सोशल मीडिया साइट फेसबुक चलाने वाली कंपनी मेटा ने कहा है कि वह एक ऐसा नया फीचर शुरू कर रही है, जिसके जरिए वर्चुअल रिएलिटी में लोग एक दूसरे से निश्चित दूरी बनाए रख सकेंगे.
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मेटा ने नया ‘पर्सनल बाउंड्री' फीचर शुरू किया है जिसके जरिए वर्चुअल रिएलिटी में लोग एक दूसरे की निजी सीमा में ना जा सकें. कंपनी का कहना है कि मेटावर्स में ग्राहकों की सुरक्षा और यौन उत्पीड़न जैसी चिंताओं के मद्देनजर यह नया फीचर पेश किया गया है.
‘पर्सनल बाउंड्री' का फीचर ऐसा अहसास कराएगा कि लोगों के वर्चुअल अवतार एक दूसरे से करीब चार फुट दूर हैं. यह फीचर वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट के जरिए होराइजन वर्ल्ड्स और होराइजन वेन्यूज आदि ऐप्स में इस्तेमाल हो सकेगा.
अनचाहा संपर्क बंद
एक ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने कहा कि यह एक डिफॉल्ट सेटिंग होगी जो ग्राहकों के बीच अनचाही नजदीकी को सीमित कर देगी और लोगों के लिए किसी की निजता का सम्मान संभव हो पाएगा. बहुत से ग्राहकों ने ऐसी चिंताएं जाहिर की थीं कि वर्चुअल वर्ल्ड में लोग अपने अवतारों के जरिए एक दूसरे की निजता को भंग करते हुए उनके बेहद करीब जा सकते हैं. कुछ लोगों इसके जरिए यौन उत्पीड़न होने के खतरों के प्रति भी चिंता जताई थी.
भविष्य बदलने वाले 2021 के ट्रेंड
2021 में तकनीक एक कदम और आगे बढ़ गई. एक ऐसा कदम, जो समय बदल देने वाला तय होगा. इस कदम को समझाने वाले पांच ट्रेंड.
तस्वीर: Mateus Campos Felipe/Unsplash
कहां जा रही है दुनिया
वर्क फ्रॉम होम के जिस चलन की शुरुआत 2020 में कोविड के कारण हुई थी उसने 2021 में स्थायित्व हासिल किया. इस कारण कई ऐसी चीजें हुईं जो हमारे आने वाली जिंदगी की दिशा तय करेंगी.
तस्वीर: Jens Büttner/ZB/picture alliance
वेब 3.0
इंटरनेट की पहली पीढ़ी थी वेबसाइट और ब्लॉग. दूसरी पीढ़ी में आए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म. और अब जिक्र है तीसरी पीढ़ी का. ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित इस इंटरनेट में आम लोगों को अधिकार मिलेगा कि वे बड़ी टेक कंपनियों के फैसलों को प्रभावित करें. कॉन्टेंट क्रिएट करने वाले लोगों को वोटिंग जैसे अधिकार मिल सकते हैं.
तस्वीर: DW
मेटा
इस साल फेसबुक ने अपना नाम बदलकर मेटा रख लिया. फेसबुक का कहना है कि मेटावर्स भविष्य का इंटरनेट होगा. कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कई बार मेटावर्स की बात की है जो असल और डिजिटल जगत के बीच की दूरियों को मिटाने की बात करता है. इस तकनीक के तहत मनुष्य डिजिटल जगत में वर्चुअली प्रवेश कर सकेगा.
तस्वीर: Eric Risberg/AP/picture alliance
3D मीट
मांस के पर्यावरण पर बुरे असर के कारण शाकाहार की ओर बढ़ने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए हैं. थ्रीडी तकनीक इसमें मददगार साबित हुई. जैसे कि इस्राएल की एक कंपनी इस्राएल की एक कंपनी रीडिफाइन ने इस मीट की बिक्री भी शुरू कर दी है. रीडिफाइन ने इसे न्यू मीट यानी नया मांस बताया है. इसमें बर्गर, सॉसेज, लैम कबाब और बीफ जैसे तमाम तरह के विकल्प उपलब्ध हैं, जिन्हें थ्री डी प्रिंट किया जा रहा है
तस्वीर: Amir Cohen/REUTERS
साइबर वसूली
साइबर हमलों के लिहाज से 2021 इतिहास का सबसे महंगा और खतरनाक साल साबित हुआ. साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी सोनिकवॉल के मुताबिक सिर्फ अक्टूबर तक 49.5 करोड़ साइबर हमले हो चुके थे. इस साल कई बड़ी कंपनियों को हैकरों को पैसे देकर अपना डेटा छुड़वाना पड़ा. यह ट्रेंड और इससे बचने की कोशिशें दोनों ही भविष्य के रास्ते तय करने वाली होंगी.
तस्वीर: Jochen Tack/dpa/picture alliance
एनएफटी
2021 में अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसी मशहूर हस्तियों ने अपने-अपने एनएफटी लाने की बात कही. अमिताभ बच्चन की एनएफटी में उनके दस्तखत किए उनकी ही फिल्मों के पोस्टर भी शामिल होंगे. सलमान खान ने ट्विटर पर अपने 4.3 करोड़ फॉलोअर्स को एनएफटी के लिए तैयार रहने को कहा है. एनएफटी डिजिटल संपत्ती होती है, जिसे ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए संभाला जाता है.
तस्वीर: Colourbox
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फेसबुक इंक ने पिछले साल ही अपना नाम बदलकर मेटा रख लिया था और कहा था भविष्य के इंटरनेट को ध्यान रखते हुए कंपनी अब मेटावर्स में निवेश करना चाहती है. दुनियाभर की तकनीकी कंपनियां इस वक्त मेटावर्स में ही भविष्य खोज रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भविष्य का इंटरनेट हो सकता है, जिसमें वर्चुअल रिएलिटी और अन्य तकनीकों की मिश्रण कर संवाद यानी एक दूसरे से बातचीत एक अलग स्तर पर पहुंच जाएगी.
इस रूप में देखा जाए तो कल्पना की कोई सीमा नहीं है. मिसाल के तौर पर अब आप वीडियो कॉल करते हैं. मेटावर्स में आप वीडियो कॉल के अंदर होंगे. यानी आप सिर्फ एक दूसरे को देखेंगे नहीं, उसके घर, दफ्तर या जहां कहीं भी हैं, वहां आभासी रूप में मौजूद होंगे. और यह सिर्फ एक मिसाल है.
ऑनलाइन होने वाली हर गतिविधि को आप इसी संदर्भ में देख सकते हैं. भविष्य की तकनीक पर निगाह रखने वाली विक्टोरिया पेटरॉक कहती हैं कि इसमें शॉपिंग से लेकर सोशल मीडिया तक सारी ऑनलाइन एक्टविटीज शामिल होंगी. पेटरॉक के शब्दों में, "संपर्क का यह अगला स्तर है, जहां सारी चीजें एकसाथ एक आभासी दुनिया का हिस्सा बन जाएंगी. तो जैसे आप असल जिंदगी जीते हैं, वैसे ही वर्चुअल जिंदगी जिएंगे.”
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कैसे काम करेंगे नए फीचर
मेटा ने कहा है कि नया फीचर पहले से मौजूद ‘हस्त-उत्पीड़न उपायों' (Hand Harassment Measures) का नया स्तर होगा. अब यदि कोई व्यक्ति अपने अवतार के जरिए अपने हाथों को अन्य अवतार के नजदीक लेकर जाता है तो वे हाथ गायब हो जाते हैं. मेटा ने ‘सुरक्षित क्षेत्र' या सेफ जोन फीचर भी दिया हुआ है जिसमें लोग अगर किसी तरह का खतरा महसूस करें तो अपने चारों ओर एक गोला बना सकते हैं.
जंगल की वर्चुअल सैर
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मेटा के लिए होराइजन के उपाध्यधक्ष विवेक शर्मा ने ब्लॉग में कहा कि कंपनी मानती है कि नए फीचर लोगों के लिए व्यवहार के नए मानक स्थापित करने में मददगार साबित होंगे. उन्होंने कहा, "यह एक जरूरी कदम है. और इसके अलावा भी अभी बहुत कुछ करना बाकी है. हम ऐसे नए रास्ते तलाशना जारी रखेंगे जिनके जरिए वीआर में लोगों को सहज महसूस करवाया जा सके.”
उन्होंने कहा कि भविष्य में लोगों को अपने निजी क्षेत्र की सीमा कम या ज्यादा करने का विकल्प देने पर भी विचार किया जा सकता है. फिलहाल तो अन्य अवतारों के साथ हाई-फाइव या फिस्ट-बंप करने के लिए लोगों को हाथ ही बढ़ाना होगा.
रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)
कैसे पहचानें 'डीपफेक'
जैसे जैसे टेक्नोलॉजी प्रगति कर रही है, असली तस्वीरों और 'डीपफेक' में फर्क करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. फिर भी कुछ सुराग जरूर हैं जिनका इस्तेमाल करके आप इनका पता लगा सकते हैं. पेश हैं ऐसा करने के कुछ तरीके.
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
चेहरों के कोनों को देखिए
डच नेता मार्क रट की इस तस्वीर को देखिए. उनकी कॉलर पर एक सिकुड़न दिखाई दे रही है. जब डीपफेक में चेहरे बदले जाते हैं तो उनमें इसी तरह की असंगतियां रह जाती हैं. ये अधिकतर तब नजर आती हैं जब बदले हुए हिस्से के कोने कपड़ों, बालों या गहनों के नजदीक हों.
तस्वीर: De Correspondent
झुमकों से भी मिलते हैं सुराग
इस तस्वीर में दोनों कानों के झुमके एक दूसरे से काफी अलग हैं. जेनेरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (जीएन) के लिए जटिल गहनों की बारीकियों को बनाना मुश्किल होता है. वो अक्सर कानों में अलग अलग झुमके छोड़ देता है जबकि अधिकांश लोग झुमकों को इस तरह नहीं पहनते हैं. इसके अलावा अगर आप गौर से उस बिंदु को भी देखेंगे जहां झुमका कान से लटकता है तो आपको दिख जाएगा की तस्वीर असली है या डीपफेक.
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
चश्मों का रहस्य
अगर आप गौर से नहीं देखेंगे तो शायद आप इस बात पर ध्यान नहीं दे पाएंगे कि इस तस्वीर में जो चश्मा है उसके दाहिने तरफ का फ्रेम बाएं फ्रेम से अलग है. एक फ्रेम ज्यादा अंडाकार है तो दूसरा ज्यादा आयताकार. क्या आपने इस पर ध्यान दिया?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
पीछे का दृश्य भी बताता है कहानी
पीछे के ऐसे दृश्यों पर कभी भरोसा मत कीजिए जो फोकस की गहराई की कमी से धुंधला दिखने की जगह मंगल गृह की सतह जैसे दिखते है. जैसे इस तस्वीर में पीछे के दृश्य को देखिए. यहां क्या हो रहा है? ये कहां की तस्वीर हो सकती है? क्या आप इस पर भरोसा कर पा रहे हैं?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
दांतों से संकेत
जीएन के लिए दांतों की बनावट की भी कल्पना करना मुश्किल है. कभी कभी साफ दिखाई दे रहा होता है कि दांत अलग अलग आकार के हैं और उनके कोने भी साफ नजर नहीं आ रहे हैं. क्या आप इस तस्वीर में ऐसे दांत देख पा रहे हैं?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
कपड़ों पर भी नजर डालिए
कपड़ों में काफी विविधता होती है और सब लोग अलग अलग तरह के कपड़े पहनते हैं. लेकिन यहां क्या हो रहा है? क्या ऐसा नहीं लग रहा है कि इस व्यक्ति के गले के बाल उसकी शर्ट के ऊपर जा रहे हैं? क्या ऐसा हो सकता है? क्या यह एक शर्ट है? क्या आप इस पर भरोसा कर सकते हैं?
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बाल भी बताते हैं असलियत
संभव है कि यह पकड़ने में सबसे मुश्किल डीपफेक हो. क्या आप माथे पर बालों को उगते देखने की उम्मीद रखते हैं? क्या आप सुराग को देख पाए? (जूलिया बायर)