क्या बैंक भी हो सकते हैं पेड़ों को काटे जाने के जिम्मेदार
२७ फ़रवरी २०२३
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने अमेजन के जंगलों में पेड़ काटने की कथित रूप से जिम्मेदार कंपनियों को सेवा देने के लिए फ्रांस के एक बैंक पर मुकदमा कर दिया है.
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पर्यावरण कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यूरोजोन के सबसे बड़े बैंक बीएनपी परिबास ने अमेजन के जंगलों में पेड़ काटने की कथित रूप से जिम्मेदार इन कंपनियों को सेवा देने से पहले ठीक से जांच नहीं की.
यह मुकदमा ब्राजील के एक एनजीओ 'कोमिसाओ पास्तोरल द तेरा' और फ्रांसीसी समूह 'नोट्रे अफेयर अ तूस' ने पेरिस की एक अदालत में बीएनपी परिबास बैंक के खिलाफ किया है.
बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने अपने ग्राहकों के लिए यह अनिवार्य किया हुआ है कि वो 2025 तक अपने उत्पादन और सप्लाई चेनों में "शून्य वन-कटाई" की कार्यनीति ले कर आएं.
फ्रांस का नया कानून
जंगलों का नष्ट होना ब्राजील में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है. क्लाइमेट एक्टिविस्ट बड़ी कंपनियों को एक कम उत्सर्जन वाले मॉडल को अपनाने के लिए मजबूर करने के लिए मुकदमों का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं.
पेड़ हमें कितनी ऑक्सीजन देते हैं
06:42
फ्रांसीसी कंपनियों पर इस अभियान के तहत विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि 2017 में फ्रांस में एक नया कानून लाया गया था. इस कानून के तहत यह तय हुआ था कि कंपनियों की गतिविधियों की वजह से पर्यावरण और मानवाधिकार के प्रति कौन से जोखिम जन्म ले रहे हैं यह पता करने की जिम्मेदारी कंपनियों की ही है.
पता करने के बाद कंपनियों को ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे जिनसे ये जोखिम ना रहें. यह बीएनपी परिबास के खिलाफ इस तरह का दूसरा मामला है. पहले मामले में मूल मुकदमा तेल कंपनी टोटलएनर्जीज के खिलाफ दर्ज किया गया था. उसमें अदालत मंगलवार 28 फरवरी को फैसला दे सकती है.
कई बैंक शामिल
बैंक ने बताया कि उसने अपनी ग्राहक कंपनियों के लिए अनिवार्य किया हुआ है कि उनके पास उनके बीफ और ब्राजील के अमेजन और सेराडो जंगलों से लिए सोया की सप्लाई चेनों के बारे में पूरी जानकारी हो. बैंक ने वचन दिया है कि जो कंपनियां उसकी शर्तों को नहीं मानेंगी उन्हें वो सेवाएं नहीं देगा.
लेकिन साथ ही बैंक ने यह भी कहा, "सभी वित्तीय संस्थानों की सामूहिक प्रतिबद्धता से ही इसका पूरी तरह से असर पड़ पाएगा. सिर्फ हमारे ही इन कंपनियों को सेवाएं देना बंद करने से उनकी गतिविधियों पर असर नहीं होगा क्योंकि उनकी दूसरे बैंकों पर निर्भरता जारी रहेगी."
सीके/आरपी (रॉयटर्स)
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धरती के ये सात वन पर्यावरण का जीवन हैं. लेकिन इनके अपने जीवन पर कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं. देखिए, पृथ्वी के सात सबसे महत्वपूर्ण जंगलों को और सोचिए, कैसे बचेंगे ये जंगल...
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अमेजोन के जंगल
दक्षिण अमेरिका में अमेजन के जंगल दुनिया के सबसे अधिक जैव विविधता वाल जगहों में से एक हैं. कार्बन को सोखने का यह सबसे अहम स्रोत है इसलिए इसे धरती के फेफड़े भी कहते हैं. लेकिन कटाई और पशुपालन ने 20 लाख वर्ग किलोमीटर जंगल खत्म कर दिए हैं. एक हालिया अध्ययन के मुताबिक अमेजोन के कुछ हिस्से अब जितनी कार्बन सोखते हैं उससे ज्यादा उत्सर्जित करते हैं.
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टाएगा
स्कैंडेनीविया और रूस में फैले ये वन ज्यादातर शंकुधारी वृक्षों से बने हैं. सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस में पिछले कुछ दशकों की आर्थिक गिरावट ने इन वनों को खतरे में डाल दिया है.
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बोरियल वन
टाएगा वनों का जो हिस्सा उत्तरी अमेरिका में पड़ता है उसे बोरियल कहते हैं. यह अलास्का से क्यूबेक तक फैले हैं और कनाडा के लगभग एक तिहाई हिस्से को कवर करते हैं. इनका आठ प्रतिशत हिस्सा ही सुरक्षित श्रेणी में है और कागज व लकड़ी का सबसे बड़ा निर्यातक कनाडा हर साल 4,000 वर्ग किलोमीटर वन काट रहा है.
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कॉन्गो बेसिन
कॉन्गो नदी दुनिया के सबसे पुराने और घने जंगलों को पाल पोस रही है. अफ्रीका के सबसे प्रसिद्ध जानवरों जैसे गोरिल्ला, हाथी और चिंपाजी आदि के घर ये वन ही हैं. लेकिन यहां तेल, सोना और हीरे जैसी बेशकीमती चीजें भी खूब मिलती हैं जो इन वनों के लिए खतरा बन गई हैं.
ब्रुनई, इंडोनेशिया और मलयेशिया में लगभग 14 करोड़ साल पुराने ये जंगल कुछ अद्भुत जीवों के घर हैं. लेकिन लकड़ी, पाम ऑयल, रबर और अन्य खनिजों ने इन वनों को खतरे में डाल दिया है.
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प्रिमोराइ वन
रूस के सुदूर उत्तर में स्थित ये साइबेरियाई बाघ और दर्जनों अन्य ऐसी प्रजातियों को सहेजे हैं जिनका वजूद खतरे में है. इनका दूर होना फिलहाल इन्हें बचाए रखे है लेकिन व्यवसायिकता की आंच यहां भी महसूस होने लगी है.
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वाल्दीवियाई वन
प्रशांत महासागर और आंदेस के बीच एक पतली सी पट्टी पर यह घना वन बसा है. यहां सदियों तक जीवित रहने वाले और धीमा जीवन जीने वाले वृक्ष हैं. लेकिन उनकी लकड़ी के कारण अब वक्त की आरी इन की ओर बढ़ रही है.
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