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समाज

शुद्ध हवा के लिए कोर्ट से लगाई फरियाद

२० मई २०२१

जकार्ता में लोगों ने शुद्ध हवा के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने राष्ट्रपति से लेकर कई मंत्रियों पर मुकदमा ठोक कर अस्वस्थ हवा की समस्या को सुलझाने की मांग की है. अब अदालत को इस पर फैसला सुनाना है.

Air Pollution in Jakarta
तस्वीर: DetikCom/M.ridho suhandi

इंडोनेशिया की घनी आबादी, ट्रैफिक जाम वाली राजधानी जकार्ता में पैदा हुईं और पली-बढ़ी पर्यावरणविद् खलीसा खालिद लंबे वक्त से शहर की जहरीली हवा से परेशान हैं. उनकी छोटी बेटी की तबीयत जन्म से ही खराब रहती है. वह इसके लिए शहर के बिगड़ते वायु प्रदूषण को जिम्मेदार मानती हैं. खलीसा कहती हैं, "जकार्ता की खराब होती हवा के साथ-साथ मेरी बेटी के स्वास्थ्य को खतरा बढ़ता जा रहा है." उनकी बेटी अब 10 साल की हो गई है.

खलीसा के मुताबिक, "नागरिकों के पास अच्छा वातावरण और शुद्ध हवा हो इसके लिए हम चाहते हैं कि सरकार नियम बनाए." इंडोनेशिया के राष्ट्रपति, स्वास्थ्य, पर्यावरण और गृह मंत्री और कई क्षेत्रीय नेताओं पर मुकदमा करने वाले 32 लोगों में 42 वर्षीय मां खलीसा भी शामिल हैं. उनकी मांग है कि जहरीली हवा को सुधारने के लिए कदम उठाए जाएं. 

मुकदमा करने वालों में खलीसा खालिद भी शामिलतस्वीर: privat

मध्य जकार्ता की जिला अदालत 2019 के इस मामले पर फैसला सुनाने वाली थी लेकिन खलीसा का कहना है कि यह स्थगित किया गया है क्योंकि जजों को इस पर विचार करने के लिए और समय चाहिए. स्विस आईक्यू एयर के साल 2020 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के सबसे खराब वायु प्रदूषण वाले शीर्ष 148 शहर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हैं. मुकदमा दायर करने वाली कानूनी टीम का दावा है कि इंडोनेशियाई प्राधिकारियों ने अपने नागरिकों को वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों से रोकने के लिए पर्यावरण की दृष्टि से लापरवाही बरती है. उन्होंने दलील दी कि वैज्ञानिक शोधों ने खराब वायु गुणवत्ता को अस्थमा, गंभीर हृदय रोग, आघात, फेफड़ों से जुड़ी बीमारी और जीवन काल कम होने का कारण बताया है.

2019 में निजी वाहनों के इस्तेमाल को लेकर नए प्रतिबंधों की घोषणा हुई थीतस्वीर: Getty Images/AFP/A. Berry

जलवायु परिवर्तन पर जकार्ता के गवर्नर के विशेष दूत इरफान पुलुंगन कहते हैं कि मुकदमा दायर होने के बाद से शहर ने नए नियम पारित किए हैं. उन्होंने बताया कि सरकारी भवनों में सौर पैनल लगाने और उत्सर्जन जांच को बढ़ावा दिया जा रहा है. 2019 में जकार्ता ने वायु प्रदूषण से निपटने की कोशिश करने और उस पर लगाम लगाने के लिए निजी कारों के इस्तेमाल पर नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की थी. सेंटर ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) के मुताबिक तेज शहरीकरण और यातायात इंडोनेशियाई राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता के मुख्य कारक हैं, साथ ही शहर के पास कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र भी जिम्मेदार हैं. 

कोविड-19 महामारी के दौरान सामाजिक प्रतिबंधों के बावजूद जकार्ता की वायु गुणवत्ता नहीं सुधरी. सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला कि आस पास के शहरों में पावर प्लांट हमेशा की तरह चलते रहे. 

एए/सीके (रॉयटर्स)

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