शार्ली एब्दो पर हमले में शामिल लोगों की मदद करने के आरोप में कोर्ट ने 14 लोगों को दोषी ठहराया. अधिकांश दोषियों ने कहा कि वे आतंकवादी इरादे के बारे में नहीं जानते थे और सिर्फ कम गंभीर अपराध में मदद करने की कोशिश में थे.
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बुधवार 16 दिसंबर को पेरिस की एक अदालत ने 2015 में व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो और एक सुपरमार्केट पर हुए आतंकी हमले में सहयोग करने के आरोप में 14 लोगों को दोषी पाया है. बुधवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान 11 अभियुक्त मौजूद थे जबकि तीन पर सुनवाई उनकी गैर मौजूदगी में हुई, ये तीनों हमले के बाद सीरिया भाग गए थे. इनमें हयात बौमेदीन भी शामिल हैं, जिसके पार्टनर अमेदी कुलबेली ने सुपरमार्केट में हमला कर चार लोगों की जान ले ली थी. बाद में पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया था. बौमेदीन को अदालत ने 30 साल की साल की सजा सुनाई है.
लंबी जांच के बाद आरोपियों को दोषी माना गया है. शेष 11 आरोपियों ने जान पहचान वाले लोगों और जेल के परिचितों के एक समूह का गठन किया, इसके तहत उन्हें छोटे-मोटे अपराध को अंजाम देने के लिए सहयोग के लिए कहा गया था, उदाहरण के लिए हथियारबंद डकैती. अदालत ने एक और आरोपी को दोषी ठहराया है उसका नाम अली रजा पोलाट है, जिसे सुपरमार्केट पर हमला करने वाले अमेदी कुलबेली के लेफ्टिनेंट के तौर पर बताया जाता है. अदालत ने पोलाट को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कई अभियुक्त हमले के पहले कुलबेली से कॉल या मैसेज के जरिए जुड़े हुए थे.
शार्ली एब्दो पर हमला
फ्रांस के सबसे मशहूर कार्टूनिस्टों समेत 17 लोगों की 7 जनवरी 2015 को दो आतंकी हमले में जान चली गई थी. दो भाइयों साएद और शेरिफ कुआशी ने पेरिस में पत्रिका के दफ्तर में घुस कर अंधाधुंध गोलीबारी की. हमले के दौरान एक यहूदी सुपरमार्केट को भी निशाना बनाया गया था. कुलबेली ने एक महिला पुलिसकर्मी की भी हत्याकर कर दी थी. कुलबेली यहूदी सामुदायिक केंद्र पर हमला करने में विफल रहा था. हालांकि दोनों आतंकी घटनाओं को तुरंत साथ नहीं जोड़कर देखा गया था, जांच के बाद पता चला कि कुलबेली ने कोशर सुपरमार्केट में फायरिंग को अंजाम दिया और उस दौरान चार लोग मारे गए थे. अलग-अलग पुलिस कार्रवाई के दौरान तीन हथियारबंद हमलावर मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
शार्ली एब्दो पत्रिका ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापा था जिसके बाद इस्लामी बंदूकधारियों ने संपादकीय टीम पर हमला किया था. अलग-अलग धर्मों के नेताओं का कार्टून बनाने को शार्ली एब्दो अभिव्यक्ति की आजादी मानता है और अकसर यह काम करता है, वहीं मुसलमान पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर या कार्टून को ईशनिंदा के रूप में देखते हैं और इसका विरोध करते हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एपी)
विश्व आतंकवाद सूचकांक में अफगानिस्तान शीर्ष पर
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपने वार्षिक वर्ल्ड टेररिज्म इंडेक्स में अफगानिस्तान को धरती पर सबसे अधिक आतंक से प्रभावित देश बताया है. इस सूची में एशिया और अफ्रीका के भी कई देश शामिल हैं.
तस्वीर: Mohammad Jan Aria/Xinhua/Imago Images
अफगानिस्तान
ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपने वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (2020) में अफगानिस्तान को पहले पायदान पर रखा है. धरती पर सबसे अधिक आतंक प्रभावित देश अफगानिस्तान को 9.59 अंक दिए गए हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/H. Sabawoon
इराक
इराक भी आतंक से प्रभावित देशों में दूसरे स्थान पर है. इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने इराक को 10 में से 8.68 अंक दिए हैं.
तस्वीर: Reuters/G. Tomasevic
नाइजीरिया
तीसरे स्थान पर पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजीरिया है. यहां पिछले कुछ महीनों में जिहादी गुटों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष तेज हुआ है. आतंक से प्रभावित नाइजीरिया को 10 में से 8.31 अंक मिले हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सीरिया
7.77 अंक के साथ सीरिया चौथे स्थान पर हैं. सीरिया में बशर अल असद के खिलाफ कई ऐसे गुटे भी लड़ रहे हैं जिनके रिश्ते इस्लामिक संगठनों से हैं या वे जिहादी संगठन हैं.
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सोमालिया
पांचवें स्थान पर पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया है. विश्व आतंकवाद सूचकांक में इसे 7.64 अंक मिले हैं. यहां पर अल शबाब आतंकी संगठन के आतंकियों का सुरक्षा बलों के साथ लंबे समय से संघर्ष जारी है. सोमालिया में 700 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और अमेरिका वहां से सैन्य कटौती की योजना बना रहा है.
मध्य-पूर्वी देश यमन में शांति दूर-दूर तक नजर नहीं आती है. हूथी विद्रोहियों के साथ ही देश अकाल से भी जूझ रहा है. सूचकांक में इसे 7.58 अंक मिले हैं.
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पाकिस्तान
एशियाई देश पाकिस्तान आतंकवाद से प्रभावित देशों की सूची में सातवें स्थान पर है. पाकिस्तान को संस्था ने 10 में से 7.54 अंक दिए हैं.
तस्वीर: Reuters/M. Raza
भारत
आतंकवाद से प्रभावित देश के रूप में भारत आठवें स्थान पर है. भारत को 10 में से 7.35 अंक दिए गए हैं. भारत का जम्मू-कश्मीर क्षेत्र आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो
नौवें स्थान पर डीआरसी कांगो है. संस्था ने इसे 7.17 अंक दिए हैं. डीआरसी कांगो की अस्थिरता का एक लंबा इतिहास है और यह भी आतंक से प्रभावित देशों में से एक है.
एशियाई देश फिलीपींस को इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने आतंक से प्रभावित देश की सूची में 10वें स्थान पर रखा है. फिलीपींस को 7 अंक मिले हैं. स्रोत:ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस