दुनियाभर में पिछले एक साल से कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है. लाखों लोगों की मौत इस वायरस के कारण हुई है और करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए. कई देशों में वैक्सीन भी लगाई जा रही है. फेसबुक ने इसी के तहत एक नई पहल की है.
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दुनियाभर में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 12.94 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि 28.2 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीच कोविड-19 टीकाकरण अभियान का प्रचार करने और समर्थन करने के लिए फेसबुक ने गुरुवार को नए प्रोफाइल फ्रेम लॉन्च किए, जो यूजर्स को वैक्सीन लेने के लिए अपने दोस्तों और परिवार को प्रोत्साहित करने में सहायक होंगे.
सोशल मीडिया दिग्गज ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा है कि नए फ्रेम लोगों को विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने, टीकाकरण करवाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर सक्षम बनाएंगे.
फेसबुक ने कहा है कि नए फ्रेम यूजर्स को कोविड-19 वैक्सीन के लिए अपना समर्थन साझा करने की अनुमति देंगे. फीचर के हिस्से के रूप में फेसबुक ऐसे दोस्तों और परिवार के सदस्यों के न्यूज फीड में एक सारांश या समरी दिखाएगा, जो कोविड-19 वैक्सीन प्रोफाइल फ्रेम का उपयोग कर रहे हैं. फेसबुक ने अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (एचएचएस) और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के सहयोग से फ्रेम विकसित किया.
इस पहल के लिए तकनीकी दिग्गज ने कई सार्वजनिक हस्तियों के साथ भागीदारी की है. इसे हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं (एनएचएस) के साथ साझेदारी में ब्रिटेन में लॉन्च किया गया था.
क्या कर रही हैं पेरिस की सड़कों पर इतनी सारी बिल्लियां
कलाकृतियां संग्रहालयों में बंद कर दिए जाने से उकता गई हैं. यह कहना है बेल्जियम के कलाकार फिलिप्पे गेलुश का. इसीलिए उन्होंने बिल्लियों की 20 मूर्तियों को पेरिस की नामी सड़क शौन्जे लीजे पर लगा दिया. देखिए क्या नजारा है.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
बिल्ली से सीखिए अदा
फिलिप्पे गेलुश कहते हैं कि यह बिल्ली वो खुद हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "बस ये थोड़ी गोलमटोल है...यह खुद को एक पंख जैसा हलका महसूस करती होगी, लेकिन इसका वजन एक टन है." गेलुश कहते हैं कि इस मूर्ति को बनाने में उन्हें काफी मुश्किल हुई. उन्होंने बताया, "मैं अमूमन बिल्लियों की मूर्तियों के निचले हिस्से को कोट के नीचे छिपा देता हूं, लेकिन इसके पैरों को काफी तराशना पड़ा.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
हमेशा बारिश में, हर बेल्जियन की तरह
गेलुश कहते हैं कि यह मूर्ति साक्षात बेल्जियम ही है. वो समझाते हैं, "बेल्जियम में हमारे पास सब कुछ है: अच्छा मौसम, पर्याप्त संसाधन और एक समृद्ध धरोहर. फिर भी हम आपस में लड़ने पर बहुत ज्यादा ऊर्जा खर्च करते हैं." यह ऐसा ही है जैसे किसी के पास कई छतरियां होने के बावजूद वो बारिश से बच ना पाए, क्योंकि वो बारिश उसकी खुद की बनाई हुई है.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
बिल्ली का बदला
गेलुश चाहते हैं कि बिल्लियों के खिलाफ सड़क पर हिंसा का अंत होना चाहिए. इस कलाकृति को दिखा कर वो विनोद भाव से कहते हैं, "यह कभी कभार ही होता है कि एक गाड़ी एक बिल्ली के नीचे आ जाए. बीते कुछ समय में, हर तरह की कई गाड़ियां बिल्लियों के नीचे आ गई हैं."
तस्वीर: Lisa Louis/DW
'कैटलस'
यूनानी पौराणिक कथाओं में, ऐटलस को पूरी दुनिया का भार अपने कंधों पर लेना पड़ा था. गेलुश की इस बिल्ली को प्लास्टिक कचरे से भरी हमारी इस दुनिया का बोझ उठाना पड़ रहा है. जून से यह मूर्तियां फ्रांस के दूसरे शहरों में ले जाए जाएंगी और उसके बाद ये इटली, स्विट्जरलैंड और लक्जेमबर्ग का दौरा भी करेंगी. 2024 में ये बेल्जियम में अपने गंतव्य पर पहुंचेगी, जहां गेलुश बिल्लियों के लिए एक संग्रहालय बना रहे हैं.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
जो जीता वही सिकंदर
हर बिल्ली सिकंदर हो सकती है. गेलुश की गोलमटोल बिल्लियां भी. लेकिन सवाल हमेशा यही रहता है - आपका मुकाबला किससे है? इस प्रदर्शनी के लिए गेलुश ने खुद पैसों का इंतजाम किया, अपनी मूर्तियों को पहले से ही सस्ते दाम पर बेच कर. वो बताते हैं, "हर मूर्ति का दाम 3,00,000 यूरो है, मतलब सिर्फ 300 यूरो प्रति किलो!" 16 मूर्तियां पहले ही बिक चुकी हैं. चार को खरीदारों का इंतजार है.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
वजन उठाना
अपना वजन कम करने के लिए कई लोग कई तरह के खेल खेलते हैं. लेकिन यह बिल्ली अपना वजन कम कर ही नहीं पा रही है. कम से कम इसे एक प्रतिष्ठित जगह पर वजन उठाने और कसरत करने का मौका तो मिल रहा है. इन मूर्तियों को बनाने में गेलुश को दो साल लग गए.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
इस डॉक्टर से बच के
यह बिल्ली कहीं आपको मूर्ख ना बना दे! यह डॉक्टर बनी हुई है और इसे देख कर लगता है कि यह छोटे पंछियों की भी परवाह करती होगी. गेलुश कहते हैं, "उसके पीछे देखिये, वहां उसने एक फोर्क पकड़ा हुआ है! वो उस छोटी चिड़िया की देखभाल इसी लिए कर रही है ताकि वो बाद में उसे खा सके. यह बिल्ली हम इंसानों की तरह ही तो है - पहले हम एक काम करते हैं और बाद में ठीक उसका उल्टा."
तस्वीर: Lisa Louis/DW
सिर्फ मियाऊं तक सीमित नहीं
गेलुश कहते हैं कि यह बिल्ली उनकी सबसे पसंदीदा है. "मूर्तिकार अगस्ते रॉडिन ने आसान काम किया; उन्होंने सिर्फ 'द थिंकर' की मूर्ति बनाई. मैंने एक ऐसी मूर्ति बनाई है जो बोल भी सकती है." बातचीत के बुलबुले एक तरह से इस बिल्ली को आवाज देते हैं.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
कलाकारों को श्रद्धांजलि
इस मूर्ति की गेलुश की प्रदर्शनी में एक बड़ी भूमिका है. 2015 में एक आतंकी हमले में मारे गए शार्ली एब्दो पत्रिका के कार्टून बनाने वालों को याद करते हुए वो कहते हैं, "मैं अपने दोस्तों और सहयोगियों को श्रद्धांजलि देना चाह रहा था. हम आज भी उन्हें याद करके रो रहे हैं." बिल्ली के शरीर में भोंकि हुई पेंसिलों पर बैठे हुए पंछी विपत्तियों के बावजूद आज भी चहचहा रहे हैं.
तस्वीर: Lisa Louis/DW
बिल्लियों से आगे
गेलुश के विनोदपूर्ण बिल्लियों के पुतलों ने उन्हें पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया है. पिछले 30 सालों में उनकी कॉमिक एल्बमों की 1.4 करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं. यह तस्वीर पेरिस के हुबर्ट और ब्राइन संग्रहालय की है जहां उनके कार्टूनों की एक प्रदर्शनी लगी हुई है. - फिलिप्पे गेलुश