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अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्रियों की सेना को चेतावनी

४ जनवरी २०२१

अमेरिका के सभी पूर्व रक्षा मंत्रियों ने मिल कर चिंता जताई है कि डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को होने वाले राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह से पहले सेना का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.

USA Präsident Donald Trump
तस्वीर: Saul Loeb/AFP

अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई राष्ट्रपति अपनी हार मानने को तैयार ही नहीं है. अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में हाल ही में ऐसे दो लेख छपे हैं जिनकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. एक में डॉनल्ड ट्रंप की उस फोन रिकॉर्डिंग का जिक्र है जिसमें वे जॉर्जिया प्रांत के शीर्ष चुनाव अधिकारी ब्रैड रैफेनस्पेर्गर पर गुस्सा उतार रहे हैं और उनसे अपनी जीत के लिए जरूरी करीब 12 हजार वोटों का इंतजाम करने को कह रहे हैं. तो, दूसरी ओर अमेरिका के सभी जीवित दस पूर्व रक्षामंत्रियों ने सेना को चुनावी विवाद से दूर रहने की चेतावनी दी है.

ऐसा भी अमेरिकी इतिहास में पहली बार ही हुआ है कि पूर्व रक्षा मंत्रियों को मिल कर सेना के लिए इस तरह का बयान जारी करना पड़ा हो. इसमें लिखा गया है कि सेना द्वारा उठाया गया कोई भी कदम "खतरनाक, गैरकानूनी और असंवैधानिक" होगा. दरअसल 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन शपथ ग्रहण करेंगे. नवंबर से अब तक ट्रंप जिस तरह की कोशिशें करते रहे हैं, उन्हें देखते हुए बहुत लोगों को शक है कि शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले ट्रंप कोई नया पैंतरा अपना सकते हैं.

एकजुट हुए रिपब्लिकन और डेमोक्रेट

हालांकि रक्षा मंत्रियों ने अपने लेख में एक बार भी ट्रंप का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने लिखा कि 3 नवंबर के चुनाव के बाद बार बार वोटों की दोबारा गिनती कराई गई, अदालत को भी बीच में लाया गया लेकिन नतीजा नहीं बदला. उन्होंने लिखा है, "नतीजों पर सवाल उठाने का वक्त अब खत्म हो चुका है." पूर्व रक्षा मंत्रियों ने चिंता व्यक्त की कि नतीजों को पलटने की कोशिश में सेना का इस्तेमाल किया जा सकता है, "चुनावी विवाद को निपटाने के लिए अगर अमेरिकी सेना का इस्तेमाल करने की कोशिश की जाएगी तो यह हमें एक खतरनाक, गैरकानूनी और असंवैधानिक क्षेत्र में पहुंचा देगा.. जो नागरिक और सैन्य अधिकारी ऐसा करेंगे या करने को कहेंगे, उन्हें हमारे गणतंत्र पर अपराध करने के जुर्म में सजा के लिए तैयार रहना होगा."

बंटे अमेरिका को क्या जोड़ सकेंगे जो बाइडेन

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इस लेख के छपने से पहले भी उच्च सैन्य अधिकारी खुल कर यह बात कहते रहे हैं कि सेना की जिम्मेदारी संविधान के प्रति है, किसी एक नेता या राजनीतिक दल के प्रति नहीं. यह बात भी दिलचस्प है कि जिन पूर्व रक्षा मंत्रियों ने इस लेख पर दस्तखत किए हैं वे डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियों से नाता रखते हैं. इनमें डिक चेनेय, विलियम पेरी, डॉनल्ड रम्सफेल्ड, विलियम कोहेन, रॉबर्ट गेट्स, लियोन पनेटा, चक हेगल, ऐश कार्टर, जेम्स मैटिस और मार्क एस्पर शामिल हैं. जेम्स मैटिस डॉनल्ड ट्रंप के पहले रक्षा मंत्री थे. 2018 में उन्होंने इस्तीफा दिया, जिसके बाद एस्पर को यह पद सौंपा गया लेकिन 3 नवंबर को हुए चुनाव के कुछ ही दिन बाद ट्रंप ने उन्हें इस पद से हटा दिया.

वायरल हुई ट्रंप की ऑडियो क्लिप

इस बीच वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा ही जारी की गई डॉनल्ड ट्रंप की ऑडियो क्लिप भी खूब चर्चा में हैं जिसमें वे जॉर्जिया के मुख्य चुनाव अधिकारी पर दबाव बनाते हुए कह रहे हैं, "जॉर्जिया के लोग गुस्से में हैं, इस देश के लोग गुस्से में हैं.. मैं सिर्फ इतना चाहता हूं. मैं सिर्फ 11,780 वोट ढूंढना चाहता हूं क्योंकि हम जीते हैं." इस ऑडियो क्लिप के सार्वजनिक होने से कुछ ही घंटे पहले ट्रंप ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि उन्होंने रैफेनस्पेर्गर के साथ फोन पर चुनाव में धांधली पर चर्चा की है. उन्होंने लिखा कि चुनाव अधिकारी "वोटर फ्रॉड" के बारे में उनके सवालों के कोई जवाब नहीं दे पाए, "उसे तो कुछ पता ही नहीं है."

आईबी/एके (एपी, रॉयटर्स)

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