बहुत से लोग अब सिगरेट छोड़ ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसमें आप निकोटीन की मात्रा खुद निर्धारित कर सकते हैं. तो क्या सिगरेट की लत को छुड़वाने के लिए ई-सिगरेट का सहारा लिया जा सकता है?
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धूम्रपान सेहत के लिए ही खतरनाक नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी इसकी बड़ी मार पड़ रही है. WHO और अमेरिकन कैंसर सोसायटी का कहना है कि धूम्रपान की वजह से विश्व अर्थव्यवस्था को 2012 में 1.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
सिगरेट के छल्लों में उड़ गए 1.4 ट्रिलियन डॉलर
धूम्रपान सेहत के लिए ही खतरनाक नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी इसकी बड़ी मार पड़ रही है. WHO और अमेरिकन कैंसर सोसायटी का कहना है कि धूम्रपान की वजह से विश्व अर्थव्यवस्था को 2012 में 1.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
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बड़ी चपत
जानकारों का कहना है कि दुनिया की जी़डीपी का दो फीसदी हिस्सा धूम्रपान की भेंट चढ़ रहा है. इनमें एक तरफ बीमारियों का इलाज और अस्पतालों की सुविधा पर होने वाला खर्च है तो दूसरी तरफ बीमारी या मौत की वजह से होने वाला कामकाज का नुकसान है.
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तंबाकू महामारी
टोबैको कंट्रोल जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, "दुनिया धूम्रपान की बड़ी आर्थिक कीमत चुका रही है, खासकर यूरोप और उत्तर अमेरिका में तंबाकू नाम की यह महामारी बहुत आगे बढ़ गई है."
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लगाम लगानी होगी
स्टडी के मुताबिक, धूम्रपान से होने वाले नुकसान के ताजा आंकड़े बताते हैं कि इस पर तत्काल लगाम लगाना कितना जरूरी है. और इसके लिए नियमों को और सख्त करना होगा.
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व्यापक अध्ययन
इस रिपोर्ट में 152 देशों से जमा जानकारी को शामिल किया गया है, जिसमें अफ्रीका, अमेरिका, लैटिन अमेरिका, पूर्वी भूमध्यासागर क्षेत्र, यूरोप, दक्षिणपूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत इलाका शामिल हैं. साथ ही संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक के आंकड़े भी इसमें शामिल किए गए हैं.
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21 लाख मौतें
रिपोर्ट कहती है कि 2012 में 30-69 साल के वर्ग में हुई सभी मौतों में से 12 प्रतिशत यानी 21 लाख मौतें धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के चलते हुईं. सबसे ज्यादा मौतें यूरोप और अमेरिका-लैटिन अमेरिका में हुईं.
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सेकंड हैंड स्मोक
इस रिपोर्ट में सेकंड हैंड स्मोक यानी किसी दूसरे के धूम्रपान करने से होने होने वाले नुकसान को शामिल नहीं किया गया है. तंबाकू चबाने को भी शामिल नहीं किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक सेकंड हैंड स्मोक से दुनिया भर में हर साल साठ लाख मौतें होती हैं.
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कैसे निपटें
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि तंबाकू लोगों की सेहत के लिए सबसे बड़े खतरों में शामिल है और इस पर टैक्स लगाकर इससे बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है.
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मोटी कमाई
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया में सिर्फ 33 देशों ने अब तक तंबाकू उत्पादों पर टैक्स लगाए हैं. तंबाकू से मिलने वाला राजस्व उसे नियंत्रित करने पर खर्चे जाने वाली राशि से 269 गुना ज्यादा है.