नई दिल्ली में जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक का आयोजन हो रहा है. भारत विकासशील देशों के मुद्दों को चर्चा का केंद्र बनाना चाह रहा है, लेकिन यूक्रेन पर चर्चा से बचना शायद मुश्किल रहेगा.
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जी20 की बैठक मुख्य रूप से गुरूवार दो मार्च को होगी. बैठक के लिए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव समेत कई देशों के विदेश मंत्री भारत आ चुके हैं और कई और आने वाले हैं. यूक्रेन युद्ध के एक साल के बाद भी चलते रहने की पृष्ठभूमि में हो रही इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
लावरोव दिल्ली पहुंच कर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले और दोनों नेताओं ने कई विषयों पर बातचीत की. जी20 के मौजूदा अध्यक्ष होने के नाते भारत का काम है सभी सदस्य देशों के लिए जरूरी मुद्दों के बीच संतुलन बनाना, लेकिन जैसा कि इससे पहले बेंगलुरु में हुई समूह के वित्त मंत्रियों की बैठक में देखा गया, यह काम बेहद मुश्किल होता जा रहा है.
बेंगलुरु की बैठक में भारत बिल्कुल नहीं चाह रहा था कि यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हो. लेकिन पश्चिमी देशों ने जोर देकर कहा कि अगर बैठक के नतीजे में रूस की निंदा को शामिल नहीं किया जाएगा तो वो उसका समर्थन नहीं करेंगे. अंत में एक साझा विज्ञप्ति की जगह बस एक बयान जारी हो पाया और उस पर भी चीन और रूस ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया.
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यूक्रेन पर दुविधा
नई दिल्ली में विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले एक प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि बैठक के सत्रों में वैश्विक साउथ के देशों के मुद्दों को सामने रखने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि 'रूस-यूक्रेन संघर्ष' पर चर्चा होगी.
इस बैठक में संयुक्त बयान पर सहमति हो पाएगी या नहीं पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैठक का नतीजा क्या होगा यह अभी से कहा नहीं जा सकता है. जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा बैठक के लिए नहीं आ रहे हैं और इस बात पर बहस चल रही है कि क्या जापान भारत को किसी तरह का संकेत दे रहा है.
यूक्रेन युद्ध: जो पुतिन ने सोचा, उसका उल्टा हुआ
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लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक क्वात्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि योशिमासा घरेलु व्यस्तताओं की वजह से नहीं आ पा रहे हैं और भारत और जापान के बीच काफी अच्छा सहयोग है.
क्या कहेंगे लावरोव
इससे पहले इंडोनेशिया के बाली में हुई जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में लावरोव के संबोधन के बाद विवाद खड़ा हो गया था क्योंकि लावरोव अपनी बात कह कर कमरे से निकल गए थे. यह उसके बाद पहली ऐसी वैश्विक बैठक है जिसमें लावरोव दूसरे, विशेष रूप से पश्चिमी, देशों के विदेश मंत्रियों से मिलेंगे.
बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और चीन के विदेश मंत्री किन गांग के भी शामिल होने की उम्मीद है. चीन ने हाल ही में यूक्रेन युद्ध के अंत के लिए प्रस्ताव भी पेश किया है और बैठक में उस पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
पश्चिम के देशों ने इस प्रस्ताव के प्रति संशय व्यक्त किया है. रूस ने प्रस्ताव का स्वागत किया है लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के मुताबिक रूस इस समय युद्ध के एक शांतिपूर्ण समाधान के लिए शर्त को मानने की स्थिति में नहीं है.
(डीपीए के इनपुट के साथ)
यूक्रेन के नाम एक प्रेम-पत्र
नतालिया व्लासेंको रूस के हमले से पहले यूक्रेन के ओडेसा में एक टूर गाइड का काम करती थीं. युद्ध शुरू होने के एक साल बाद नतालिया बता रही हैं कि युद्ध की गिरफ्त में फंसे अपने देश की कौन से बात उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है.
तस्वीर: N. Vlasenko/S. Kinka/O. Goldayeva
मेरा प्यारा ओडेसा
मेरा दिल यूक्रेन के पास है. मुझे यात्रा करना और नई जगह पर जाना बहुत पसंद है, लेकिन मैं हमेशा घर लौट कर खुश हो जाती हूं. मैं मूल रूप से ओडेसा से हूं, जो एक सुंदर शहर है. इसका ऐतिहासिक केंद्र यूरोपीय शिल्प से प्रेरित है. यहां वो शानदार ओपेरा थिएटर भी है जिसे विएना के शिल्पकारों ने डिजाइन किया था. मुझे प्रिमोर्स्की बुलेवार्ड भी पसंद है. वहां इस शहर के पहले मेयर ड्यूक द रिशलू का स्मारक है.
तस्वीर: N. Vlasenko/S. Kinka/O. Goldayeva
शांति देने वाला ब्लैक सी
मुझे ओडेसा की खुली मानसिकता, समुद्र से करीबी, सकारात्मक वातावरण और खूब सारी धूप बहुत पसंद है. युद्ध से पहले मैं दोस्तों से मिलने, या पिकनिक के लिए या सूर्योदय देखने के लिए समुद्र के किनारे तक पैदल जाना पसंद करती थी. ओडेसा में हम कहते हैं कि समुद्र किसी भी दुख को कम कर सकता है, दर्द मिटा सकता है और आपके मूड को आनंदित कर सकता है.
तस्वीर: Natalia Vlasenko
बतौर टूर गाइड मेरा काम
पर्यटन में डिग्री और शिल्पकला और इतिहास के प्रति प्रेम की वजह से मैं 2016 में एक गाइड के तौर पर काम करने लगी. मैं पर्यटकों को ओडेसा और इस इलाके के टूर पर ले जाती थी. अलग अलग देशों के लोगों से मिलना, सांस्कृतिक आदान प्रदान का आनंद लेना और विदेशी यात्रियों को यूक्रेन दिखाना बहुत अच्छा लगता था. मैं अभी भी उनमें से कई से संपर्क में हूं. युद्ध शुरू होने के बाद उन्होंने मुझे प्रोत्साहन संदेश भेजे हैं.
तस्वीर: Natalia Vlasenko
शिल्पकला के लिए प्रेम
अगर कोई मुझसे पूछे कि मुझे सबसे ज्यादा क्या पसंद है तो मेरा जवाब होगा यूक्रेन की शिल्पकला की मिसालों को खोजना और उनकी तस्वीरें लेना. मुझे ऐतिहासिक इमारतें, पुराने लकड़ी के दरवाजे और संगमरमर की सीढ़ियां पसंद हैं. ओडेसा में मैंने आंगनों को समर्पित एक खास पैदल टूर बनाया था. ओडेसा के आंगन अपने आप में एक छोटी सी दुनिया की तरह होते हैं और उनका एक खास वातावरण होता है.. और बहुत सारी बिल्लियां भी!
तस्वीर: Natalia Vlasenko
लवीव, एक आकर्षक शहर
ओडेसा के बाद यूक्रेन में मेरा दूसरा मनपसंद शहर है लवीव. यह एक सांस्कृतिक राजधानी है क्योंकि युद्ध से पहले लवीव को उसके आरामदायक कैफे, त्योहारों, पूर्वी यूरोप के सबसे बड़े पुस्तक-मेले और जबरदस्त इमारतों के लिए जाना जाता था. पुराना शहर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और वहां रेनेसां, बरोक, क्लासिसिस्ट और आर्ट नोवो शिल्पकलाएं हैं. यह सच में नायब है.
तस्वीर: N. Vlasenko/S. Kinka/O. Goldayeva
लवीव की शिल्पकला
लवीव में अपनी दोस्त इरिना के साथ मिल कर मैं शहर के शिल्प को देखने के लिए पैदल टूर आयोजित करती थी. हम पुराने आंगन और इमारतें और उनमें छिपी हुई सुंदरता खोजने जाया करते थे. अकसर हमें खुशकिस्मती से किसी छत पर दुर्लभ चित्र या सजीले जड़ाऊ काम के फर्श मिल जाया करते थे. युद्ध शुरू होने से पहले मैं आखिरी बार लवीव गई थी और मैं उस यात्रा की यादों को अपने दिल के करीब रखती हूं.
तस्वीर: N. Vlasenko/S. Kinka/O. Goldayeva
कार्पेथियन पहाड़
यूक्रेन का सौभाग्य है कि उसके पास समुद्र और मनोरम पहाड़ दोनों हैं. कार्पेथियन पहाड़ हर महीने में सुंदर दिखते हैं. यात्री अकसर यहां पर्वतारोहण करने, हाइक करने, ईकोपर्यटन का आनंद लेने, दुर्लभ खाने का स्वाद लेने और स्थानीय संस्कृति और परंपरा के बारे में जानने आते थे. एक बार मैंने अपना जन्मदिन पैलिपेट्स नाम के गांव में मनाया, जहां मैंने पहली बार केबल कार पर यात्रा की. ये मेरी पसंदीदा यादों में से हैं.
तस्वीर: N. Vlasenko/S. Kinka/O. Goldayeva
एक ऐतिहासिक शहर, चेर्निहीव
जब मैं एक टूर गाइड का काम करती थी तो लोगों को वीकेंड पर ओडेसा से चेर्निहीव ले जाया करती थी. वह एक काफी पुराना शहर है जहां की शिल्पकला बहुत अच्छी है. वहां कई पुराने चर्च हैं, जिनमें से कुछ तो 13वीं शताब्दी के हैं. इस शहर को बहुत नुकसान हुआ है और कई लोग मारे गए हैं. मेरे पास अपने दुख को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं.
तस्वीर: Natalia Vlasenko
यूक्रेन की विविध सुंदरता खतरे में
यूक्रेन के हर इलाके के अपने दृश्य और अपनी प्राकृतिक सुंदरता है. खेरसों प्रांत के असकानिया नोवा बायोस्फियर रिजर्व से लेकर खारकीव के स्मारकों की शिल्पकला तक. और भी बहुत कुछ है मेरे यूक्रेन में. उम्मीद है कि युद्ध के बाद हर वो चीज जो टूट गई है उसे उसका पुराना गौरव फिर से लौटा दिया जाएगा. (नतालिया व्लासेंको)