1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

अडिग किसानों ने आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

आमिर अंसारी
१० दिसम्बर २०२०

तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अडिग किसानों ने केंद्र का प्रस्ताव खारिज कर दिया है. किसान आंदोलन का आज 15वां दिन है, इस बीच किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है.

तस्वीर: Seerat Chabba/DW

बुधवार 9 दिसंबर को केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को लिखित में प्रस्ताव पेश किए लेकिन उन्हें मनाने में वह नाकाम रही है. सरकार ने जो प्रस्ताव किसान संगठनों को भेजे हैं उनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आधारित मौजूदा खरीद व्यवस्था को जारी रखने का लिखित आश्वासन भी शामिल है. सरकार ने नए कृषि कानूनों में अन्य बहुत से बदलावों की भी पेशकश की, जिनमें विनियमित एपीएमसी के बाहर निजी मंडियों को पंजीकृत करने और शुल्क लगाने का राज्यों को अधिकार देना और मौजूदा विवाद समाधान व्यवस्था से संतुष्ट न होने पर किसानों को अदालत में जाने का विकल्प देना आदि शामिल हैं. लेकिन किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानून को पूरी तरह से रद्द करे क्योंकि इससे कृषि के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा. उनकी दूसरी मांग है कि एमएसपी को गारंटी बनाया जाए, इसके लिए बिल लाकर कानून बनाया जाए, मंडी समितियों से किसान की उपज की खरीद प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए. किसानों की मांग है कि बिजली संशोधन विधेयक 2020 नहीं लाया जाना चाहिए क्योंकि इससे किसानों को सब्सिडी नहीं मिल पाएगी. एक और अहम मांग किसानों की ओर से की गई है वह है कि पराली जलाने पर जो जुर्माने का प्रावधान है उसका उपयुक्त समाधान किया जाए.

हाईवे जाम करने की तैयारी

सरकार ने कृषि कानूनों में बदलाव करने समेत 20 पेज का प्रस्ताव किसानों को भेजा था, लेकिन बात बनने की बजाय ज्यादा बिगड़ गई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि एमएसपी के मसले पर सरकार किसानों को आश्वासन देने को तैयार है. वहीं किसान नेताओं का कहना है कि वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा उससे कम पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. सरकार और किसान नेताओं के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है और अब तक मसला हल नहीं हो पाया है.

प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने अपने आंदोलन को और उग्र करने की घोषणा की है. किसान संगठनों का कहना है कि उन्होंने सरकार के रुख को देखते हुए अपने आंदोलन को तेज करने का फैसला किया है. 14 दिसंबर को किसान देशभर में धरना देंगे और 12 दिसंबर को देशभर में टोल नाका फ्री कर देंगे. साथ ही उन्होंने दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करने की चेतावनी दी है. बीजेपी के नेताओं के बहिष्कार का भी किसानों ने ऐलान किया है. किसान संगठनों के मुताबिक, "प्रस्ताव में नया कुछ नहीं है. अगर कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो हम एक-एक कर दिल्ली जाने वाले रास्ते जाम कर देंगे. इसकी शुरुआत दिल्ली-जयपुर हाईवे को 12 दिसंबर को जाम करने के साथ होगी."

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें