दुनिया भर में कोरोना वायरस के चलते गिरजाघर, सिनेगॉग, मस्जिद और मंदिर बंद हो रहे हैं, धर्म प्रचारक ईश्वर के संदेश को ऐसे लाखों लोगों तक ऑनलाइन पहुंचाना सुनिश्चित कर रहे हैं जो महामारी के कारण अलग-थलग हो चुके हैं.
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इंस्टाग्राम पर सर्विस स्ट्रीम की जा रही है, वीडियो लिंक के जरिए प्रार्थना साझा किए जा रहे हैं, मोबाइल फोन पर तरह-तरह के धार्मिक संदेश शेयर किए जा रहे हैं ताकि ऐसे लोगों को आध्यात्मिक सहारा दिया जा सके जिन्हें महामारी के कारण प्रार्थना करने की जगह नहीं मिल रही है. कैलिफोर्निया के सैन डिएगो स्थित चर्च के वरिष्ठ पादरी कहते हैं,"क्योंकि मैं शारीरिक रूप से आपके करीब नहीं हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं भावनात्मक रूप से आपके करीब नहीं हो सकता हूं."
इस चर्च ने रविवार से चर्च में होने वाली प्रार्थना ऑनलाइन कर दी है. समाचार एजेंसी थॉमसन रॉयटर्स से वीडियो इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "कमरे में किसी के साथ होना अच्छा होता है...लेकिन ऑनलाइन सर्विस हमें एक मौका देती है कि हम लोगों के पास अधिक रहें क्योंकि हम उनके साथ उनकी जेब में रहते हैं."
कोरोना वायरस का असर ऐसा है कि अब तक दुनिया भर में 10 हजार के करीब लोगों की मौत हो चुकी है और मामले ढाई लाख के पास पहुंच चुके हैं. कोरोना वायरस की तुलना अब विश्व युद्ध द्वितीय और 1918 के स्पैनिश फ्लू से की जा रही है. इटली में कैथोलिक आबादी अधिक है और पादरी तकनीक का सहारा ले रहे हैं. चीन के बाद यहां कोरोना वायरस के चलते सबसे अधिक मौत हुई है. जब 23 फरवरी को खबर आई कि मिलान के आसपास में होने वाली सामूहिक प्रार्थनाएं रद्द कर दी जाएंगी तब पादरी फैबियो जैनिन को लोगों से जुड़े रहने का नया विचार आया. मोबाइल फोन और युवा सदस्यों के साथ उन्होंने इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया और रोजाना सर्विस शुरू कर दिया. इस तरह से उन्होंने बंद दरवाजों के पीछे से सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक उपदेश दिए. जैनिन कहते हैं, "हमें लगा कि यह सिर्फ कुछ ही दिनों के लिए होगा, लेकिन कुछ दिनों में पूरी दुनिया में उथल-पुथल शुरू हो गई."
जापान से लेकर अमेरिका तक कई धार्मिक समूहों ने प्रार्थनाएं रद्द करते हुए उसे ऑनलाइन स्थानांतरित कर दिया. जैसे-जैसे शहरों का हाल बदल रहा है वैसे-वैसे समुदायों को साथ जोड़ने की कवायद तेज हो गई है. वहीं अमेरिका में बौद्ध धर्म से जुड़ी पत्रिका ट्राईसाइकिल ने लोगों की चिंता को दूर करने के लिए ध्यान लगाने के तरीके ऑनलाइन प्रकाशित किए हैं.
सोशल मीडिया पर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कई तरह के नुस्खे बताए जा रहे हैं.लेकिन अगर आप सच में कोरोना से बचना चाहते हैं तो सिर्फ यही टिप्स काम आएंगी. ध्यान से पढ़ें..
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सोशल डिस्टैन्सिंग
2020 में शायद यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द साबित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र के नाम अपने संदेश में इस पर जोर दिया. सोशल डिस्टैन्सिंग मतलब किसी भी व्यक्ति से कम से कम एक या मुमकिन हो तो दो मीटर की दूरी बना के रखें.
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हाथ धोएं
बार-बार साबुन से हाथ धोएं. साबुन को कम से कम बीस सेकंड तक हाथों पर मलें. वायरस को हटाने के लिए इतना वक्त जरूरी है. हथेली के साथ-साथ कलाई पर भी साबुन लगाए.
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नमस्ते
हाथ मिलाना वायरस के फैलने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. इस बीच पश्चिमी देश भी भारत के नमस्ते का इस्तेमाल करने लगे हैं. जब तक कोरोना का खतरा पूरी तरह नहीं टल जाता, दुनिया भर के लोगों को हाथ मिलाने और गले लगने से बचना होगा.
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चेहरे को ना छुएं
कोरोना वायरस नाक, मुंह और आंखों के रास्ते से शरीर में प्रवेश करता है. ऐसे में अगर आपने अनजाने में संक्रमित सतह को छुआ है और हाथ नहीं धोया है, तो चेहरे को छूने से आप संक्रमित हो सकते हैं.
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दस्ताने पहनें
इस वक्त सब लोगों का ध्यान मास्क खरीदने पर है जबकि जानकारों का कहना है कि सामान्य मास्क वायरस को रोक नहीं सकते. बेहतर होगा अगर मास्क की जगह दस्ताने खरीदें. लेकिन इन्हें बार-बार बदलना जरूरी है.
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खांसने और छींकने का तरीका बदलें
ज्यादातर लोग खांसते या छींकते वक्त मुंह के आगे हाथ रख लेते हैं. हाथ की जगह बाजू का इस्तेमाल करें और कोहनी की ओर मुंह कर के आस्तीन में खांसें या छींकें. कपड़े धुलने के साथ वायरस भी धुल जाएगा.
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रुमाल की जगह टिश्यू
अगर आपको रुमाल जेब में रखने की आदत है, तो इसे बदलें और कागज के टिश्यू का इस्तेमाल करें. इस्तेमाल के बाद इसे फौरन कूड़ेदान में फेंक दें. नहीं तो टिश्यू या रुमाल के साथ वायरस भी आपकी जेब में रह जाएगा.
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घर पर रहें
भीड़ वाली जगहों से दूर रहें. जब तक बहुत जरूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें. नौकरीपेशा लोगों के लिए सभी कंपनियां अब घर से ही काम करना मुमकिन बना रही हैं.
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लिफ्ट का बटन ना छुएं
अगर घर से बाहर निकना जरूरी है तो लिफ्ट के बटन और दरवाजों के हैंडल को छूने से बचें क्योंकि आप नहीं जानते कि आपसे पहले किस किस ने उसे छुआ है. बटन दबाने के लिए कोहनी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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फॉरवर्ड पढ़ना बंद करें
सोशल मीडिया और खास कर व्हॉट्सएप पर कोरोना से जुड़ी पोस्ट की भरमार है जिसे लोग अंधाधुंध एक दूसरे को फॉरवर्ड कर रहे हैं. जब तक आपको विश्वसनीय स्रोत का पता ना हो, इन संदेशों पर विश्वास ना करें.