक इस तत्व और इससे मिलते जुलते तत्व डीपीएमएस (2,3-डाईमेर्काप्टो-1-प्रोपेनसल्फोनिक एसिड) का इस्तेमाल उन मामलों में किया जाता था जहां किसी को आर्सेनिक या पारा जैसे हेवी मेटल का जहरीला असर हो गया हो.
कैसे काटता है ये जहर को
अब रिसर्चरों ने दिखाया है कि यही दोनों सक्रिय तत्व सांप के जहर को काटने में भी काम आ सकते हैं. इसका विचार सबसे पहले बायोकेमिस्ट और मॉलिकुलर बायोलॉजिस्ट लॉरा ओआना-अलबूलेस्कू ने पेश किया. लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में काम करने वाली यह रिसर्चर और उनकी टीम ऐसे सक्रिय तत्वों की तलाश में लगे थे जो शरीर में सांप के जहर के साथ काम करने वाले धातु के आयनों से जुड़ सकें. इसमें उन्होंने इन दोनों तत्वों को कारगर पाया.
सांपों की दिलचस्प और डरावनी दुनिया
सांप और इंसानों का रिश्ता बड़ा ही अनोखा है. धरती के ध्रुवों को छोड़कर वे हर जगह पाए जाते हैं और पाया जाता है उनका डर भी. देखिए कैसे कैसे हमारी जिंदगी से जुड़े हैं ये सरीसृप.
तस्वीर: Getty Images
मशहूर, लेकिन खतरे में
जर्मनी की दवा कंपनियों के लोगो और विश्व स्वास्थ्य संगठन के झंडे पर बना सांप का यह निशान दुनिया में सबसे प्रसिद्ध है. यह असल में एस्कुलाप्नाटेर सांप है, जो जहरीला नहीं होता. फिर भी इनका आवास सिकुड़ने और गैर कानूनी व्यापार बढ़ने के कारण इनके अस्तित्व पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.
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जहरीले, मगर काम के
जहरीले सांपों से कौन नहीं डरता. लेकिन सांप का जहर बहुत काम की चीज है. जर्मनी में हैम्बर्ग के पास उटरसन में यूरोप का सबसे बड़ा स्नेक फार्म है. यहां रोजाना करीब 1,500 सांपों का जहर निकाला जाता है. सांप का जहर बहुत कम मात्रा में दवा का काम करता है. इससे हाइपरटेंशन का इलाज होता है और सांप के डसने का तोड़ यानि एंटीडोट भी उसका जहर ही है.
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नई खोज, नए खतरे
सांपों की नई नई किस्मों की खोज होती रहती है. जैसे कि इटली के पियमॉन्ते इलाके की अल्पाइन घाटियों में मिला "वाइपेरा वाल्सर" जो इस तस्वीर के वाइपर जैसा ही दिखता है. यह खुले घास के मैदानों में रहता है. इसके जैसे सांप पिछली सदी में ही विलुप्त हो चुके थे, यह खोज एक विलुप्त प्रजाति के वापस आने जैसी है.
तस्वीर: vipersgarden - Fotolia.com
टाइगर पायथन का आक्रमण
एवरग्लेड्स नेशनल पार्क में बर्मा के अजगरों की किस्म का आतंक मच गया था. ऐसे की अजगरों को अमीर लोगों ने पालतू बना कर रखा था और उनके पिंजरों से निकल कर इन अजगरों ने जानवरों और इंसानों दोनों को डराया. इन्हें जान से मारने के लिए इनाम रखा गया. शिकारियों ने केवल एक महीने में 68 अजगरों को मार डाला.
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बीन पर नचाना
भारत को सपेरों का देश माने जाने की मान्यता भी सदियों पुरानी है. बीन की धुन पर सांपों को नचाते सपेरों की नियंत्रण देख पश्चिमी देश हैरत में पड़ते रहे. लेकिन सच तो ये है कि सांप बीन की धुन पर नहीं नाचता बल्कि अंधेरे डलिए से बाहर निकाला गया सांप दिन के प्रकाश में भी कुछ ठीक से देश नहीं पाता. बीन की हरकत को कोई दुश्मन समझ वह उस पर हमल करने की ताक में उसी के साथ साथ हिलता है.
तस्वीर: picture alliance / WILDLIFE
धार्मिक मान्यताएं भी
डर अपनी जगह है लेकिन हिंदू मान्यता में सांप को पवित्र भी माना जाता है. कहीं वर्षा ऋतु और उर्वरता का प्रतीक तो कहीं पूर्वजों की आत्मा तक का प्रतीक माना जाता है. भारत की कई पौराणिक कथाओं में इच्छाधारी नाग-नागिनों का जिक्र मिलता है, यानि ऐसे इंसान जिनके पास सांप जैसी शक्तियां थीं. और जो जब चाहे दोनों में से कोई भी रूप ले सकते थे.
तस्वीर: Reuters/N. Chitrakar
अजगर को समेटे
यूरोप में कई प्रेमी जोड़े सांपों और अजगरों को टेरेरियम में रखते हैं. इन्हें रखने के लिए फर्श को गर्म करने, प्रकाश की व्यवस्था के अलावा उसकी भूख मिटाने के लिए जिंदा जीव भी उपलब्ध कराने होते हैं. चीन के बिंगजे परिवार ने तो अजगर को अपने साथ ही रखा हुआ है. चार मीटर का यह अजगर पूरे घर में कहीं भी घूमता है.
चीन के खानपान में सांपों की बड़ी मांग है, जहां वे विशेष मेनू का हिस्सा होते हैं. तो वहीं हांगकांग में सांप का सूप खूब पसंद किया जाता है. मान्यता है कि सांप में कई घावों को भरने के विशेष गुण होते हैं, जिससे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और बीमारियां दूर होती हैं. अब इन गुणों के प्रचार के बाद मांग क्यों ना बढ़े.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Philippe Lopez
सांप से मालिश करवाएंगे?
मांसपेशियों को दुरुस्त रखने और उनकी जकड़न में आराम दिलाने के लिए मसाज या मालिश के फायदे जगजाहिर हैं. लेकिन एक सांप अगर आपकी मसाज करे तो क्या आप करवाएंगे? इंडोनेशिया में कुछ खास वेलनेस प्रोग्रामों में सांपों का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे बाली की इस तस्वीर में अजगर से पीठ की मसाज करवाई जा रही है.
तस्वीर: Getty Images
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‘डाईमेर्काप्रॉल' और डीपीएमएस दोनों सांप के जहर में मौजूद उन खास एंजाइमों के खिलाफ काम करते हैं, जिन्हें शरीर पर बुरा असर डालने वाला प्रभाव दिखाने के लिए जिंक आयनों की जरूरत होती है. इस तत्व से युक्त दवा ऐसे काम करती है कि वह शरीर में इन्हीं जिंक आयनों को बांध देती है. रिसर्चरों ने पहले इसे लैब में करके दिखाया और अपने परीक्षण के नतीजों को 6 मई, 2020 को ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन' नामक जर्नल में प्रकाशित किया.
वैज्ञानिकों ने डीपीएमएस का टेस्ट जानवरों पर भी किया और उसमें सफलता मिली. इसके लिए उन्होंने बेहद जहरीले वाइपर सांप की एक प्रजाति का जहर इस्तेमाल किया. उन्होंने पाया कि दवा की मदद से जहर के जानलेवा असर से शिकार को बचाया जा सकता है. सॉ-स्केल्ड वाइपर कहलाने वाला यह सांप अफ्रीका से लेकर मध्यपूर्व और एशिया तक में पाया जाता है. ब्रिटिश रिसर्च एजेंसी एसएसटीएम के आंकड़ों को देखें तो सांप के डसने से हर साल करीब 138,000 लोगों की जान चली जाती है और लगभग 400,000 लोगों की सेहत हमेशा हमेशा के लिए खराब हो जाती है.
आसानी से मिलने वाली दवा
सबसे अच्छी बात यह है कि डॉक्टर इस दवा को मुंह से खिलाकर भी सांप के जहर से छुटकारा दिला सकते हैं. अब तक डाईमेर्काप्रॉल जैसे तत्व वाली दवाएं केवल इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती हैं जिसे मूंगफली के तेल में घोल कर एक तैलीय द्रव के रूप में तैयार किया जाता है. चूंकि इसे टैबलेट के रूप में लेना संभव होगा इसलिए इस दवा को सीधे लोगों तक भी पहुंचाया जा सकेगा जिन्हें सांप के काटने के बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती करना संभव न हो.
लिवरपूल के डॉक्टरों को यकीन है कि यह दवा प्राथमिक उपचार के तौर पर काम में लाई जा सकती है जिससे सांप के जहर के जानलेवा असर को रोक कर मरीज को तब तक जिंदा रखा जा सकता है जब तक उसे एंटीसीरम का डोज ना मिल जाए. यह दवा एंटीसीरम की जगह नहीं बल्कि उसके पहले इस्तेमाल की जानी चाहिए और यह ज्यादातर देशों में दवा के रूप में पहले से ही उपलब्ध भी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सांप काटने से होने वाली मौतों और गंभीर नुकसान को 2020 तक आधा करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पाने में ऐसी दवाएं बहुत काम आ सकती हैं.
रोएंदार पैरों वाली विशाल मकड़ी गोलायथ से लेकर 2.5 फीट के कोमोडो ड्रैगन तक दुनिया के सबसे जहरीले जीव यह सब शामिल हैं. पृथ्वी पर 20,000 से ज्यादा कीड़े, सांप, बिच्छू और दूसरे ऐसे जीव है जिन्हें विषैला माना जाता है.
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Goliath Vogelspinne
गोलियाथ फोगल स्पिन्ने
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Goliath Vogelspinne
फ्लॉवर अर्चिन
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London
ब्लैक विडो मकड़ी
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Falsche schwarze Witwe
कोस्टल ताइपान
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Coastal Taipan
स्कॉर्पियन
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London
गाबोन वाइपर
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Gabon Viper
मून जेलीफिश
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Moon Jellyfish, Mondqualle
लेसर वीवर फिश
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London, Lesser Weever Fish
तारंतुला हॉक वैस्प
तस्वीर: Trustees of Natural History Museum, London