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जर्मनी के रियल एस्टेट पर घिरे संकट के बादल

१२ अगस्त २०२३

जर्मनी का रियल स्टेट सेक्टर संकट से गुजर रहा है. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के चलते यह एक गंभीर चिंता का विषय है. यह यूरोप का सबसे बड़ा रियल एस्टेट निवेश बाजार है.

जर्मनी में मौजूद एक बिल्डिंग
जर्मनी में साल की पहली छमाही के दौरान नए निर्माण में गिरावट आई. तस्वीर: Stefan Boness/Ipon/imago images

जर्मनी के रियल एस्टेट बाजार की हालत अच्छी नहीं है. हाल ही में, देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट समूह वोनोविया ने अरबों यूरो का नुकसान और राइटडाउन दर्ज किया. साथ ही, कंस्ट्रक्शन वर्करों के लिए नई नौकरियों के मौके भी नहीं बन रहे हैं. इस संकट के बाद निवेशकों और आर्थिक विशेषज्ञों ने कुछ चिंताएं जताई हैं.

रियल एस्टेट बाजार में जर्मनी क्यों अहम

संयुक्त राज्य अमेरिका और स्वीडन में भी रियल एस्टेट में गिरावट दर्जकी गयी है. मगर जर्मनी इसलिए अहम है क्योंकि यह यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और महाद्वीप में सबसे बड़ा रियल एस्टेट निवेश बाजार है.

जर्मन प्रॉपर्टी फेडरेशन के अनुसार, रियल एस्टेट देश के आर्थिक उत्पादन का लगभग पांचवां हिस्सा है. इसके अलावा, यह हर दस में एक नौकरी भी यही क्षेत्र पैदा करता है.

जर्मनी के नेता, मंत्रालय और संपत्ति उद्योग समाधान खोजने की कोशिश करने के लिए 25 सितंबर को चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ बैठक करेंगे.तस्वीर: AP

कितने बुरे हैं हालात?

जर्मनी में साल की पहली छमाही के दौरान नए निर्माण में गिरावट आई. यह पिछले दो सालों के औसत की तुलना में 47% की गिरावट है. जबकि पहले पांच महीनों के दौरान नए नई इमरतों के परमिट में 27% की गिरावट दर्ज की गयी.

जर्मनी के सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक, पहली तिमाही में घर की कीमतों में सबसे अधिक गिरावट आई. यह एक साल पहले की तुलना में 6.8% तक कम हुई है. सितंबर में आने वाले आंकड़े स्थिति की गंभीरता के बारे में और जानकारी देंगे साथ ही निर्माण क्षेत्र की नौकरियों के बारे में ज्यादा साफतौर पर बता पाएंगे.

संपत्ति सलाहकार और विश्लेषण फर्म बुलविएंजेसा के मुख्य कार्यकारी स्वेन कार्स्टेंसन ने कहा, "मौजूदा संकट निश्चित रूप से अभी कुछ समय तक जारी रहेगा."

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क्यों आई मंदी ?

यूरोपीय सेंट्रल बैंक का ब्याज दरों में अचानक और तेजी से वृद्धि  संकट की अहम वजहों में से एक है. दरअसल, यह कई दशकों में उच्चतम मुद्रास्फीति की दर के कारण है. 

इसके अलावा, मकान बनाने की लागत भी बढ़ गई है.  महामारी के बाद कार्यालयों और रिटेल स्पेस की मांग कम हो गई है. यूक्रेन युद्ध ने विदेशी निवेशकों के लिए जर्मन संपत्ति में निवेश को लेकर खतरे पैदा कर दिए हैं.

ईवाई के सलाहकार फ्लोरियन श्वाल्म ने कहा, "यदि आप मध्य पूर्व से निवेशक हैं, तो जर्मनी यूक्रेन के काफी करीब है. मैं अमेरिका और एशिया को पैसा आवंटित करना चाहता हूं, जर्मनी को नहीं."

यूरोपीय सेंट्रल बैंक का ब्याज दरों में अचानक और तेजी से वृद्धि  संकट की अहम वजहों में से एक है. तस्वीर: Ralph Orlowski/Getty Images

क्या हैं परेशानियां?

यूक्रेन से लाखों प्रवासियों और शरणार्थियों के देश में आने से जर्मनी की जनसंख्या बढ़ी है. यहां प्रति वर्ष 400,000 अपार्टमेंट बनाने का लक्ष्य है. मगर इस ओर देश संघर्ष कर रहा है.

जर्मनी के नेता, मंत्रालय और संपत्ति उद्योग समाधान खोजने की कोशिश करने के लिए 25 सितंबर को चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ बैठक करेंगे.

कैसे हो सकता है सुधार?

पिछले हफ्ते, जर्मनी की आवास मंत्री क्लारा गेवित्स ने नए आवासीय भवनों के निर्माण की लागत पर अतिरिक्त कर में छूट देने का सुझाव दिया.

जर्मन प्रॉपर्टी फेडरेशन के अध्यक्ष, आंद्रेयास माटनर, सरकार पर संपत्ति बिक्री कर को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए दबाव डाल रहे हैं. साथ ही, नए आवासीय भवन के लिए कम ब्याज दर वाले क्रेडिट कार्यक्रम की मांग कर रहे हैं.

जर्मन कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री फेडरेशन के प्रमुख टिम-ओलिवर म्यूलर उपायों के एक आपातकालीन पैकेज पर जोर दे रहे हैं. इसमें सार्वजनिक भूमि पर प्रॉपर्टी बनाने के लिए सस्ती जमीन शामिल है.

 पीवाई/एनआर (रॉयटर्स)

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