वैज्ञानिकों को लिविंग फॉसिल कही जाने वाली मछली ने एक बार फिर हैरान किया है. पता चला है कि यह मछली सौ साल तक जिंदा रहती है और पांच साल तक गर्भवती. पुराने अनुमान गलत साबित हुए हैं.
तस्वीर: George Mulala/REUTERS
विज्ञापन
डायनासोर काल की इस मछली को 1938 में पहली बार देखा गया था. उससे पहले वैज्ञानिक मानते थे कि डायनासोरों के साथ ही साढ़े छह करोड़ साल पहले इस मछली का भी अंत हो गया था. लेकिन 1938 में दक्षिण अफ्रीका में इस मछली को जिंदा देखकर वैज्ञनिक जगत हैरान रह गया था. तब इसे जिंदा जीवाश्म यानी ऐसी मछली कहा गया जो जीवाश्वम के रूप में ही सोची जाती थी.
सीलाकांथ प्रजाति की इस मछली के बारे में कुछ और दिलचस्प व हैरतअंगेज बातें पता चली हैं. एक नए शोध में प्राणीविज्ञानियों ने पाया है कि इसका जीवन काल पहले के अनुमान से पांच गुना ज्यादा यानी सौ साल का होता है. और मादाएं अपने बच्चों को पांच साल तक गर्भ में रखती हैं. किसी भी प्राणी के लिए यह सबसे लंबी गर्भावधि है.
55 साल तक बचपन
अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने जाना कि यह सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ने वाली मछली है. 55 की आयु तक यह यौन सक्रियता भी हासिल नहीं करती. समुद्र जीव-विज्ञानी केलिग माहे फ्रांस के IFREMER संस्तान से जुड़ी हैं. वह बताती हैं कि इस मछली की वृद्धि का अध्ययन वैसे ही किया गया, जैसे पेड़ों की वृद्धि पर शोध होता है. पिछले हफ्ते करंट बायोलॉजी पत्रिका में छपे अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है.
इस मछली का आरंभिक अस्तित्व लगभग 40 करोड़ साल पुराना है, यानी डायनासोर से भी 17 करोड़ साल पुराना. इस युग को डोवोनियन युग कहते हैं. जीवाश्म (आधारित प्रमाणों के आधार पर विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि जिस खगोलीय पिंड की टक्कर से धरती के तीन चौथाई जीव खत्म हो गए थे, उसी ने इस मछली को भी खत्म कर दिया था. जब इस मछली को 1938 में दोबारा देखा गया, तो समुद्र-जीविज्ञानियों की हैरत का ठिकाना नहीं था.
गलत साबित हुए वैज्ञानिक
पेरिस स्थित नैशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री से जुड़े जीवविज्ञानी मार्क हर्बिन भी फॉसिल-फिश पर हुए शोध में शामिल थे. वह कहते हैं, "परिभाषा के अनुसार फॉसिल यानी मृत. लेकिन डोवोनियन युग से अब तक इस मछली ने तो बहुत विकास किया है.”
समुद्री दुनिया के 10 अजूबे
दुनिया में करीब मछलियों के करीब 30,000 प्रकारों की पहचान हो चुकी है - जिसमें से कुछ किस्में काफी असाधारण हैं. इलेक्ट्रिक ईल के अलावा मछलियों की दुनिया के कुछ और अजूबे सदस्यों से मिलिए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/MAXPPP
इलेक्ट्रिक ईल
इसका नाम भले ही इलेक्ट्रिक ईल हो लेकिन असल में यह मछली ईल नहीं बल्कि नाइफफिश नस्ल की है. अपने शिकार को यह 600 वोल्ट तक का बिजली का झटका दे सकती है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह अपनी हाई वोल्टेज ऊर्जा का इस्तेमाल एक ट्रैकिंग डिवाइस के तौर पर भी करती है, बिल्कुल वैसे ही जैसे चमगादड़ का ईको-लोकेशन फॉर्मूला.
तस्वीर: imago/Olaf Wagner
बैंडेड आर्चरफिश
खारे पानी में रहने वाली यह मछली अपने शिकार पकड़ने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाती है. बैंडेड आर्चरफिश पानी की सतह पर आकर वहां से हवा में कीड़ों पर निशाना साधती है. इसके लिए वह अपने मुंह से पानी की एक फुहार हवा में फेंकती है और कीड़े उसमें फंस कर नीचे आ जाते हैं. बड़ी मछली तो करीब 3 मीटर दूर स्थित कीड़ों को भी निशाना बना लेती है.
यह मछली खुद को बालू में धंसा लेती है और फिर किसी शिकार के अपने पास से गुजरने का इंतजार करती है. जैसे ही शिकार करीब से निकलता है वह उछल कर उसे अपना भोजन बना लेती है. इसकी आंखें और मुंह और मछलियों की तरह बगल में नहीं बल्कि सामने की ओर होते हैं. स्टार गेजर्स मछलियां जहरीली भी होती हैं.
तस्वीर: picture-alliance / OKAPIA KG
स्टोन फिश
जहरीली और छुपने में उस्ताद - स्टोन फिश में यह दोनों गुण हैं. ये लगती भी एक पत्थर जैसी है और इसके ऊपर शैवाल उग जाते हैं. इसको छूते ही इतने सख्त सूई जैसे कांटे चुभ जाते हैं जो कि जहर बुझे होते हैं. यह दुनिया की कुछ सबसे जहरीली मछलियों में से एक है जिससे इंसान की जान भी जा सकती है.
तस्वीर: gemeinfrei
पफर फिश
इस मछली का पेट इतना लचीला होता है कि डर लगने पर यह अपने पेट में खूब सारा पानी भर के अपना आकार काफी बड़ा कर लेती है. यह टेट्रोडोटॉक्सिन नाम का एक बेहद खतरनाक जहर पैदा करती है जिससे इंसान मर सकता है. जापान में यही पफर फिश बड़े चाव से खाई जाती हैं. जाहिर है कि इन्हें पका कर खाने योग्य बनाना भी एक कला है.
तस्वीर: picture alliance/Arco Images
एंग्लर फिश
यह मछली अपने शिकार को सिर के ऊपर उगे इलिसियन नाम की संरचना से आकर्षित करती है. इसे मछली का फिशिंग रॉड भी कहा जाता है. इस रॉड के सिरे जगमगाते हैं जिससे उत्सुकतावश शिकार इनकी ओर खिंचा चला आता है और एंग्लर फिश का भोजन बन जाता है. यह मछली पूरी दुनिया में पाई जाती है यहां तक कि गहरे सागरों में भी.
तस्वीर: Flickr/Stephen Childs
वाइपर फिश
यह बेहद खतरनाक दिखने वाली मछली गहरे सागरों में पाई जाती है. उच्च् दबाव, अंधेरे और बहुत कम भोजन पर जीवित रहने वाली यह मछली मुश्किल वातावरण के लिए खास तौर पर ढली होती है. अगर कोई शिकार वाइपर फिश के पास से गुजरता है तो इसके बड़े मुंह और तीखे दांतों से बचने की कम ही संभावना होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सीहॉर्स या दरियाई घोड़ा
इतना सुंदर, परिकथा के किरदार सा दिखने वाला दरियाई घोड़ा दुनिया की उन कुछ जीव प्रजातियों में से है जो सीधे खड़े तैरते हैं. जाहिर है ऐसे उर्ध्वाकार तैरने से इनके शरीर पर खूब गतिरोध लगता है जिसके कारण ये बहुत तेज नहीं तैर पाते. सीहॉर्स की एक और विशेषता नर के पेट की वह थैली है जिसमें वह निषेचित अंडे लेकर घूमता है और बच्चे को जन्म भी देता है.
तस्वीर: picture-alliance/ dpa
मड स्किपर
इस मछली के बारे में कहा जाता है कि वह निर्णय नहीं कर पाती कि उसे पानी में रहना ज्यादा पसंद है या धरती पर. इसीलिए ये ऐसे समुद्री इलाके में रहती हैं जहां ज्वार के समय पानी हो और भाटा के समय सूखा. मेंढक जैसी एम्फीबियन प्रजाति की ही तरह यह भी अपनी त्वचा से सांस ले सकती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/MAXPPP
हैमरहेड शार्क
इस हथौड़े जैसे सिर वाली शार्क से अजीब नजारा क्या होगा. रिसर्चर मानते हैं कि इसका चपटा, दोनों तरफ फैला हुआ सिर और उसके सिरों पर स्थित इसकी आंखें शार्क के दृश्य क्षेत्र को बढ़ा देती हैं. इससे वह ज्यादा बड़े क्षेत्र में देख पाता है और आसानी से शिकार भी कर पाता है.
तस्वीर: imago/imagebroker
10 तस्वीरें1 | 10
सीलाकांथ समुद्र की गहराई में करीब आठ सौ मीटर नीचे रहती हैं. दिन में वे गुफाओं में अकेली या बहुत छोटे समूहों में रहती हैं. मादाओं का आकार कुछ बड़ा होता है. ये सात फुट तक लंबी और 110 किलोग्राम वजनी हो सकती हैं. इस मछली की दो ही प्रजातियां हैं – अफ्रीकी सीलाकांथ और इंडोनेशियाई सीलाकांथ. वैज्ञानिकों ने फिलहाल अफ्रीकी प्रजाति पर अध्ययन किया है, जिसके लिए दो संग्रहालयों में रखी गईं 27 मछलियों को शोध के केंद्र में रखा गया था.
पहले इस मछली पर जो शोध हुए थे, उनमें इसकी उम्र 20 साल होने का अनुमान लगाया गया था. और माना गया था कि यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली मछली है. लेकिन अब वह अनुमान पूरी तरह गलत साबित हुआ है.
वीके/एए (रॉयटर्स)
सच में हैं ये जीव
नीले समुद्र के नीचे ऐसे-ऐसे जीव रहते हैं कि आप हैरत से भीग जाएंगे. मिलिए इन बेहद खूबसूरत और अद्भुत जीवों से...