2022 में भी जारी रहेगा रिटेल ट्रेडिंग का उछालः विशेषज्ञ
२९ दिसम्बर २०२१
2021 छोटे शेयर निवेशकों का साल रहा. लोगों ने फोन से ट्रेडिंग कर खूब धन कमाया और गंवाया भी. जानकार कहते हैं कि ये रिटेल निवेशक अगले साल भी बने रहेंगे.
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मई में अमेरिका के सैन डिएगो में रहने वालीं एमिली बल्लियों उछल रही थीं. इस साल स्टॉक ट्रेडिंग से उनका रिटर्न दहाई के अंकों में रहा था. एमिली जैसे छोटे निवेशक दुनियाभर में हैं जिन्होंने 2021 में घर पर काम के दौरान पार्ट टाइम निवेश करके काफी धन कमाया है.
इन छोटे निवेशकों में से कुछ ऐसे हैं जिन्होंने कथित मीम स्टॉक्स जैसे गेमस्टॉप और एएमसी एंटरटेनमेंट जैसी कंपनियों में निवेश से जमकर पैसा कमाया.
हालांकि ये मीम स्टॉक बहुत से निवेशकों के लिए खेल बिगाड़ने वाले भी साबित हुए. जैसे एएमसी ने एमिली की सारी गणनाओं को गलत साबित कर दिया. जब एएमसी का शेयर 15 डॉलर पर मंडरा रहा था, तब एमिली ने उसे ‘नेकेड कॉल ऑप्शंस' पर बेचना शुरू कर दिया.
एमिली की बर्बादी
नेकेड कॉल ऑप्शन का अर्थ है कि एमिली के पास असल में शेयर नहीं थे लेकिन वह खरीददारों को एक पहले से तय कीमत पर वादा कर रही थीं. उन्हें उम्मीद थी कि शेयर की कीमत गिरेगी और उन्हें मुनाफा होगा. हुआ उलटा. 2 जून को एएमसी का शेयर 72 डॉलर पर पहुंच गया और एमिली को फौरन भारी कैश की जरूरत पड़ गई.
वह बताती हैं, "मैं फोन पर (ब्रोकर) टीडी अमेरिट्रेड की टीम के साथ बात कर ही थी और उनसे कह रही थी कि मुझे थोड़ा और टाइम दे दो. लेकिन बात अब यह हो गई थी कि या तो मैं खुद बेचूं या फिर वे मेरे शेयर बेच देंगे.” आखिरकार एमिली को 6 लाख 70 हजार डॉलर (आज की तारीख में करीब पांच करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ.
एमिली कहती हैं कि यह बर्बाद कर देने वाला नुकसान था. वह बताती हैं, "मैं सो नहीं पा रही थी.” 2019 के आखिर में उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि वह पूरा वक्त शेयर ट्रेडिंग करना चाहती थीं. अब वह एक डिलीवरी ड्राइवर के तौर पर काम करती हैं.
अनुभवहीनता का नुकसान
एमिली की कहानी बताती है कि अचानक मुनाफा कमाने की सारी कहानियों का अंत सुखद नहीं होता. अनुभवहीन निवेशक जब चढ़ते बाजार से आकर्षित होकर निवेश करते हैं तो उनके हाथ जल भी सकते हैं.
लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि 2021 ऐसे छोटे निवेशकों का ही साल रहा जिन्होंने इस चढ़ते बाजार से खूब धन कमाया. जिस टीडी अमेरिट्रेड के जरिए एमिली ट्रेड कर रही थीं, उनका कहना है कि इस साल उनके यहां 60 लाख नए अकाउंट बने हैं.
गरीब कैश रखते हैं, अमीर धन
2022 की वैश्विक असमानता रिपोर्ट पूरी दुनिया में धन के बंटवारे को समझने की विस्तृत कोशिश है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिय के अमीर कैसे हैं. जानिए...
तस्वीर: STRF/STAR MAX/IPx/picture alliance
अमीरों के पास कितना धन
दुनिया के सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों के पास 76 प्रतिशत धन है. इन दस प्रतिशत लोगों की कुल संपत्ति की कीमत है 2850 खरब यूरो. एक यूरो करीब 85 रुपये का है.
दुनिया के सबसे ज्यादा 34 प्रतिशत अमीर पूर्वी एशिया में रहते हैं. यूरोप में 21 फीसदी और उत्तर अमेरिका में 18 प्रतिशत धनी रहते हैं. सबसे कम अमीर सब-सहारन अफ्रीका में रहते हैं, सिर्फ एक प्रतिशत.
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औसत आय में फर्क
दुनिया में प्रति व्यक्ति औसत आय 72,913 यूरो यानी लगभग 62 लाख रुपये है. और सबसे अमीर एक फीसदी लोगों की औसत आय है कि करीब 24 करोड़ रुपये.
तस्वीर: Lucas Vallecillos/VWPics/imago images
आम लोगों से 6,000 गुना
दुनिया के कुल धन का 6 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ 0.1% लोगों के पास है. इनकी संख्या करीब 55,200 है यानी आम लोगों से 6,000 गुना ज्यादा.
तस्वीर: ANN/Dawn/picture alliance
गरीबों की संपत्ति
गरीब लोगों के पास संपत्ति के रूप में या कैश होता है या फिर बैंक में कुछ डिपॉजिट. अगर किसी के पास घर हो भी तो उसकी कीमत बहुत कम होती है. मध्य वर्ग के पैस बैंक डिपॉजिट के अलावा घर भी होता है और साथ में थोड़ा बहुत शेयर आदि.
तस्वीर: REUTERS
अमीरों के पास कैश कम
अमीरों के पास संपत्ति सबसे ज्यादा (40-60 प्रतिशत) वित्तीय एसेट्स के रूप में होती है. हाउसिंग एसेट्स (30-40 फीसदी) भी उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा है जबकि बाकी धन (5-10 प्रतिशत) बिजनस में हिस्सेदारी के रूप में पाया जाता है.
तस्वीर: STRF/STAR MAX/IPx/picture alliance
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लंदन में रहने वाले बेन फिलिप्स 30 साल के हैं. वह पेशे से पायलट हैं और 2019 में उन्होंने ट्रेडिंग शुरू की. वह खुद को लंबे समय के लिए निवेश करने वाला ट्रेडर कहते हैं जो "मजे के लिए रोजाना ट्रेडिंग भी करता है.” फिलिप्स कहते हैं, "कोई भी इस पाई में से अपना हिस्सा ले सकता है.”
जब कहीं और रिटर्न नहीं मिल रहा था तो फिलिप ने ट्रेडिंग शुरू की थी. पिछले साल मार्च में जब टेस्ला में भारी बिक्री हुई तो उन्हें भी नुकसान हुआ लेकिन यूट्यूब पर वीडियो देखकर उन्होंने सीखा है कि जब स्टॉक गिर रहा हो तो खरीदना चाहिए. इसका उन्होंने पालन किया और उनका निवेश चार गुना हो चुका है. वह कहते हैं कि टेस्ला को वह दस साल तक नहीं बेचेंगे.
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रिटेल ट्रेडिंग तो चलेगी
जेपी मॉर्गन में रणनीतिकार निकोलाओस पनीगित्सोगलू कहते हैं कि रिटेल में आई लहर इसकी मुख्य वजह है. वह बताते हैं, "मोमेंटम ट्रेडर के रूप में रिटेल निवेशक शेयर बाजारों को ऊपर चढ़ाते रहेंगे, कम से कम अगले साल तो. उनके पास कोई और विकल्प नहीं होगा क्योंकि ब्याज दरें शून्य के आसपास ही रहेंगी.”
स्टॉक मार्केट या चिड़ियाघर?
क्या आपको पता है कि दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर जिस स्टॉक मार्केट में खरीदे और बेचे जाते हैं, उस बाजार में मुर्गी. भालू, बैल या सूअरों की खूब बातें होती हैं. देखिए वित्तीय बाजार में इनके क्या मायने होते हैं.
तस्वीर: picture alliance/ASSOCIATED PRESS
'बुल' या बैल
बुल मार्केट तब होता है जब अर्थव्यवस्था में सब कुछ बढ़िया हो. लोगों के लिए रोजगार हो, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ रहा हो और स्टॉक ऊपर जा रहे हों. जब कोई निवेशक बाजार को लेकर आशावादी हो और उसे लगता हो कि स्टॉक ऊपर की ओर जाएगा, तो वह 'बुल' कहलाता है.
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'बियर' या भालू
बियर मार्केट बुल की विपरीत स्थिति होती है. अर्थव्यवस्था का हाल खस्ता हो, आर्थिक मंदी छाई हो और स्टॉक की कीमत नीचे जा रही हो तो निवेशकों को फायदेमंद स्टॉक चुनने में परेशानी होती है. किसी स्टॉक के और नीचे जाने का विश्वास रखने वाले निवेशक 'बियर' कहलाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/ASSOCIATED PRESS
'चिकेन' या मुर्गी
स्टॉक मार्केट में चिकेन यानि मुर्गियां वे लोग होते हैं जिन्हें हमेशा कुछ खोने का डर लगा रहता है. 'चिकेन' बाजार में पैसे खोने के डर से मुनाफा कमाने के कई मौकों का इस्तेमाल ही नहीं करते और केवल कम रिस्क वाली सेक्योरिटीज यानि प्रतिभूतियों में ही निवेश करते हैं.
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'पिग्स' या सूअर
पिग्स वे निवेशक कहलाते हैं जो काफी ऊंचे जोखिम वाले स्टॉक चुनते हैं. वे कम समय में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए भावनात्मक होकर फैसले लेते हैं. पेशेवर स्टॉक ट्रेडर्स को ऐसे निवेशकों की तलाश रहती है क्योंकि वे आवेग में आकर बाजार में पैसे लगाते हैं.
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'डॉग एंड पोनी शो'
किसी रोड शो की तरह जब किसी सेमिनार या फोरम में संभावित निवेशकों के सामने नए उत्पाद और वित्तीय प्रतिभूतियां पेश की जाती हैं, तो वह 'डॉग एंड पोनी शो' कहलाता है. कंपनियां आईपीओ के जरिए राशि जुटाने के लिए भी इंवेस्टमेंट बैंकों की मदद से इस शो का आयोजन करती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/United Archives/IFTN
'हाथी'
बड़े संस्थानों को हाथी कहकर बुलाया जाता है. इन एलिफेंट्स के पास काफी बड़े स्तर पर व्यापार करने के लिए बड़ी राशि उपलब्ध होती है. ये जिन स्टॉक्स में निवेश करते हैं, काफी हद तक बाजार में उनकी कीमत के ऊपर या नीचे होने में इनका सीधा हाथ होता है. बड़े पेशवर म्यूचुअल फंड, पेंशन योजना, बैंक और बीमा कंपनियां बाजार के 'हाथी' हैं.
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'स्टॉकिंग हॉर्स' या आड़ का घोड़ा
किसी कंपनी के दिवालिया घोषित होने पर कई लोग उसे खरीदने में दिलचस्पी रखते हैं. ऐसे में वह कंपनी बोली लगाने वाली तमाम पार्टियों में से पहली बोली लगने के लिए जिस एक को चुनती है, वह 'स्टॉकिंग हॉर्स' यानि आड़ का घोड़ा कहलाता है. इससे दिवालिया कंपनी अपने लिए एक निम्नतम बोली तय कर पाती है और बाकी खरीददार उससे ऊपर ही कीमत लगा सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Gentsch
'डॉग'
किसी निवेशक के पोर्टफोलियो में वह स्टॉक 'डॉग' कहलाता है, जो काफी समय से अच्छा प्रदर्शन ना कर रहा हो. इस तरह वह पूरे पोर्टफोलियो के प्रदर्शन पर एक बुरा असर डालता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb
'कैट्स एंड डॉग्स'
वे स्टॉक जिनके बाजार में प्रदर्शन के बारे में काफी कम ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हों उन्हें स्टॉक मार्केट की आम बोली में 'कैट्स एंड डॉग्स' कहते हैं. जब बाजार चढ़ाव की ओर हो, तो ऐसे 'कैट्स एंड डॉग्स' भी बड़े स्टॉक के साथ ही उस लहर में ऊपर उठ जाते हैं.
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'मृत बिल्ली की छलांग'
लंबे समय से उतार देख रहे शेयर मार्केट में जब अचानक किसी कारण स्टॉक में एक अस्थाई सुधार दिखता है, तो वह 'डेड कैट बाउंस' कहलाता है. इस सुधार के तुरंत बाद बाजार फिर से नीचे की ओर जाने लगता है.
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इस साल अब तक ये रिटेल ट्रेडर 281 अरब डॉलर के अमेरिकी स्टॉक खरीद चुके हैं. 2020 में यह आंकड़ा 240 अरब डॉलर था जबकि 2019 में सिर्फ 38 अरब डॉलर. ऐसे निवेशकों की ज्यादा दिलचस्पी टेस्ला, नियो, एप्पल, अमेजॉन और गेमस्टॉप जैसे शेयरों में रही है लेकिन अब ये दूसरी कंपनियों की ओर भी देख रहे हैं.
रूस के मॉस्को एक्सचेंज का कहना है कि 2.6 करोड़ रिटेल अकाउंट रजिस्टर हो चुके हैं, जो 2020 की शुरुआत से चार गुना ज्यादा हैं. भारत में नवबर में 19 प्रतिशत ट्रेडिंग मोबाइल से हुई, जो रिटेल ट्रेडिंग का ही एक संकेत है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का कहना है कि 2019 के नवंबर में यह 7 प्रतिशत थी.
धीमी हो रही है रफ्तार
एक बार उछाल के बाद पिछले कुछ महीनों में रिटेल एक्टिविटी में कमी देखने को मिल रही है, जो केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर बढ़ाने के संकेतों का असर हो सकता है. ब्रोकरेज प्लैटफॉर्म ई-तोरो के मुताबिक साल की तीसरी तिमाही में 10.6 करोड़ ट्रेड हुए, जो पहली तिमाही से आधा है. हालांकि 2019 के 6.3 करोड़ ट्रेड से यह फिर भी बहुत ज्यादा है.
उत्तरी इंग्लैंड में रहने वाले 24 साल के डैन ने गेमस्टॉप के मीम स्टॉक से एक हजार पाउंड कमाए थे. हालांकि तब से डे-ट्रेडिंग छोड़ चुके हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह ‘किस्मत का खेल' है. उन्होंने निवेश के बारे में जानकारी हासिल की है और अब संभलकर ट्रेड करते हैं. वैसे ही एमिली भी ट्रेड करती हैं लेकिन बहुत देखभाल कर. उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वह अपने नुकसान की भरपाई कर लेंगी.
वीके/एए (रॉयटर्स)
सबसे अमीर भारतीय
हाल ही में खबर आई कि भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी भारत में सबसे धनी हो गए. शेयर कीमतों के चलते एक दिन के लिए ऐसा हुआ था. फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक 2021 में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैंः