चीन और कुछ और देशों में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा है. जापान, अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण कोरिया में भी मामलों के बढ़ने की खबरें आ रही हैं.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और चीन में कोविड के नए मामलों में उछाल आया है. मंत्रालय ने राज्यों को विशेष रूप से पॉजिटिव मामलों में जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान देने के लिए कहा है ताकि वायरस की किस्मों को लेकर ताजा जानकारी उपलब्ध रहे.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक ऐसा करने से नई किस्मों को समय रहते पहचाना जा सकेगा और अगर वो देश में फैल रही हों तो उसकी रोकथाम के लिए सही कदम उठाए जा सकेंगे.
भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए इंडियन एसआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टियम या इंसाकोग नाम के नेटवर्क की स्थापना की गई थी. इस नेटवर्क के तहत पूरे देश भर में करीब 50 प्रयोगशालाओं को डाला गया है जहां अलग अलग राज्य अपने अपने सैंपल भेजते हैं.
इस समय चूंकि पहले के मुकाबले संक्रमण के काफी कम मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए सिर्फ चुनिंदा सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब राज्यों से रोज लगभग हर पॉजिटिव सैंपल को इन प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए कहा है.
भारत में स्थिति सामान्य
भारत में अभी नए मामलों को लेकर स्थिति चिंताजनक नहीं हुई है. मंगलवार 20 दिसंबर को देश में संक्रमण के कुल 112 नए मामले और संक्रमण से मौत के तीन मामले सामने आए थे. लेकिन चीन में ताजा हालात को लेकर दुनिया भर में चिंता बनी हुई है.
कुछ हफ्तों पहले चीन के कई इलाकों में सरकार की जीरो-कोविड नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने नीति में ढील दे दी थी, लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस ढील के बाद वहां महामारी के प्रकोप का नया दौर शुरू हो गया है.
चीन की सरकार द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के मुताबिक आने वाले हफ्तों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.
पेकिंग विश्वविद्यालय के फर्स्ट अस्पताल में श्वास विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने अखबार को बताया, "हमें जल्दी कदम उठाने चाहिए और बुखार क्लिनिक, आपात सेवाओं और गंभीर इलाज के संसाधनों को तैयार कर लेना चाहिए."
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नए कदमों की जरूरत?
वांग का अनुमान है कि कोविड की ताजा लहर जनवरी के बाद के हफ्तों में शीर्ष पर पहुंचेगी और फिर फरवरी के अंत तक या मार्च की शुरुआत तक स्थिति सामान्य हो सकती है. रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका, जापान और ब्राजील जैसे देशों में भी नए मामलों में उछालदेखने को मिला है.
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12:15
भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ताजा स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई है, जिसमें आने वाली स्थिति के लिए नए कदमों पर चर्चा हो सकती है. इस समय अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर कोई नए कदम नहीं उठाए गए हैं.
बल्कि पिछले महीने ही नेगेटिव आरटी-पीसीआर सर्टिफिकेट या पूर्ण टीकाकरण सर्टिफिकेट दिखाने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया था. देखना होगा कि बैठक में इन कदमों में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं.
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चे
अमेरिका में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या दस लाख के पार हो गई है. महामारी के दौरान हजारों बच्चों ने अपने माता-पिता या किसी एक को खो दिया है. ऐसे बच्चे अब अचानक से अकेले पड़ गए हैं.
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
"अब तक का सबसे दुखद पल"
14 साल के जूलियस गारसा कंप्यूटर पर गेम खेल कर अपने पिता के खोने के दुख कम करने की कोशिश कर रहे हैं. गारसा के पिता की दिसंबर 2020 में कॉनवर्स, टेक्सस में कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी. गारसा को अपने भाई एडन से ज्यादा याद है कि 2015 में उस दिन से पहले उनका जीवन कैसा था जब मार्ग्रेट और डेविड ने दोनों लड़कों को गोद लिया था. गारसा कहते हैं, "पिता की मौत उसकी जिंदगी का अब तक सबसे दुखद पल था."
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
अपने पिता के जीवन को याद करते बेटे
जूलियस गारसा 14 साल के हैं और उनका भाई एडन गारसा 12 साल का. दोनों हर महीने के तीसवें दिन अपने पिता को याद करते हैं, खासकर अपनी प्रार्थनाओं में. मार्ग्रेट के पति डेविड का जन्मदिन 30 अप्रैल को पड़ता है और 30 दिसंबर, 2020 को कोविड-19 के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी.
तस्वीर: CALLAGHAN O'HARE/REUTERS
हालात को समझने की कोशिश
इस तस्वीर में मार्ग्रेट गारसा अपने बेटे जूलियस को गले लगाते दिख रही हैं. जूलियस की सगी ने मां ने उन्हें और उनके भाई को छोड़ दिया और उनके सगे पिता को सौतेली बहन के यौन शोषण के आरोप में जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद दोनों भाई को देखभाल केंद्र में रखा गया था.
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
इस नुकसान की भरपाई नहीं
जस्टिस मैकगोवन 13 साल की हैं और उनके पिता की भी मौत कोविड महामारी के दौरान हो गई. उनके पिता की मौत को एक साल हो गया है और वह अकेले सीढ़ियों पर बैठकर उन्हें याद कर रही हैं.
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
पिता की तरह
मैकगोवन की मां डॉ. सैंड्रा मैकगोवन वॉट्स अपनी बेटी की दिनचर्या को यथासंभव बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं. पिछली गर्मियों में जब उनके बागान में झाड़ियों को काटने की जरूरत थी, तब जस्टिस ने अपने पिता की उस मशीन को उठाया जिससे वह झाड़ियों को काटते थे.
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
एक साझा परंपरा
मैकगोवन घर पर ओवन में बिस्कुट बना रही हैं, उसी तरह से जैसा वह अपने पिता के साथ बनाती थीं. अमेरिका में कई बच्चों का जीवन रातोंरात बदल गया है और वे अभी भी भावनात्मक चुनौतियों से जूझ रहे हैं.
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
बच्चों के सिर से उठा मां-बाप का साया
किसी भी स्तर पर कोई भी सरकारी कार्यक्रम अमेरिकी बच्चों पर नजर नहीं रख रहा है. जूलियस और एडन की तरह हजारों बच्चे हैं जिनके माता या पिता की मौत कोविड के कारण हो गई है. लेकिन शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि देश में 2,13,000 से अधिक बच्चे हैं जिनके माता या पिता का कोविड-19 के कारण निधन हो गया.
तस्वीर: Callaghan O'Hare/Reuters
जैसे बादलों को छूना
एडन अक्सर अपने पिता के बारे में वर्तमान काल में बात करते हैं, जैसे कि डेविड अभी भी लिविंग रूम में अपनी पसंदीदा कुर्सी पर बैठे हों और अपने 12 साल के बेटे को "स्टार वार्स" फिल्म देखने के लिए बुला रहे हों. एडन कहते हैं, "वह सज्जन इंसान थे. हर बार जब मैं उन्हें गले लगाता तो मुझे ऐसा लगता जैसे मैं बादल को छू रहा हूं."