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इस्राएली बस्तियों के खिलाफ प्रदर्शन में अमेरिकी महिला की मौत

७ सितम्बर २०२४

शुक्रवार को पश्चिमी तट पर प्रदर्शन के दौरान एक तुर्क-अमेरिकी महिला की मौत हो गई. आरोप है कि इस्राएली सैनिकों की गोली, महिला के सिर में लगने से मौत हुई. गाजा में इस्राएल और हमास का युद्ध 12वें महीने में प्रवेश कर गया है.

अस्तपताल में महिला के शव के साथ जमा परिजन और आम लोग
तुर्क अमेरिकी महिला पश्चिमी तट में इस्राएली बस्तियों के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा ले रही थीतस्वीर: REUTERS

पश्चिमी तट पर इस्राएली बस्तियों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मारी गई तुर्क-अमेरिकी महिला के परिवार ने इस घटना की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. परिवार ने इस्राएली सेना पर "क्रूरता" से हत्या करने का आरोप लगाया है. 

26 साल की एइसेनुर एजगी एइगी को शुक्रवार, 6 सितंबर को पश्चिमी तट के बेइता में एक प्रदर्शन के दौरान "सिर में गोली मारी गई." एइगी के परिवार ने बयान जारी कर कहा है, "हमारे परिवार में उसकी मौजूदगी को बिना किसी वजह के, गैरकानूनी तरीके और क्रूरता के साथ इस्राइली सेना ने छीन लिया."

बयान में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी नागरिक एइसेनुर जब न्याय के लिए शांति से खड़ी थी, तभी एक गोली ने उसकी जान ले ली, जो वीडियो में दिख रहा है कि इस्राएली सेना की तरफ से आई थी.

परिवार का कहना है, "हम राष्ट्रपति बाइडेन, उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अमेरिकी नागरिक की गैर-कानूनी हत्या की स्वतंत्र जांच और दोषियों की पूरी जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हैं."

रफीदिया अस्पताल ने महिला के गोली लगने से मौत की घोषणा कीतस्वीर: Aref Tufaha/AP Photo/picture alliance

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महिला के सिर में लगी गोली

इस्राएली सेना का कहना है कि उसने, "प्रदर्शन के दौरान सेना की तरफ पत्थर फेंक कर हिंसा भड़काने और सेना के लिए खतरा बनने वाले प्रमुख प्रदर्शनकारी की ओर गोली चला कर जवाब दिया था." एइगी फलस्तीन समर्थक इंटरनेशनल सॉलिडैरिटी मूवमेंट (आईएसएम) की सदस्य थीं. आईएसएम के मुताबिक, वह शुक्रवार को इस्राएली बस्तियों के खिलाफ एक साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन के लिए बेइता में आई थीं.

हाल के वर्षों में फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बेइता के सामने मौजूद एवियातार बस्तियों के खिलाफ अकसर साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन किए हैं. इन बस्तियों को इस्राएल के धुर-दक्षिणपंथी मंत्रियों का समर्थन हासिल होने की बात कही जाती है. अरब इस्राएल विवाद में इन बस्तियों की बड़ी भूमिका है.

संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय और रफीदिया अस्पताल के मुताबिक, शुक्रवार के प्रदर्शन के दौरान एइगी को सिर में गोली मारी गई. रफीदिया अस्पताल में ही एइगी को मृत घोषित किया गया. तुर्की का कहना है कि एइगी को "इस्राएली कब्जा सैनिकों" ने मारा है. राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने इस्राएली कार्रवाई को "क्रूर" बताते हुए इसकी निंदा की है.

शुक्रवार को ही नबलूस के दक्षिण पूर्व में मौजूद क्वारिओट टाउन के 13 साल के फलस्तीनी बाना बाकर की भी मौत हुई तस्वीर: Jaafar Ashtiyeh/AFP/Getty Images

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स्वतंत्र जांच की मांग

अमेरिका ने इसे "दुखद" घटना बताते हुए इस्राएल पर इसकी जांच के लिए दबाव बनाया है. हालांकि पीड़ित परिवार इसकी स्वतंत्र जांच कराने की मांग कर रहा है. परिवार का कहना है, "एयसेनुर की हत्या जिन परिस्थितियों में हुई है, उनमें इस्राएली जांच पर्याप्त नहीं" है. पीड़ित परिवार का कहना है कि एइगी ने हमेशा "फलस्तीनी लोगों के खिलाफ हिंसा बंद करने की" वकालत की थी.

पश्चिमी तट पर इस्राएली बस्तियों में करीब 4,90,000 लोग रहते हैं. इन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून के लिहाज से गैरकानूनी कहा जाता है. 7 अक्टूबर को इस्राएल पर हमास के हमले के बाद गाजा में युद्ध चल रहा है. फलस्तीनी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस दौरान इस्राएली सैनिकों ने पश्चिमी तट में 690 फलस्तीनी लोगों को मारा है.

उधर इस्राएली अधिकारियों का कहना है कि इसी दौर में हमास की तरफ से हुए हमलों में 23 इस्राएली लोगों की मौत हुई है. इनमें सुरक्षा बलों के जवान और अधिकारी भी शामिल हैं.

पश्चिमी तट में इस्राएली सेना एंबुलेंसों के जाने से पहले उनकी तलाशी लेती हैतस्वीर: RONALDO SCHEMIDT/AFP

12वें महीने में पहुंचा युद्ध

इस्राएल और हमास के बीच चल रहा युद्ध शनिवार को 12वें महीने में प्रवेश कर गया. फिलहाल ना तो इसके थमने और ना ही हमास की कैद में बंद इस्राएली लोगों की रिहाई के कोई आसार नजर आ रहे हैं. ऐसा युद्धविराम जो हमास की कैद में मौजूद बंधकों को रिहा करा दे और उसके बदले में इस्राएल कैदियों को छोड़ दे, बहुत मुश्किल लग रहा है. दोनों पक्ष अपने रुख में नरमी बरतने का कोई संकेत नहीं दे रहे हैं.

हमास ने पूरी तरह से इस्राएली सेना के गाजा से बाहर जाने की शर्त रखी है. जबकि इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू गाजा-मिस्र की सीमा पर एक पट्टी में कुछ सैनिकों को तैनात करने पर जोर दे रहे हैं. अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थता के जरिए युद्ध विराम कराने की कोशिश में हैं. गाजा के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब तक के युद्ध में कुल मिला कर 40,939 लोगों की मौत हुई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.

हमास के हमले में इस्राएल के आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, अब तक 1,205 लोगों की मौत हुई है. इनमें ज्यादातर आम लोग थे और इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी मौत हमास के कब्जे में हुई. हमास ने जिन 251 लोगों को बंधक बनाया था, उनमें 97 अब भी आधिकारिक तौर पर गाजा में हैं. इनमें से 33 वे लोग भी हैं जिनकी इस्राएली सेना के मुताबिक मौत हो चुकी है.

एनआर/आरएस (एएफपी, रॉयटर्स)

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