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उड़ने वाले विशाल जीवों के रहस्य बताने वाला जीवाश्म मिला

१९ नवम्बर २०२४

जर्मनी के बवेरिया राज्य की धरती के ऊपर कभी टेरोसॉर उड़ा करते थे. दो मीटर तक फैलने वाले पंखों के साथ यह प्राचीन जीव अपने तीखे दांतों से छिपकलियों और दूसरे जीवों को अपना आहार बनाता था.

बवेरिया में मिली हड्डियों के आधार पर टेरोसॉर की बनाई गई तस्वीर
बड़े सिर वाले और छोटी पूंछ वाले टेरोसॉरतस्वीर: Gabriel Ugueto/Eurekalert/dpa/ picture alliance

टेरोसॉर उड़ने वाले विशाल जीव हैं जो डायनासोर के रिश्तेदार हैं. वैज्ञानिकों को बवेरिया में इस नई प्रजाति का जीवाश्म मिला है. इसे स्कीफोसुरा बवरिका नाम दिया गया है. टेरोसॉर की उत्पत्ति को समझने में जो बीच की कड़ियां गायब थीं उन्हें इस जीवाश्म की मदद से समझने में काफी मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है. डायनासोर के दौर में यह जीव इकोसिस्टम का अहम हिस्सा थे.

स्कीफोसुरा जुरासिक पीरियड के आखिरी दौर में रहे थे. वे शारीरिक रचना की दृष्टि से लंबी पूंछ वाले छोटे टेरोसॉर और छोटी पूंछ वाले विशाल क्रेटेसियस के बीच के जीव थे. लंबी पूंछ वाले छोटे टेरोसॉर की उत्पत्ति करीब 8 करोड़ साल पहले ट्रियासिक दौर में हुई थी. जबकि विशालकाय क्रेटेसियस का दौर 13.5-6.3 करोड़ साल पहले का है. विशाल क्रेटेसियस के पंखों का विस्तार किसी एफ-16 लड़ाकू विमानों के विंग्स जितना था.

बवेरिया में मिले जीवाश्म की हड्डियां त्रिआयामी हैं तस्वीर: René Lauer/Eurekalert/dpa/picture alliance

टेरोसॉर की उत्पत्ति के लिहाज से अहम खोज

इस खोज के बारे में करेंट बायोलॉजी जर्नल ने विस्तृत रिपोर्ट छापी है. रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक और लंदन की क्वीम मैरी यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञानी डेविड होन का कहना है कि यह खोज टेरोसॉर की उत्पत्ति के बारे में अहम जानकारी दे सकती है, "यह बेहद अहम है." होन के मुताबिक, "यह दूसरे टेरोसॉर की जो खोज हम कर चुके हैं उनकी ओर भी ध्यान दिलाएगा, टेरोसॉर के वंश की बेहतर ढंग से व्याख्या करेगा और हमें शुरुआत से बाद तक के दौर के स्वरूपों को दिखाएगा, हम देखेंगे कि कौन से गुण बदले और किस क्रम में."

स्कीफोसुरा बवरिका का मतलब है "बवेरिया की तलवार पूंछ." इस जीव की छोटी लेकिन कठोर और नुकीली पूंछ है. जीवाश्म की सारी हड्डियां एक दम सुरक्षित हैं और वो भी त्रिआयामी स्थिति में. आमतौर पर जीवाश्म चट्टानों या मिट्टी की परतों में दबे मिलते हैं लेकिन इसके साथ ऐसा नहीं है. यह 2015 में दक्षिण पूर्वी जर्मन राज्य बवेरिया में मिला था.

डायनासोर के रिश्तेदार हैं उड़ने वाले टेरोसॉरतस्वीर: Cai Zengle/HPIC/dpa/picture alliance

होन ने बताया, "टेरोसॉर का कंकाल सचमुच बहुत नाजुक होता है क्योंकि उनकी हड्डियां काफी पतली होती हैं, अकसर वो एक दूसरे से अलग हो जाती हैं या फिर दब कर टूट जाती हैं, जब संरक्षित की जाती हैं."

आसमान में उड़ान के सरताज थे डायनासोर

उड़ने वाले विशाल जीव

स्कीफोसुरा अपने ईकोसिस्टम में उड़ने वाले सबसे विशाल जीव थे. उनकी खोपड़ी करीब 10 इंच लंबी थी. होन ने बताया, "दांत काफी लंबे और तीखे हैं. ये छेद करने और पकड़ने के लिए थे. यह छोटे जीवों का एक सामान्य शिकारी रहा होगा जो छिपकलियों, छोटे स्तनधारियों, बड़े कीड़ों और शायद मछलियों का शिकार करता होगा. संभवतया यह धरती पर और शायद जंगलों में रहता था."

टेरोसॉर धरती पर डायनोसॉर के साथ ही खत्म हो गए थेतस्वीर: Natalia Jagielska

टेरोसॉर, डायनासोर के ही रिश्तेदार हैं. ये उन पहले तीन कशेरुकी समूहों में शामिल हैं जिन्होंने उड़ान भरने में सफलता पाई थी. करीब 15 करोड़ साल पहले चिड़ियों और 5 करोड़ साल बाद चमगादड़ों का उड़ना शुरू हुआ. टेरोसॉर करीब 6.6 करोड़ साल पहले धरती से डायनासोर के साथ ही लुप्त हो गए. यह पृथ्वी से एक विशाल धूमकेतू के टकराने की वजह से हुआ था.

जीवाश्मविज्ञानी टेरोसॉर को दो प्रमुख समूहों में बांटते हैं, शुरुआती नॉन टेरोडैक्टिलॉइड और बाद के टेरोडैक्टिलॉइड. शुरुआती समूह के सदस्यों का सिर और गला छोटा, लंबी पूंछ और पंखों पर छोटी हड्डी के साथ ही पैरों में लंबा अंगूठा था. इसके उलट बाद के समूह के जीवों का बड़ा सिर, लंबी गर्दन, छोटी पूंछ, लंबी कलाई और पैरों का अंगूठा छोटा था. बाद के विशाल टेरोसॉर के पास दांत भी नहीं थे. 

स्किफोसुरा और एक दूसरी प्रजाति डेयार्क स्गियाथानाक की खोज ने टेरोसॉर की उत्पत्ति की प्रमुख घटनाओं को समझाने में काफी मदद की है. ये सभी बीच के समूह का हिस्सा हैं जो शुरुआती और बाद के टेरोसॉर को जोड़ते हैं.डेयार्क स्कियाथानाक की खोज स्कॉटलैंड मेंहुई थी और ये जीव करीब 17 करोड़ साल पहले धरती पर मौजूद थे.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स)

वो कंकाल जिसने खोला डायनासोरों का राज

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