1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विज्ञानब्राजील

व्हेल मछलियां क्यों होती हैं इतनी विशाल, चल गया पता

२३ जनवरी २०२३

वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन कर पता लगाया है कि व्हेल मछलियां इतनी विशालकाय कैसे होती हैं. ये पहले इतनी बड़ी नहीं होती थीं.

व्हेल मछलियों की विशालता अतुलनीय है
व्हेल मछलियों की विशालता अतुलनीय हैतस्वीर: A.Visage/WILDLIFE/G.Williams/picture alliance

ब्लू व्हेल, फिन व्हेल, हंपबैक व्हेल बोहेड, आदि प्रजातियां इस वक्त धरती पर सबसे विशाल प्राणी हैं. ब्लू व्हेल तो धरती का सबसे बड़ा प्राणी है जो डायनासॉर से भी बड़े होते हैं. ये स्तनधारी इतने बड़े कैसे हो गए? वैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया है.

एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने वे चार जीन खोजे हैं जिनके कारण व्हेल मछलियां भीमकाय हो जाती हैं. शोधकर्ता कहते हैं कि ये चार जीन ना सिर्फ इन प्राणियों के आकार के लिए जिम्मेदार हैं बल्कि बड़े आकार के कारण होने वाले नुकसानों से भी बचाते हैं जैसे कि कैंसर और पुनरोत्पादन क्षमता में कमी आदि.

करोड़ों साल पुराने विशाल समुद्री शिकारी के दांत क्या कहते हैं?

समुद्री स्तनधारी जीवों को जिस श्रेणी में बांटा गया है उसे सेटाशन कहते हैं. इसी श्रेणी में व्हेल, डॉल्फिन और कछुए आदि आते हैं जिनका विकास करीब पांच करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था. ये जीव दरअसल जमीन पर रहने वाले भेड़ियों जैसे जीवों की संतानें हैं. जमीन पर रहने वाले वे जीव जिस श्रेणी आर्टियोडेक्टाइल्स में से थे, उसी श्रेणी में सूअर, गाय, भेड़ और बहुत से प्राणी आते हैं.

क्या है ताजा अध्ययन?

ताजा अध्ययन पिछले हफ्ते ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स‘ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ. इसे लिखने वालों में मरियाना नेरी भी शामिल हैं जो ब्राजील की एस्टाडुएल डे कंपिनास (UNICAMP) यूनिवर्सिटी में जीनविज्ञानी हैं. वह बताती हैं, "शरीर का आकार बहुत सारे जीन का एक जटिल परिणाम है और भौतिक वह पारिस्थितिक प्रक्रिया है. हमने पहली बार मॉलीक्यूल के नजरिए से सेटाशन जीवों की विशाल काया का अध्ययन किया है.”

इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने व्हेल मछलियों की सात प्रजातियों का अध्ययन किया. ये सातों प्रजातियों 10 मीटर से ज्यादा लंबी होती हैं. इनमें से छह तो बैलीन व्हेल हैं जो छोटे जीवों को खाती हैं. इनके मुंह में एक फिल्टर लगा होता है. वह उसी पदार्थ से बनता है जिससे मनुष्यों के नाखून बनते हैं.

बहुत खतरनाक है समंदर में बढ़ता शोर

07:59

This browser does not support the video element.

स्पर्म व्हेल दांतों वाली व्हेल मछली है जो विशाल जीवों का शिकार करती है. ब्लू व्हेल की लंबाई 30 मीटर तक पहुंच सकती है. फिन व्हेल्स 24 मीटर और स्पर्म व बोहेड व्हेल लगभग 18 मीटर तक लंबी हो सकती हैं. हंपबैक व राइट व्हेल मछलियों की लंबाई 15 मीटर और ग्रे व्हेल की लंबाई 13.5 मीटर तक हो सकती है.

पहले नहीं था बड़ा आकार

शोधकर्ताओं ने कुल नौ जीन पर अध्ययन किया. इनमें से कुछ ऐसे भी थे जो अन्य स्तनधारी जीवों के बड़े आकार के लिए जिम्मेदार होते हैं. अध्ययन में पता चला कि व्हेल मछलियों के विकास के दौरान चार जीन खास तौर पर प्रमुख हो गए. ये जीन हैं - GHSR, IGFBP7, NCAPG and PLAG1.

मुख्य शोधकर्ता फेलिपे आंद्रे सिल्वा यूनिकैंप में जेनेटिक्स और मॉलीक्यूलर बायोलॉजी का अध्ययन कर रहे हैं. वह बताते हैं, "सेटाशन जीवों का विशालकाय होना बहुत पुराना नहीं है. हाल के 50 लाख सालों में यह विकास हुआ है. उससे पहले बासिलोसॉरस जैसे विशालकाय जीव होते थे लेकिन वे अपवाद थे. ज्यादातर सेटाशन 10 मीटर से ज्यादा लंबे नहीं होते थे.”

सिल्वा कहते हैं कि बड़े आकार के कई फायदे होते हैं जैसे कि शिकार बनने की संभावना कम हो जाती है और खाना मिलने की संभावना ज्यादा. बासिलोसॉरस एक दांत वाले शिकारी जीव थे जो 4 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर मौजूद रहे. वे सबसे बड़ी व्हेल मछलियां थीं.

वीके/एए (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें