दक्षिण कोरिया: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चमकती दुनिया
२७ सितम्बर २०२३
उसका चेहरा डीपफेक है. उसका शरीर समान आकार के अभिनेत्रियों की एक टीम का है. लेकिन वह गाती है, न्यूज पढ़ती है और टीवी पर लग्जरी कपड़े बेचती है. मिलिए दक्षिण कोरिया के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ह्यूमंस से.
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दक्षिण कोरिया के सबसे सक्रिय वर्चुअल इंसानों में से एक जाइन से मिलिए. जिसे एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी पल्स9 ने बनाया है. इस कंपनी ने कॉर्पोरेट विचारों को वास्तविकता बनाने के काम को अंजाम देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई की एक उत्कृष्ट कृति बनाई है, जो कंपनी के लिए एक आदर्श कर्मचारी है.
पल्स9 ने शिनसेगाई समेत दक्षिण कोरिया के कुछ सबसे बड़े समूहों के लिए डिजिटल ह्यूमंस तैयार किए हैं, जिनका वैश्विक बाजार 2030 तक 527 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
क्या है कलाकारों की क्रिएटिविटी का रहस्य
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एआई ह्यूमंस हर जगह
दक्षिण कोरिया में एआई संचालित रोबोट न केवल विश्वविद्यालयों में छात्रों के रूप में नामांकित हुए हैं, बल्कि प्रमुख कंपनियों में ट्रेनिंग कार्यक्रमों का हिस्सा बन गए हैं और नियमित रूप से भोजन से लेकर लग्जरी हैंडबैग तक के प्रोडक्ट्स बेचते हुए लाइव टेलीविजन शो में दिखाई देते हैं.
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हालांकि पल्स9 का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है. कंपनी की प्रमुख पार्क जी-यून ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हम एआई के मानव इस्तेमाल का विस्तार करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने पर काम कर रहे हैं."
जाइन का चेहरा 'डीप लर्निंग एनालिसिस' की मदद से तैयार किया गया है. यह एक एआई तकनीक है जो कंप्यूटर को बहुत जटिल डाटा को प्रोसेस करना सिखाती है. पिछले दो दशकों में के-पॉप संगीत समूहों के कुछ चेहरों को इस पद्धति का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है.
कैसे काम करती है जाइन
पार्क ने बताया 10 से अधिक मानव एक्टर्स जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग प्रतिभाएं हैं- जैसे गाना गाना, डांस करना, एक्टिंग से लेकर रिपोर्टिंग तक जाइन को एनिमेट करने में मदद करते हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी ने एक अभिनेत्री से मुलाकात की जो दक्षिण कोरियाई प्रसारक एसबीएस के लिए लाइव कार्यक्रम में जाइन के रूप में रिपोर्ट करने की तैयारी कर रही थी. कंपनी की नीति के कारण अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अभिनेत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि यह उन लोगों के लिए एक अच्छी प्रैक्टिस हो सकती जो सेलिब्रिटी बनना चाहते हैं और यही मुझे पसंद है."
पल्स9 के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सभी मानव कलाकारों की पहचान छुपा दी जाती हैं और उनके असली चेहरे नहीं दिखाए जाते. अपनी प्रोफाइल को निजी रखने के सख्त नियमों के बावजूद अभिनेत्री ने कहा कि एक वर्चुल व्यक्ति के रूप में काम करने से उनके लिए नए दरवाजे खुल गए हैं. अभिनेत्री ने कहा, "आम तौर पर किशोरावस्था और युवावस्था में बहुत से लोग के-पॉप के आदर्श बन जाते हैं. मैं उस उम्र को पार कर चुकी हूं, लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करने में सक्षम होना अच्छा है."
उस अभिनेत्री ने कहा, "मैं एक मर्द के रूप अभिनय की कोशिश करना पसंद करूंगी अगर मैं अपनी आवाज अच्छी तरह संभाल सकती हूं या फिर एक विदेशी के रूप में एक्टिंग करना चाहूंगी. यह कुछ ऐसा है जो मैं असल जीवन में नहीं कर सकती."
पार्क ने कहा कृत्रिम इंसान बनाने के लिए असली लोगों की जरूरत पड़ती रहेगी. उनका कहना है, "भविष्य में जब तक वास्तव में कोई मजबूत एआई नहीं बन जाती जो हर कार्य खुद कर सके तब भी इंसानों की जरूरत बनी रहेगी."
एए/सीके (एएफपी)
एआई पर कैसे कानून बनाएंगी सरकारें?
एआई में हो रही तरक्की से कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं. दुनियाभर में सरकारें तकनीक के इस्तेमाल को लेकर कानून बनाने की कोशिश कर रही हैं. जानिए कि एआई टूल्स को रेगुलेट करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
तस्वीर: ingimage/IMAGO
अमेरिका
अप्रैल 2023 में सेनेटर माइकल बेनेट ने एक बिल पेश किया, जिसमें एआई पर नीतियां बनाने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव था. साथ ही, इसमें यह भी देखे जाने की बात कही गई कि निजता, नागरिक अधिकार और यथोचित प्रक्रिया पर संभावित खतरों को कैसे घटाया जाए. बाइडेन प्रशासन ने भी कहा है कि वह एआई सिस्टमों की जिम्मेदारी तय करने पर जनता की भी राय लेगी.
तस्वीर: Jaap Arriens/NurPhoto/picture alliance
ऑस्ट्रेलिया
यहां "दी साइंस एडवाइजरी कमेटी" (एसएसी) विज्ञान से जुड़े मामलों में परामर्श देने वाली मुख्य समिति है. सरकार इससे सलाह लेकर अगले कदमों पर विचार कर रही है.
तस्वीर: Andrea Verdelli/Getty Images
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने मार्च में बताया था कि एआई के नियमन के लिए नया विभाग बनाने की जगह मानवाधिकार, स्वास्थ्य-सुरक्षा जैसे पक्षों को देखने वाले मौजूदा रेगुलेटरों में ही जिम्मेदारी बांटी जा रही है. फाइनैंशल कंडक्ट अथॉरिटी समेत कई सरकारी विभागों को एआई से जुड़ी नई गाइडलाइनों की रूपरेखा बनाने का जिम्मा सौंपा गया है. तस्वीर में: एआई की बनाई ब्लैक होल की एक तस्वीर.
तस्वीर: ingimage/IMAGO
चीन
चीन, एआई के इस्तेमाल और संभावित खतरों से भी चिंतित है. कारोबारी ईलॉन मस्क ने अपनी हालिया चीन यात्रा में अधिकारियों से हुई मुलाकात के बाद बताया कि चीन की सरकार अपने यहां एआई से जुड़े नियम बनाएगी. इससे पहले अप्रैल में साइबरस्पेस अडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (सीएसी) ने जेनरेटिव एआई सेवाओं के प्रबंधन से जुड़े मापदंडों का मसौदा पेश किया था.
तस्वीर: Omar Marques/SOPA/ZUMA/picture alliance
यूरोपीय संघ
यूरोपीय संसद इसी महीने ईयू के एआई ऐक्ट का मसौदा बनाने पर वोट करने वाला है. यूरोपियन कंज्यूमर ऑर्गनाइजेशन ने भी चैटजीपीटी और अन्य एआई चैटबोट्स पर चिंता जताई है. उसने ईयू की कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसियों से इस तकनीक से लोगों को होने वाले संभावित नुकसान की पड़ताल करने की भी अपील की है.
तस्वीर: Andreas Franke/picture alliance
फ्रांस
अप्रैल 2023 में फ्रांस की डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी सीएनआईएल ने बताया कि वह चैटजीपीटी से जुड़ी कई शिकायतों की जांच कर रहा है. इसका संदर्भ निजता से जुड़े कानूनों के संभावित उल्लंघन की आशंका के मद्देनजर इटली में चैटबॉक्स पर लगे अस्थायी बैन से जुड़ा है.
तस्वीर: Knut Niehus/CHROMORANGE/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल इनोवेशन अथॉरिटी में नेशनल एआई प्लानिंग के निदेशक जिव कत्सिर ने बीते दिनों बताया कि पिछले करीब 18 महीनों से एआई रेगुलेशन्स पर काम हो रहा है. मकसद है नई खोज, मानवाधिकार की सुरक्षा और नागरिक हितों के बीच सही संतुलन बनाना. अक्टूबर 2022 में इस्राएल ने 115 पन्नों की एआई पॉलिसी का मसौदा जारी किया था. आखिरी फैसला लेने से पहले जनता से भी फीडबैक लिया जा रहा है.