इसी हफ्ते जारी वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में 76.7 करोड़ लोग ऐसे थे जो रोजाना 1.90 डॉलर से कम की कमाई पर जी रहे थे. 2012 में यह तादाद 88.1 करोड़ थी. यानी लोगों की आय में बढ़ोतरी हुई है. सबसे ज्यादा वृद्धि एशिया में हुई है. एक बयान में वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा, "यह गौर करने लायक बात है कि ऐसे वक्त में देशों ने गरीबी घटाना और साझा समृद्धि को बढ़ाना जारी रखा है जबकि दुनिया की अर्थव्यस्था का प्रदर्शन अच्छा नहीं है."
देखिए, 62 अमीरों की गरीब दुनिया
दुनिया के राजनैतिक और आर्थिक नेताओं से गरीबी मिटाने के प्रयासों को बढ़ाने की अपील. ऑक्सफैम के अनुसार सिर्फ 62 लोगों के पास इतना धन है जितना दुनिया की आधी आबादी के पास. बहुतों को खाना-पीना, दवा, छत और शिक्षा मयस्सर नहीं.
पाकिस्तान के शहर पेशावर में बच्चे एक नहर में जमा कूड़े के ढेर से काम का प्लास्टिक निकाल रहे हैं ताकि उसे बेचकर कुछ कमाई कर सकें.
तस्वीर: Reuters/K. Parvezकेन्या के शहर नैरोबी में 8 साल की बच्ची प्लास्टिक बोतलों से भरी बोरी लिए. इसे उसने डंडोरा स्लम के कूड़े से इकट्ठा किया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Images/B. Curtisमॉस्को में गरीबों की मदद के लिए सामूहिक खाने का आयोजन होता है. एक चर्च द्वारा आयोजित खाने के लिए इकट्ठा भीड़.
तस्वीर: DW/P. Anftयुद्ध के बाद बालकान के देश भी भारी गरीबी झेल रहे हैं. क्रोएशिया के जागरेब में परमार्थ संस्थाएं मुफ्त खाने की व्यवस्था करती हैं.
तस्वीर: DW/I. Lasićपर्याप्त कमाई न हो हर चीज मुश्किल हो जाती है. नेपाल में बहुत से लोग लकड़ी जलाकर खाना पकाने या घर गर्म करने पर मजबूर हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/N. Shresthaईरान में गरीबों की मदद के लिए लोग पुराने सामान देते हैं. यहां अमोल शहर के बाजार में आलमारी में रखे सामान जरूरतमंद लोग ले सकते हैं.
तस्वीर: MEHRबहुत से लोग गरीबी के कारण छोटी मोटी चीजें बेचकर जीवनयापन करने को मजबूर हैं. लेकिन इससे परिवार की जरूरतें पूरी नहीं होती.
तस्वीर: DW/T. Shahzadधनी अमेरिका भी गरीबी की समस्या को सुलझा नहीं पाया है. बेहतर जीवन के लिए शिक्षा, रोजगार और भविष्य के मौके जरूरी हैं.
तस्वीर: Getty Images/dpa/T. Sloanजर्मनी जैसे समृद्ध पश्चिमी देशों में भी गरीबी की समस्या है. खासकर बच्चों वाले परिवारों के लिए. अकेली मांएं बच्चों की देखभाल करें या कमाई के लिए काम.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Pleulविश्व के कई देशों में चल रहे संघर्ष के कारण लोग भाग रहे हैं. इसने गरीबी की समस्या को और बढ़ा दिया है. नई जगहों पर इतनी आसानी से रोजगार नहीं मिलता.
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Atanasovskiaफसल न हो तो कैसे कटे जिंदगी. जलवायु परिवर्तन के कारण सूखे और बाढ़ का असर खेती पर हो रहा है. यहां जिम्बाब्वे का एक किसान अपने खेत में.
तस्वीर: DW/C. Mahvungaयुद्ध, जातीय संघर्ष, ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन भी विकास को अवरुद्ध कर रहा है और गरीबी की समस्या बढ़ा रहा है.
विश्व बैंक के नए आंकड़ों से इस बात की पुष्टि हुई है कि बीते 25 साल में गरीबी से लड़ने में कामयाबी मिली है. 1990 से 2013 के बीच गरीबों की संख्या एक अरब घट चुकी है. संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य है कि 2030 तक दुनिया में एक भी अत्याधिक गरीब नहीं बचना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र ने स्थायी विकास के लक्ष्य तय कर रखे हैं. 17 लक्ष्यों के जरिए गरीबी, असमानता और जलवायु परिवर्तन से लड़ना है. वर्ल्ड बैंक का कहना है कि इन लक्ष्यों को तभी हासिल किया जा सकेगा जबकि बढ़ती असमानता से निपटा जा सके.
वर्ल्ड बैंक के डिवेलपमेंट रिसर्च ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार फ्रांसिस्को फेरेरा ने कहा, "2030 तक जिन लक्ष्यों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय हासिल करना चाहता है, उनके लिए दुनिया को असमानता से लड़ना होगा और विकास को समेकित बनाना होगा."
तस्वीरों में, देखो मेरी अमीरी
अधिकतर फोटोग्राफर गरीबी की तस्वीर खींचने में दिलचस्पी रखते हैं. लेकिन लोग रईस लोगों के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं. रईस लोग भी अपनी दौलत की नुमाइश करना चाहते हैं. इन तस्वीरों में देखें दौलत के विभिन्न पहलू.
तस्वीर: Getty Images/Courtesy Staley-Wise Gallery New Yorkअमेरिकी फोटोग्राफर स्लिम आरोंस समृद्ध समाज के प्रतिनिधियों की तस्वीर खींचने में माहिर हैं. उनकी रचनाएं सौंदर्यवादी और दोस्ताना होती हैं, आलोचना करती नहीं. 1950 के दशक में ली गई इस तस्वीर में पीबॉडी पिता और पुत्र हैती में अपने परिवार के विला के सामने फोटो खिंचवा रहे हैं.
तस्वीर: Getty Images/Courtesy Staley-Wise Gallery New Yorkसुपर मार्केट चलाकर करोड़पति बने एडगर काउफमैन ने पाम स्प्रिंग्स में स्टार वास्तुशिल्पी रिचर्ड न्यूट्रा से प्रसिद्ध डेजर्ट हाउस बनवाया. 1970 में स्लिम आरोंस के लिए यह अच्छी पृष्ठभूमि थी. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रिपोर्टर रहने के बाद वे सिर्फ धनी लोगों की तस्वीरें खींचा करते थे.
तस्वीर: Getty Images/Courtesy Staley-Wise Gallery New York1938 में पेरिस में लॉन्गचैंप रेसकोर्स पर एक दिन. यहां शहर के रईस सिर्फ घुड़दौड़ देखने ही नहीं आते थे बल्कि खुद को दिखाने और अपने नए फैशन की नुमाइश करने भी आते थे. फैशन फोटोग्राफर रेगिना रेलांग ने इस तस्वीर में उस समय के फैशन को कैमरे में कैद कर दिया है.
तस्वीर: Münchner Stadtmuseum /Sammlung Fotografieमिस्टर मैकलेंडन ने डॉक्टरी और दलाली में पैसा कमाया. मिसेज मैकलेंडेन यहां 1963 में अटलांटा के कोलियर हाइट्स पर अपने लक्जरी विला में सोने के काम वाले एक बड़े आइने के सामने तस्वीर खिंचवा रही हैं. तस्वीर जर्मन फोटोग्राफर माक्स शेलर ने ली है.
तस्वीर: Max Schelerअपने ब्लॉग रिच किड्स ऑफ इंस्टाग्राम में एरकोई 2012 से युवा करोड़पतियों की तस्वीर देते हैं जो अपनी तस्वीरें फोटो शेयरिंग पोर्टल पर खुद डालते हैं. वे इन तस्वीरों में सोने का फ्रेम डाल लेते हैं और इसके अलावा उस पर कोई टिप्पणी नहीं करते. तस्वीरों का टेक्स्ट धनी बच्चों ने खुद चुना है.
तस्वीर: venetosoberanesखुद अपनी नुमाइश के लिए एक और सोने का फ्रेम. इंटरनेट के युग में यह मुश्किल नहीं है. मोबाइल फोन की मदद से किसी भी समय कोई भी अपनी तस्वीर इंटरनेट पर डाल सकता है और हर कोई अपनी मर्जी से अपनी दौलत का प्रदर्शन कर सकता है.
तस्वीर: groverlightजनवरी 2014 में अमेरिकी टेलीविजन शो में कैलिफोर्निया के छह करोड़पति नौनिहालों के बारे में दिखाया गया. रिच किड्स ऑफ बेवर्ली हिल्स शो में इन नौजवानों को खर्च करते हुए दिखाया गया है. यह प्रोग्राम लोगों में बड़ा लोकप्रिय हुआ. 2015 अप्रैल में तीसरा एपीसोड भी दिखाया गया.
तस्वीर: E! Entertainment Televisionफोटो कलाकार अन्ना स्क्लाडमन रूसी रईसों के बच्चों की तस्वीर खींचती है. अपने फोट सिरीज लिटिल एडल्ट्स में उन्होंने धनी बच्चों की तस्वीरें ली हैं. उन्हें उस पोज में देखा जा सकता है जिसमें आमतौर बालिग लोग फोटो खिंचवाते हैं.
तस्वीर: Anna Skladmannगहनों से लदा बच्चा. ये कोई अचानक ली गई तस्वीर नहीं है बल्कि एक नियोजित कैम्पेन का हिस्सा है. विज्ञापन फोटोग्राफर युर्गेन टेलर ने 2005 में लंदन के नीलामीगृह फिलिप्स डे पूरी कंपनी का कैटालॉग तैयार किया. इसके लिए उन्होंने किसी मॉडल की नहीं बल्कि अपने बेटे की तस्वीर ली.
तस्वीर: Juergen Teller, Courtesy Lehmann Maupin, New Yorkचीन का आर्थिक विकास खासकर अफ्रीका में दिखता है. वैश्वीकरण के दौर में बहुत सी चीनी कंपनियों ने अफ्रीका में काम शुरू किया है. पाओलो वुड्स ने चीन के विस्तार पर 2010 में फोटो दस्तावेज तैयार किया. उनकी तस्वीरें सामाजिक और आर्थिक अंतर दिखाती हैं.
तस्वीर: Paolo Woods/INSTITUTE जिस रिपोर्ट में गरीबों की संख्या घटने की बात कही गई है, वही रिपोर्ट बताती है कि बीते 25 साल में आय में असमानता की दरार और चौड़ी हुई है. हालांकि 40 से ज्यादा देश ऐसे हैं जहां असमानता भी घटी है. इनमें ब्राजील, पेरू, माली और कंबोडिया जैसे मुल्क शामिल हैं.
अत्याधिक गरीबी में रहने वालों की सबसे ज्यादा तादाद सब-सहारा अफ्रीका में है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक आधे से ज्यादा वहीं रहते हैं. एक तिहाई गरीब दक्षिण एशिया में हैं. जिन देशों ने सबसे ज्यादा गरीबी घटाई है उनमें पूर्वी एशिया और एशिया प्रशांत क्षेत्र के देश सबसे आगे हैं. खासकर चीन, इंडोनेशिया और भारत का नाम वर्ल्ड बैंक ने लिया है. बीते साल वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि अत्याधिक गरीबी में जीने वालों की संख्या 2015 में पहली बार 10 फीसदी से नीचे जा सकती है.
वीके/एके (रॉयटर्स)