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समाज

इधर निकाह, उधर खुद को आत्मघाती हमले में उड़ाया

२ अप्रैल २०२१

28 मार्च को इंडोनेशिया के सुलावेसी प्रांत की राजधानी मकासर में सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च के पास आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले को अंजाम ऐसे पति और पत्नी ने दिया था जिनकी हाल में शादी हुई थी.

Indonesien Makassar | Anschlag vor katholischer Kirche
तस्वीर: via REUTERS

पाम संडे के मौके पर इंडोनेशियाई कैथेड्रल के बाहर नई शादी के बंधन में बंधी जोड़ी ने एक आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था. वे इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह से प्रभावित थे. इस हमले में 20 लोग घायल हुए थे और पति और पत्नी की मौत हो गई थी. पिछले साल अगस्त में मोहम्मद लुकमान की शादी हुई थी. शादी लुकमान के इस्लामी प्रार्थना समूह के प्रमुख रिजाल्दी के घर पर हुई थी. रिजाल्दी का घर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर स्थित है. शादी को कुछ महीने ही बीते होंगे और दोनों शौहर और बीवी ने प्रेशर कुकर बम छाती पर बांधकर मकासर में सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल के बाहर खुद को उड़ा लिया. जनवरी महीने में रिजाल्दी की आतंक रोधी बल के साथ मुठभेड़ में मौत हुई थी. दोनों की शादी रिजाल्दी के घर पर ही हुई थी.

नई-नई शादी वाले आत्मघाती हमलावर ही इस हमले में मारे गए. लेकिन यह वारदात दक्षिण पूर्व एशिया में एक ऐसी तस्वीर पेश करती है जिससे पता चलता है कि इस्लामिक स्टेट की खतरनाक विरासत है और क्षेत्र में व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध धार्मिक चरमपंथियों को साथ बांधे हुए हैं. सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में आईएसआईएस के समर्थक दो साल बाद भी खतरा बने हुए, जबकि सीरिया और इराक में इस समूह की हार हुई है. हाल के साल में इंडोनेशिया में इस तरह से पति और पत्नी आत्मघाती हमलावरों द्वारा यह तीसरी घटना है.

मकासर में सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च के पास आत्मघाती हमला हुआ था. तस्वीर: Masyudi S. Firmansyah/AP/picture alliance

साल 2018 में छह सदस्यीय परिवार ने सुराबाया के जावानीस शहर के अलग-अलग चर्चों में बम बांधकर खुद को उड़ा लिया था. इन हमलों में 28 लोगों की मौत हुई थी. सीरियल ब्लास्ट को पति, पत्नी और उनके चार बच्चों ने अंजाम दिया था.

इसके एक साल के भीतर ही उल्फा हंदनयानी सलेह और उसके पति रूली रियान जेके ने फिलीपींस में कैथेड्रल में खुद को उड़ा लिया, जिसमें 23 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग घायल हुए. उल्फा, रिजाल्दी की बहन थी जिसके घर पर मकासर के हमलावरों का निकाह हुआ था. 

एस राजरत्नम स्कूल ऑफ इंटरनैशल स्टडीज में फेलो नूर-उल हुदा कहते हैं, "यह आईएसआईएस की अनूठी विरासत है, जिसके उदय को बढ़ावा पारिवारिक आतंकवाद से मिलता है." वे कहते हैं, "कई इंडोनेशियाई आईएसआईएस में बतौर परिवार के सदस्यों के रूप में शामिल हुए."

जकार्ता स्थित इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी एनालिसिस ऑफ कॉन्फ्लिक्ट की निदेशक सिडनी जोंस के मुताबिक आईएसआईएस में शामिल होने के लिए 1,100 से अधिक इंडोनेशियाई देश छोड़कर चले गए जिनमें कई परिवार भी है. वे कहती हैं कि आईएसआईएस की हार के बाद सैकड़ों लोगों को साल 2019 में निर्वासित या वापस देश भेज दिया गया.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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