नए आंकड़ों से पता चलता है कि यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था रही जर्मनी में औद्योगिक उत्पादन गिर रहा है. आर्थिक वृद्धि को लेकर पहले से ही चिंताएं जताई जा रही हैं और अब तो आर्थिक मंदी की संभावना पर भी बात होने लगी है.
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अमीर से अमीर देश में सरकारी दफ्तरों या सुविधाओं की हालत खस्ता पाई जाती है. जैसे कि जर्मनी जैसी मजबूत आर्थिक शक्ति वाले देश के प्रमुख नेताओं को ले जाने वाला सरकारी हवाईजहाज.
जर्जर हाल में सरकारी हवाईजहाज
अमीर से अमीर देश में सरकारी दफ्तरों या सुविधाओं की हालत खस्ता पाई जाती है. जैसे कि जर्मनी जैसी मजबूत आर्थिक शक्ति वाले देश के प्रमुख नेताओं को ले जाने वाला सरकारी हवाईजहाज.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Carstensen
जी20 में लेट
जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने निकली जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को अर्जेंटीना पहुंचने में देरी हो गई. कारण उनका सरकारी हवाईजहाज रहा जिसे उड़ान के बीच में एक और हवाईअड्डे पर उतारना पड़ा. यह एयरबस ए340-300 प्लेन है जिसे "कोनराड आडेनावर" नाम दिया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Berg
चूहों का प्रकोप
एक महीने पहले भी एक बैठक से लौट रहे जर्मन वित्त मंत्री का ले जा रहे "कोनराड आडेनावर" को अचानक इंडोनेशिया में उतारना पड़ा था. प्लेन में बिजली की तारों में घुसकर चूहों ने कुतर कुतर कर चीजें खराब कर दी थीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/G, Ismar
अफ्रीका में परेशानी
जर्मन सरकार के पास "कोनराड आडेनावर" जैसे और भी जहाज हैं जिनकी हालत खस्ता मानी जा सकती है. जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर जब अफ्रीका के कई देशों के दौरे पर थे, तब उनके एयरबस A340 "थियोडोर हायस" जेट को कई बार तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
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राष्ट्रपति भी फंसे
जर्मन राष्ट्रपति श्टाइनमायर जब "कोनराड आडेनावर" के साथ बेलारूस के दौरे पर जाने वाले थे, तब भी उनकी यात्रा में देरी होने का कारण प्लेन के हाइड्रॉलिक सिस्टम में खराबी आई थी. (डेविस फान ओपडॉर्प/आरपी)