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हेलसिंकी में एक साल से सड़क हादसे में कोई मौत नहीं

केंड्रिक हाइंत्स
२४ अगस्त २०२५

फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में एक साल से सड़क दुर्घटना में कोई मौत नहीं हुई है. ये कमाल स्मार्ट, डेटा आधारित अर्बन प्लानिंग का है.

30 किमी प्रतिघंटा की स्पीड लिमिट वाला साइन बोर्ड
तस्वीर: Robin van Lonkhuijsen/ANP/picture alliance

शून्य. यह पिछले 12 महीनों के दौरान हेलसिंकी में सड़क हादसों में मारे गए लोगों की संख्या है.

नॉर्वे की राजधानी ओस्लो ने भी 2019 में यह उपलब्धि हासिल की थी. लेकिन लगभग 6,90,000 की आबादी वाला हेलसिंकी ऐसा लक्ष्य हासिल करने वाले सबसे बड़े शहरों में शामिल हुआ है. महानगर में सड़क दुर्घटना में आखिरी मृत्यु जुलाई 2024 में हुई थी. बीते साल में जुलाई तक हेलसिंकी में कुल चार जानलेवा सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं. बर्लिन और लंदन जैसे महानगरों के मुकाबले यह दर अपने आप में काफी कम है.

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हेलसिंकी शहर के ट्रैफिक इंजीनियर और रोड प्लानर, रोनी उट्रिआइनेन के मुताबिक इस सफलता के कई कारण हैं. लेकिन सबसे निर्णायक वह स्पीड लिमिट को 30 किमी प्रतिघंटा करने के फैसले को मानते हैं.

डीडब्ल्यू से बातचीत में उट्रिआइनेन ने कहा, "मुझे लगता है कि ये सबसे अहम कदम है. सिर्फ स्पीड लिमिट घटाना ही पर्याप्त नहीं है, लेकिन यह बेहद महत्वपूर्ण कदम जरूर है."

हेलसिंकी ने सड़कों को बच्चों, पदयात्रियों और साइकिल सवारों के लिए बेहद सुरक्षित बनायातस्वीर: Mikko Palonkorpi/Pond5 Images/IMAGO

हेलसिंकी का लक्ष्य, 2050 तक कोई जानलेवा सड़क हादसा नहीं

हेलसिंकी की कामयाबी, यूरोपीय संघ के "विजन जीरो" प्रोग्राम से मिलती है. इस कार्यक्रम के तहत, 2050 तक घातक सड़क हादसों को शून्य करने का लक्ष्य है.

इस मंजिल तक पहुंचने के लिए हेलसिंकी के शहर प्रशासन ने एक ट्रैफिक सेफ्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया. इसके तहत सड़कों को सुरक्षित बनाना और उन पर सामाजिक रूप से जिम्मेदारी भरा व्यवहार करना शामिल किया गया.

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शहर जानना चाहता है कि बच्चों, पदयात्रियों और साइकिल सवारों के लिए सबसे अहम और सुलभ रास्ते कौन से हैं. इन रास्तों की पहचान करने के बाद उनके आधारभूत ढांचे को ऐसे बदला जा रहा है कि घातक दुर्घटनाएं ना के बराबर हों. वहां बेहतर रोशनी के साथ अच्छी गाइडलाइंस को भी अमल में लाया जा रहा है. हेलसिंकी दूसरे शहरों और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर भी समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है.

उट्रिआइनेन मानते हैं कि सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल, सड़कों पर कारों की संख्या घटाता है और फिलहाल यह उनकी प्राथमिकता है.

नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डैम भी 80 फीसदी सड़कों को जोन 30 में बदल चुकी हैतस्वीर: Sem van der Wal/ANP/picture alliance

हादसे रोकने के लिए डेटा की मदद

हेलसिंकी दुर्घटनाओं और ड्राइविंग स्पीड का डेटा जमा करता है. इसके साथ ही प्रशासन, आम लोगों से जोखिम और अंधकार भरी जगहों का फीडबैक देने की अपील भी करता है.

इस डेटा से यह समझने में मदद मिलती है कि शहर के ट्रैफिक का बहाव कैसा चल रहा है और उसमें किस तरह के बदलाव किए जाने चाहिए. पदयात्रियों और साइकिल सवारों के लिए रूट प्लान करने और तिराहों-चौराहों को सुरक्षित बनाने में भी यह डेटा मदद करता है.

उट्रिआइनेन कहते हैं, "फिनलैंड में स्पीड संबंधी कानून का जिम्मा पुलिस का है, लेकिन पुलिस के लिए शहर में कंट्रोल प्वाइंट बनाने की जिम्मेदारी शहर की है."

हेलसिंकी में इस वक्त 60 फिक्स्ड कंट्रोल प्वाइंट्स हैं, जिनमें कैमरा लगा है. ज्यादातर स्पीड कैमरे 40 किमी या इससे ज्यादा रफ्तार वाली सड़कों पर लगे हैं.

कई विशेषज्ञों को लगता है कि भविष्य में आईए के अच्छे इस्तेमाल से भी सड़क हादसों को काफी नीचे लाया जा सकता है.

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